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- बंगाल टीएमसी नेता की हत्या; पश्चिम बंगाल में सैफुद्दीन लस्कर की गोली मारकर हत्या, समर्थकों ने संदिग्ध को मार डाला
कोलकाता3 मिनट पहले
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![सीसीटीवी में कुछ संदिग्ध टीएमसी नेता सैफुद्दीन लस्कर के पास से गुजर रहे हैं। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/15/ezgifcom-video-to-gif-1_1700002578.gif)
सीसीटीवी में कुछ संदिग्ध टीएमसी नेता सैफुद्दीन लस्कर के पास से गुजर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता सैफ़ुद्दीन लस्कर की हत्या का कुछ देर पहले एक सीसीटीवी सामने आया है। साज़िशों में शहीद सैफ़ुद्दीन लस्कर के पास से देखा जा सकता है।
एनडीटीवी के दस्तावेज़ के अनुसार, मामले में पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों की संख्या के बारे में पता चला है। जांच से यह भी पता चला है कि यह एक नेशनल किलिंग का मामला था, लेकिन पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे के मकसद की पुष्टि नहीं की है।
उत्तर, दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में 13 नवंबर को सैफ़ुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना से ली गई बंदूक की गोली ने दो हमलावरों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई कर दी। इस हमले में एक नवजात की मौत हो गई। जबकि दूसरे को पुलिस ने किसी तरह बचाकर अपने साथ ले लिया।
टीएमसी का आरोप है कि सीपीआई (एम) और बीजेपी के गुंडों ने इस घटना को अंजाम दिया है. जहां पुलिस को पता चला कि सैफुद्दीन सोमवार सुबह नमाज के लिए जा रहे थे, तभी उन पर हमला हो गया।
भीड़ ने खरीदी और हिस्सेदारी के बाद घर में आग लगा दी
सैफ़ुद्दीन की हत्या के बाद इलाके में तनाव फैल गया। उग्र भीड़ ने गोदाम और सामान के बाद कई घरों को आग के हवाले कर दिया। इलाके के बीच बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। सैफुद्दीन जयनगर के बामुंगाची में टीएमसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष थे। उनकी पत्नी पंचायत प्रधान हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस ने बताया कि घटना के बाद टीएमसी ने दलुआखाली गांव में हिंसा की घटना को अंजाम दिया।
बताया कि टीएमसी ने जिन लोगों के घरों में आग लगा दी, वे सीपीआई (एम) के समर्थक हैं। दलुआखाली में लोगों ने दावा किया कि पुलिस के अधिकारियों ने उनके घरों में आग लगा दी। इसके बाद फ़ायर की गाड़ियों को आग्नेयास्त्र से भी माँगा गया।
![लोगों ने बताया कि उनके घरों में पुलिस के जवानों ने आग लगा दी है। फोटो साभार- आनंद बाजार](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/13/untitled-design-97_1699871914.jpg)
लोगों ने बताया कि उनके घरों में पुलिस के जवानों ने आग लगा दी है। फोटो साभार- आनंद बाजार
सीपीआईएम (एम) ने कहा- टीएमसी के अंदर कलह में हुई सैफुद्दीन की हत्या
सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन वामपंथी ने कहा कि सैफुद्दीन लस्कर की हत्या टीएमसी पार्टी के कलह का नतीजा है। सीपीआई (एम) को दोष देने का कोई मतलब नहीं है। सैफुद्दीन की हत्या और क्यों की गई, पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए।
सुजन ने कहा कि यह घटना बोगटुई नरसंहार की याद दिलाती है। मार्च 2022 में बीरभूम जिले के बोगतुई नरसंहार में टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या के बाद हिंसा और हिंसा में करीब 10 लोग मारे गए थे।
5 महीने में टीएमसी नेता के नाम पर तीसरी घटना
28 जुलाई: पश्चिम बंगाल में पिछले पांच महीने के दौरान टीएमसी नेता के तौर पर यह तीसरी घटना है। इससे पहले 28 जुलाई को टीएमसी नेता मैमूर घरामी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। टीएमसी नेताओं ने पंचायत चुनाव में हासिल की जीत. 11 जुलाई को चुनाव के नतीजे आये। राइफल में ममूर घरामी के दोस्त शाहजहां मुल्ला घायल हो गए थे।
22 जून: पुरुलिया जिले के आद्रा क्षेत्र में अखिल भारतीय कांग्रेस नेता धनंजय देवगन की हत्या कर दी गई थी। बाइक सवार तीन बदमाशों ने गोली मारकर की थी हत्या। पुरुलिया सोसाइटी की टीम ने घटना के मुख्य अतिथि आरजू अमीर को बिहार के जमुई से गिरफ्तार किया था।
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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। चुनाव से पहले पूरे राज्य में हिंसा 30 दिन 36 राजनीतिक दबाव में हुई। इनमें से 18 लोग तो सिर्फ वोट वाले दिन यानी 8 जुलाई को मारे गए।
अन्य विदेशी लोगों पर बम फेंके गए, हथियार बनाए गए, घर से खींचे गए। ये सब सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और दूसरे राज्यों से आई पुलिस के 59 हजार विस्फोटकों का विस्फोट हुआ। पूरी खबर यहां पढ़ें…