बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों ने दाहोद जिला सिंगवाड गुजरात सुप्रीम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया | बिलकिस बानो के 11 ग्राफिक्स ने सरेंडर का निर्माण किया: दो रिकॉर्ड्स में प्लॉट गोधरा जेल क्षेत्र; 21 जनवरी को सरेन्दर की अवधि समाप्त हो गई थी

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वरा9 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को बिलकिस बानो केस के सभी 11 दोषियों की सरेंडर अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी और 21 जनवरी तक सरेंडर करने का आदेश दिया था।  - दैनिक भास्कर

सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को बिलकिस बानो केस के सभी 11 दोषियों की सरेंडर अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी और 21 जनवरी तक सरेंडर करने का आदेश दिया था।

बिलकिस बानो जीआरपी केस के 11 आरोपी ने रविवार (21 जनवरी) देर रात गोधरा जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी 2002 को बिलकिस से जीडीपी के नाम को लेकर समय से पहले रियो करने के लिए गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते यानी 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा था।

सरेंडर करने वाले सभी 11 मिट्टी के दो टुकड़े दाहोद जिले के सिंगवाड से गोधरा उप-जेल क्षेत्र में सवार होकर निकले। इनमें मशहूर राइटर्स शाह, गोविंद नै, केसर वोहनिया, बाका वोहनिया, रेस्टलेस सोनी, राकेश चंदना, शैलेश भट्ट, बिपिन जोशी, प्रदीप मोधिया और मितेश भट्ट शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, सभी चार को ट्रैक किया गया था। सरेंडर के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।

19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने की थी याचिका को खारिज कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (19 जनवरी) को बिलकिस बानो गैंग के 11वें दोषियों के सरेंडर की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस बीवी नागात्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि प्रशांत ने सरेंडर के लिए समय बढ़ाने के लिए जो कारण बताए हैं, वे दम नहीं हैं। किसी ने अपने बेटे की शादी, किसी ने पैर की सर्जरी, किसी ने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, किसी ने मछली की कटिंग का कारण, सरेंडर की तारीख बढ़ाने की मांग की थी।

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