41 मिनट पहले
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…तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म हो जाता है, फिर आंखे पूरी जाए कि सपना खत्म हो जाता है। मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राना की ये लाइन आज सच साबित हो गई। 71 साल की उम्र में मुनव्वर राणा दुनिया को अलविदा कह गए। वह अब हमारे बीच नहीं होंगे लेकिन उनकी कहानी, उनकी शायरियां हमारे बीच जिंदा हैं। सांस्कृतिक मंचो पर उनका नाम लेकर लोग मां का बखान करते हैं। क्योंकि मुनव्वर ने मां के लिए जो प्रेम दिखाया और लिखा वह आज अमर हो गया।
आज हम मुनव्वर राणा की कहानी जानेंगे। उनके जीवन के कुछ