फेक न्यूज पर आईटी नियम, बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला | फ़ोर्स न्यूज़ पर न्यू आईटी के खिलाफ़ याचिका: बॉम्बे हाई कोर्ट के दो जजों का अलग-अलग फैसला; अब तीसरे के पास का मामला

मुंबई15 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से फैसले की अंतिम प्रति जारी नहीं की गई है।  - दैनिक भास्कर

बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से फैसले की अंतिम प्रति जारी नहीं की गई है।

आईटी बदलाव में बॉम्बे हाईकोर्ट के खिलाफ बुधवार (31 जनवरी) को दो जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया। जस्टिस गौतम पटेल ने डाक सेवकों का समर्थन किया। वहीं, जस्टिस ब्लू गोखले ने सरकार का पक्ष रखा। न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने कहा कि हमारे बीच सहमति नहीं बन पाई है। इसलिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मामले को तीसरे जज के पास भेजेंगे

दरअसल, केंद्र सरकार ने 6 अप्रैल 2023 को सोशल मीडिया पर अपने वायरल होने वाले फर्जी दावे पर लगाम लगाने के लिए आईटी में बदलाव किए थे। इसके तहत सरकार ने फैक्ट्री यूनिट (FCU) के गठन की बात कही थी। सोशल मीडिया पर यह कंपनी सरकार के खिलाफ क्या कहती है, यह नकली और आदर्श है।

इसके खिलाफ स्टैंड-अप मिनिस्ट्रीयल कामरा, एसोसिएट्स गिल्ड ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ वेन्सिकल्स इंडियंस ने बॉम्बे हाई कोर्ट में भर्ती की थी। कंपनियों ने सरकार के दावों को मनमाना और असंवैधानिक बताया है। साथ ही दावा किया गया कि इन बदलावों का नागरिक मूल अधिकार पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

हालाँकि, सरकार ने कहा था कि अदालत के अंतिम फैसले से पहले फ़ेक्ट चेक यूनिट का गठन नहीं किया जाएगा। आज जब दो जजों का अलग-अलग फैसला आया तो जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि यूनिट के गठन को और 10 दिन के लिए आगे बढ़ें। इसे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मान लिया है।

कोर्ट ने कहा- चींटी मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
केस को लेकर 14 जुलाई 2023 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि नए नियम कुछ ज्यादा ही सख्त हैं। पुराने में बदलाव भारी पैड कर सकते हैं। चिंटी मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। बेंच ने कहा था कि वो अध्ययन में संशोधन के पीछे की अवधारणा को समझ नहीं पाया है। पूरी खबर पढ़ें…

6 अप्रैल को सेंटर ने आईटी में संशोधन की घोषणा की थी
6 अप्रैल 2023 को केंद्र सरकार ने आईटी नियम-2021 में कुछ संशोधनों की घोषणा की थी। इसमें फर्जी, गलत या कथानक ऑफ़लाइन कहानी की जांच के लिए एक फैक्ट चेक यूनिट का प्रोविजन भी शामिल है। 2023 संशोधन नियम (MeitY) केंद्र सरकार की फैक्ट्री यूनिट को सूचना देने की शक्ति देती है।

ये इकाई केंद्र सरकार के किसी भी व्यवसाय के बारे में खोई हुई या खोई हुई या ऑनलाइन किताब की पहचान करना चाहती है। एक तरह से देखा जाए तो आईटी नियम संशोधन केंद्र सरकार अपने बारे में सोशल मीडिया में फेक न्यूज को पहचानने का अधिकार देती है।

कोई भी पोस्ट, खबर फर्जी गई होगी तो यूआरएल भी डिलीट कर दिया जाएगा
अविश्वासियों का कहना है कि ये तय है कि कौन सी पोस्ट और खबर फर्जी या बेवकूफ है। ये बॉडी इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य। ये यूनिट सभी इंटरनेट एसोसिएट्स की जांच विज़िट। इन कार्यालयों में Google, Facebook, Twitter से लेकर सभी तरह के समाचार और गैर-न्यूज़ पाठक आते हैं।

यूनिट की जांच के कार्यालय में अगर कोई पोस्ट,खबर फर्जी या गलत होगा तो सरकार से जुड़ी कंपनी को उस सामग्री को हटाने का आदेश दिया जाएगा। इसमें इंटरनेट समर्थित कंपनी के ऐसे कॉन्टेंट के यूआरएल को भी डिलीट करना होगा।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *