मुंबई39 मिनट पहले
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने 13 साल की लड़की से 26 साल की लड़की को रिहा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दोनों का अफेयर चल रहा था। उनके बीच शारीरिक संबंध प्रेम के रहते थे, दर्शन के नहीं।
उच्च न्यायालय जजोहोश जोशी-फाल्के ने कहा कि वह लड़की नाबालिग ही थी, लेकिन पुलिस को पता चला कि वह अपने घर में ही अवैध रूप से रहने वाले अविनाशी ढाबेराव के साथ रह रही थी। इसके अलावा हमारे अलावा ये भी देखना होगा कि अम्मा की उम्र भी सिर्फ 26 साल है।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि जिस सेक्सुअल रिलेशनशिप की बात यहां हो रही है, वह दो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र था, न कि लड़के ने अपनी इच्छा के अनुसार पीड़ित के साथ जोर-जबरदस्ती की।
लड़के के साथ रहने के लिए घर से भागी थी नाबालिग लड़की
अगस्त 2020 में लड़की के पिता ने लड़की की गुमशुदगी रिपोर्ट की लिखावट थी। जब पुलिस ने लड़की की तलाश की तो उसने बताया कि वह गर्भपात के साथ है, इसलिए वह अपना घर छोड़ आई है। उसने पुलिस को बताया कि मॉबस्टर ने उसकी शादी का भी वादा किया था इसलिए वह घर से बोली और रुपये चुराकर भाग गई थी और उसके साथ रह रही है।
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पति के चरित्र पर तलाक का आरोप तलाक का आधार:हाईकोर्ट ने कहा- पत्नी
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर कोई महिला अपने पति पर एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर्स के कागजात पर आरोप लगाती है और उसे वुमनजिरेटर यानी कई महिलाओं से अवैध संबंध रखने वाले के तौर पर पेश किया जाता है, तो यह दोस्ती कहलाएगी। इसका आधार पति तलाक हो सकता है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
आत्महत्या का प्रयास, दोषी पति-ससुरालवालों पर लाॅन्च डेंटल है: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- पति को आत्महत्या करने का खतरा देना भी नारायन
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 9 जनवरी को कहा कि आत्महत्या का प्रयास करना और इसका दोष है पति, उनके परिवार पर प्रशिक्षण है। जस्टिस सुरेश कुमार कैट की लोधी वाली बेंच ने कहा- ऐसे मामलों में परिवार को बंधक बनाने का खतरा लगातार बना रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना है कि बार-बार आत्महत्या का खतरनाक अंत या आत्महत्या का प्रयास करना मानक है। पूरी खबर यहां पढ़ें…