बालक राम कथा | अयोध्या राम मंदिर राम लला मूर्ति (बालक राम) | श्रीरामलला के नए मूर्तिकार का नाम ‘बालक राम’ होगा: प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े पुजारी बोले- प्रभु के बच्चे की तरह-तरह की बातें हैं, सिद्धांत उम्र 5 साल है

अयोध्या4 मिनट पहले

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अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान की तस्वीरें।  - दैनिक भास्कर

अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान की तस्वीरें।

अयाेध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई श्रीरामलला के नए विग्रह को ‘बालक राम’ के नाम से जाना जाएगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया- नए मूर्तिकार का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह हैं, आकार उम्र 5 साल है।

वाराणसी में रहने वाले अरुण दीक्षित ने बताया कि पहली बार जब मैंने मूर्ति का अवलोकन किया, तो मेरी खुशी का अनुमान नहीं लग रहा था। मेरी आँखों में खुशियों के फूल खिले हुए हैं। उस समय मुझे जो भावना हुई, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

उन्होंने आगे कहा कि अब तक मैं 50-60 बड़े अभिषेक में शामिल हो रहा हूं, लेकिन मेरे जीवन का यह सबसे अलौकिक, दिव्य और सर्वोत्तम कार्यक्रम है। मिशेल ने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी।

प्राण-प्रतिष्ठा में 6 यजमान सम्मिलित हुए
सोमवार यानि 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूजा में पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत 6 यजमान शामिल हुए। इसके बाद मोदी ने करीब 35 मिनट का भाषण दिया। पीएम ने कहा- कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बनेगा तो आग लगेगी. राम मंदिर को कोई आग नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा के दौरान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा के दौरान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की।

पुरानी मूर्ति नई मूर्ति के सामने आ गई
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, रामलला की प्राचीन मूर्ति, जो पहले एक विशालकाय मंदिर में स्थापित की गई थी। उसे भी एक नई मूर्ति के रूप में सामने रखा गया है। मूर्ति के लिए अध्यात्म, रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम् जैसे ग्रंथों पर गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं।

मूर्ति को बनारसी कपड़े से बेच दिया गया
मूर्तिकारों को बनारसी कपड़े से सिखाया गया है, जिसमें एक बड़ा हिस्सा धोती और एक लाल ‘पताका’ या ‘अंगवस्त्रम’ है। ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से जोड़ा गया है, जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक-शंख, पद्म, चक्र और मृदुल शामिल हैं।

रामलला ने धारण किया 5 किलो सोने का आभूषण
5 साल के बच्चे के रूप में रामलला के सोने के आभूषणों को देखकर लोग भाव-विभोर हो गए। विश्वासपात्रों के अनुसार, 200 बच्चों की प्रतिमा से लेकर 5 किलो के सोने के आभूषण गायब हैं। नख से ललाट तक भगवान जवाहरातों से सजाये गये हैं। रामलला के पास सिर पर सोने का मुकुट वस्त्र है।

मुकुट में माणिक्य, पन्ना और रत्न लगे हुए हैं। बीच में सूर्य अंकित हैं। ददं ओर मोतियों की लड़कियाँ हैं। वहीं, कुंडल में मृदु शीर्षयां बनी हुई हैं। इसमें सोना, हीरा, माणिक्य और पन्ना भी लगा है। ललाट पर मंगल तिलक है। इसे स्टोर और माणिक्य से बनाया गया है। कमर में जड़वत करधनी है। इसमें छोटी-छोटी पांच घंटियां भी शामिल हैं। दोनों हाथों में रत्न जड़ते हैं। बाएं हाथ में सोने का धनु और बाएं हाथ में सोने का बाण है।

तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनी मूर्ति
मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई 51 इंच की मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की कृष्णा शिला की खुदाई मियां के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। यह एक महीन से मध्यम दानव वाली स्काई-नीली मेटामॉर्फिक चट्टान है, जो आम तौर पर इसकी शुरुआत की सतह की मजबूती के कारण सोपस्टोन कहा जाता है।

कृष्ण शिला रामदास (78) की कृषि भूमि को इतना समय मिला था। इसके बाद एक स्थानीय शास्त्रीय ने पत्थर की गुणवत्ता का चित्रण किया था। इसके बाद अयोध्या में मंदिरों के ट्रस्टियों से बात की गई।

2 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए रामलला के दर्शन
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंगलवार 23 जनवरी से मंदिर में आम लोगों के दर्शन शुरू हो जाएंगे। रात 3 बजे से ही दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़। रामलला के दर्शन के लिए कई राज्यों से लोग आए हैं। जैसे ही मंदिर के गेट खुले तो लोगों के अंदर जाने के लिए होड सी मच गई।

दर्शन के लिए भगवान रामलला के कपाट एक घंटे पहले ही खोल दिए गए थे। रामलला के शयन के लिए दोपहर 12.30 बजे से 2 बजे तक बंद रहे, लेकिन भीड़ 1 बजे ही खुल गई। लोगों को दर्शन के लिए छोटी-छोटी टोलियों में भेजा जा रहा है। एक बार तो लोग प्रोटोटाइप से ही भाग निकलते हैं।

प्रशासन के मुताबिक, दोपहर दो बजे तक लाखों लोग दर्शन के लिए पहुंचे। भीड़ को भौतिक विज्ञानी बनाने के लिए 8 ज्योतिषी बने हैं। वहीं, राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित नई प्रतिमा को प्राचीन राम का नाम दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज प्रभु श्री रामलला की पहली मंगला आरती हुई।  राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें देखें।  लोग दर्शन दर्शन करने भाग निकले।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज प्रभु श्री रामलला की पहली मंगला आरती हुई। राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें देखें। लोग दर्शन दर्शन करने भाग निकले।

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बालक राम के लिए 11 करोड़ का मुकुट तैयार

सूरत की ग्रीन लैब डायमंड कंपनी के मालिक मुकेश पटेल ने अयोध्या में बालक राम की प्रतिमा को धारण करने के लिए 11 करोड़ रुपए का ताज पहनाया है। इस मुकुट का कुल वजन 6 किलोमीटर है, जिसमें आधे 4 किलोमीटर सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसमें अनेक रत्न, माणिक, मोती, मोती, नीलमणि जड़े पाए जाते हैं। पूरी खबर पढ़ें…

अयोध्या में राम मंदिर की तैयारी, मस्जिद की स्थापना तक नहीं

5 साल बीत गए। मस्जिद की ज़मीन पर एक भी गड्ढा नहीं है। बस बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं। कभी बोले, यहां अस्पताल, कभी कहा स्कूल-कॉलेज खोलेंगे। असलियत में एक पत्ता तक नहीं हिला है। अब ऐसा लगता है कि मस्जिद की प्रतीक्षा-करते उम्र ख़त्म हो जाएगी, लेकिन इंतज़ार ख़त्म नहीं होगी। पूरी खबर पढ़ें…

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