नई दिल्ली23 मिनट पहले
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बीजेपी ने रविवार को बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से रैली के लिए अपनी रैली की घोषणा की है। यूपी से अभिषेक सिंह, सुधांशु विद्यार्थी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन को क्रांतिकारी उम्मीदवार बनाया गया है।
हरियाणा से सुभाष बराला, बिहार से धर्मशिला गुप्ता और भीम सिंह, उत्तराखंड से महेंद्र भट्ट, बंगाल से सामिक भट्टाचार्य, कर्नाटक से नारायणा कृष्णा भांडगे और छत्तीसगढ़ से राजा राजा प्रताप सिंह का नाम सूची में शामिल है।
27 फरवरी को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। इसी दिन वोटिंग के बाद चुनाव के मसौदे का विमोचन कर दिया जाएगा। नामांकन की अंतिम तिथि 15 फरवरी है।
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छत्तीसगढ़: राजा महाराजा प्रताप सिंह रियासत प्रत्याशी
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ से राजा महाराजा प्रताप सिंह को राज्यसभा का दावेदार बनाया है। छत्तीसगढ से मैसूर मोनोसैयि पैथोना का सन्देश अप्रैल में ख़त्म होने वाला है। सरोजोहा छत्तीसगढ़ की पहली आबादी। टैब 49 लालच वाली भाजपा की सोनिया सरोज पांडे को 51 वोट मिले थे। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका था, जब राज्य के लिए मतदान हुआ। पिछली बार कांग्रेस ने लेखीराम साहू को हटा दिया था, लेकिन उनकी पार्टी को पूरे वोट नहीं मिले।
उत्तर प्रदेश: संगीता बलवंत, छात्रसंघ उपाध्यक्ष से राजनीतिक राजनीति की शुरुआत हुई
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यूपी के मंझौल जिले में रहने वाली संगीता बलवंत को भी भाजपा साझे में भेजा जा रहा है। 2022 चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ की सरकार की रूपरेखा में मंत्री डॉ. संगीता बलवंत को जगह मिली थी। डॉ. संगीता बलवंत का जन्म ग़ैरमामूली में हुआ। इनके पिता स्व. रामसूरत बिंद एंटरप्राइज़ पोस्टमैन थे। विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति का शौक रहा है।
इसके साथ-साथ उन्हें पढ़ाई और कविता का बहुत शौक रहा। डॉ. संगीता स्थानीय पिरामिड कॉलेज, मिर्ज़ा छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रह रहे हैं। इनका विवाह स्थानीय जमानियां में डॉ. अविश्वास से हुआ है, जो होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. संगीता बीजेपी के टिकटों पर चुनावी लड़कियां और रिहायशी घोषित हुई थी।
डॉ. संगीता होने के साथ-साथ एक लेखिका भी हैं और साहित्य में रुचि लिखी हैं। डॉ. संगीता बींद (ओबीसी) जाति से आते हैं, और जाति में ये वोट बैंक काफी संख्या में है। ये जमानियां क्षेत्र से दरभंगा जिला पंचायत सदस्य भी रह रहे हैं।
आगरा के पूर्व मेयर रह रहे बड़े दिग्गज नवीन जैन
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न्यू जैन नगर के सबसे बड़े लैपटॉप में आते हैं। बीजेपी में उनकी अच्छी पकड़ है, वो कई बड़े नेताओं के करीबी भी माने जाते हैं। 2017 में जब वे आगरा के मेयर चुनाव में लड़े थे तो उस वक्त उनके पास 400 करोड़ रुपये की घोषित संपत्ति थी। न्यू जैन 2017 में नगर निगम चुनाव लड़ने वाले सबसे अमीर लोग थे। इस बार भी आगरा मेयर सीट पर उनकी नामांकनी पक्की मनी जा रही थी, लेकिन तब इस सीट पर एससी महिला के लिए नामांकन हो गया था। इसलिए इस बार जैन मेयर चुनाव में कोई लड़की नहीं मिली।
चंदौली से बीजेपी विधायक रही साधना सिंह, सिद्धार्थ पर दी थी सहमति
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चंदौली के मुगल मंडल सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2014 में विधायक चुने जाने से पहले साधना सिंह चंदौली जिले के व्यापार मंडल के नेता के रूप में जानी जाती थीं। वर्ष 2000 में राजनीति में कदम रखने वाली साधना सिंह ने जिला सदस्य पंचायत के रूप में भी चंदौली से विजय हासिल की थी।
2017 में भी साधना सिंह विधायक बनीं, लेकिन 2022 के चुनाव में वह हार गईं। जनवरी 2019 में चंदौली जिले से भाजपा विधायक साधना सिंह सुप्रीमो बसपा पर अभद्र भाषा का उपयोग करके एक बार फिर से चर्चा की गई।
3 बार विधायक रहे हैं अरुण सिंह
एपीएन सिंह विपक्ष पडरौना से 3 बार विधायक रहे हैं, 2009 में विपक्ष से सांसद भी बने, लेकिन 2014 और 2019 के चुनाव में हार गए।
उत्तराखंड: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्लाजा का टिकट
उत्तराखंड से यूक्रेन के लिए महेंद्र भट्ट का नाम तय किया गया है। वे अज्ञात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं। सामुद्रिक तिब्बती कम्युनिस्ट अनिल बलूनी की जगह। भट्ट बद्रीनाथ से विधायक भी रह चुके हैं।
कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?
संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए चुनाव की प्रक्रिया अन्य चुनावों से काफी अलग है। अल्ट्रासाउंड के सदस्य सुपरमार्केट के रूप में चुने जाते हैं। अर्थात सामुहिक संघ का चुनाव सीधे तौर पर जनता नहीं करती है, बल्कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि, सामुहिक सदस्यों को योगदान देते हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान कौन करता है?
यूक्रेन चुनाव में राज्यों के विधायक मतदान कर रहे हैं। इस चुनाव में सीधी जनता वोट नहीं करती है। इस चुनाव में जिस पार्टी के पास नामांकन की संख्या अधिक है, उस पार्टी के समाजवादी उम्मीदवार की जीत तय है।
कैसे लागू होते हैं डेमोक्रेट?
संग्रहालय का पंजीकृत राज्य का नक्शा के आधार पर होता है। जिस राज्य में नामांकित हैं उस राज्य में एक ही खाते से जुड़े हुए स्थान हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 31 से ज्यादा पर्यटक आए हैं। राज्यसभा को संसद का सदन कहा जाता है।
संगम का अधिवेशन
संस्था एक संवैधानिक सदन है। यानि कि ये कभी भंग नहीं हो सकता। इसका एक घटक सदस्य हर दो वर्ष के बाद होता है। राज्यसभा का सत्र छह साल का होता है। मासूम का नाम पांच साल का होता है और वह शापित सदन है।
पुनः आरंभ की संख्या
देश में संग्रहालय की कुल संख्या 245 है। इनमें से 233 सदस्यों को संग्रहालय के रूप में चुना जाता है और 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत किया जाता है।