पूर्वोत्तर में भारत-म्यांमार सीमा सील करने का विरोध | बाद में भारत-म्यांमार सीमा सील करने का विरोध: मिजोरम-नागालैंड के सीएम भी केंद्र के फैसले के खिलाफ; कई संगठनों में बड़े आंदोलन की तैयारी

बैग3 मिनट पहले

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गृह मंत्री अमित शाह ने 8 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट को बंद करने की जानकारी दी थी।  - दैनिक भास्कर

गृह मंत्री अमित शाह ने 8 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट को बंद करने की जानकारी दी थी।

देश के चार राज्यों से लगी म्यांमार सील करने के केंद्र के फैसले को लेकर पर्वत और घाटी में दो विचारधाराओं का बंटवारा किया गया है। घाटी के लोग खुश हैं। वहीं, पहाड़ी विरोध प्रदर्शन भी हैं। यहां तक ​​कि मिजोरम और नागालैंड के सीएम भी विरोध में उतर आए हैं।

मैतेई समुदाय की संस्था कोकोमी में घाटी के विद्वानों का कहना है कि इससे डेवडी श्रमिकों की स्थिरता और स्थिरता सुनिश्चित होगी। कोकोमी के प्रवक्ता हुराइजम अथौबा ने कहा कि छात्र हिंसक संकट के चलते मूल रूप से म्यांमार से यहां पलायन कर रहे हैं।

दूसरी तरफ, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा का कहना है कि सीमा के दोनों तरफ रहने वाले मिजो-जो-चिन समुदाय को क्षेत्र में आने-जाने से नहीं छोड़ा जा सकता है। वे बंधुआ के समय अनोखे तरीके से निर्धारित की गई जगहों को नहीं मानते।

इस बीच नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने भी कहा कि जहां तक ​​नागालैंड का सवाल है तो सीमा के दोनों तरफ नागा रहते हैं। केंद्र को निर्णय पर अमल करने से पहले एक सर्वमान्य फॉर्मूला बनाना चाहिए।

छात्र संगठन बोला- नागा लोगों को स्वतंत्र रहने का अधिकार
इस फैसले पर नागा छात्र संगठन एनएसएफ ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत और सीमा म्यांमार के दोनों तरफ नागा लोगों का स्वतंत्र नागरिक बने रहने का जन्मसिद्ध अधिकार है।

एनएसएफ ने कहा कि केंद्र के फैसले से गंभीर संकट पैदा होगा। यूएन को इस मामले में पास होना चाहिए। मिजोरम में जज संगठन भी इसके खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में है।

कई जगहों पर लोगों के घर की सीमा के दोनों तरफ
सहकारी समितियों के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अनुसार, सीमा सीमाओं से मानव संकट खड़ा हो जाएगा। उनका ‘जुए से’ खून के रिश्ता है। हर सुख-दुख में आना-जाना रहता है। कई जगहों पर लोगों के घर की सीमा के दोनों तरफ हैं। वहाँ स्पष्ट तरीके से बंटवारा नहीं है। ऐसे में अव्यवस्थित कारखाने भी पैदा होंगे।

सेंटर ने 8 फरवरी को फ्री लीव रिजीम खत्म कर दी थी
केंद्र सरकार ने गुरुवार (8 फरवरी) को भारत-म्यांमार के बीच फ्री लीज रिजीम (एफएमआर) को खत्म करने की घोषणा की थी। इससे दोनों देशों के बीच सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों का आना-जाना बंद हो गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल प्लेटफॉर्म मीडिया एक्स पर कहा- भारत की आंतरिक सुरक्षा और उत्तर-पूर्व के राज्यों की डेमोग्राफिक को बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

एफएमआर क्या है?
भारत म्यांमार के बीच 1600 किलोमीटर लंबी सीमा है। 1970 में दोनों देशों के बीच फ्री लीव का समझौता हुआ। इसे ही फ्री लीव रिजीम यानी एफएमआर कहा जाता है। आखिरी बार इसे 2016 में रिन्यू किया गया था। इससे दोनों देशों के लोग एक-दूसरे क्षेत्र में बिना किसी दस्तावेज के जाने की विज्ञप्ति जारी करते हैं।

म्यांमार से हजारों लोग मिजोरम
मार्च 2023 तक आंकड़ों के मुताबिक, म्यांमार से 31500 क्रूज मिजोरम में रह रहे हैं। राज्य गृह विभाग के अनुसार, मिजोरम के सभी 11 स्मारक म्यांमार से आये लोग रहते हैं। नवंबर 2023 के दूसरे सप्ताह में म्यांमार सेना की ओर से सीमा पर की गई बमबारी के बाद 5000 से अधिक लोग मिजोरम में घुसे हुए थे।

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