पूरे देश में लागू होगा एमपी स्कूल विलय मॉडल | नीति आयोग ने निवेशकों की; जिन शिक्षकों में 50 से कम छात्र, उनके बड़े स्कूल में विलय

नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: विकास शुक्ला

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मध्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता वाले स्कूलों के लिए ‘एक शाला-एक परिसर’ का मॉडल ‘एक शाला-एक परिसर’ में लाया जा सकता है। नीति आयोग ने सभी राज्यों से अपने हितैषी हैं।

कहा जाता है कि जिन स्कॉलों में 50 से कम छात्र हैं, उनके बड़े स्कोलों में विलय होना चाहिए। ई-कॉमर्स कंपनी की कमी दूर करने के लिए भारतीयों की भी मांग की गई है।

शिक्षा में शिक्षा की गुणवत्ता वाले संगठनों के उद्देश्य से नीति आयोग ने 2017 में SATH-E (सस्टेनेबल एक्शन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग मैमैन कैपिल-एजुकेशन) प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसे तीन राज्यों मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में लागू किया गया है।

मध्य प्रदेश के 35 हजार आदिवासियों का 16 हजार आदिवासियों का विलय
परियोजना के तहत एक समूह के सदस्यों में आने वाले मध्य प्रदेश के 35 हजार द्वीपों का 16 हजार द्वीपों का एकीकरण किया गया। परिणाम स्वरूप 55 फिस्किन में स्वामित्व की कमी दूर हो गई। इससे पहले मध्य प्रदेश के सिर्फ 20 पचास लाख के मालिक ही थे। इस प्रयोग से बच्चों की संख्या भी शानदार और ड्रॉप आउट भी कम हो गई।

यही नहीं, हर अधिकारी पर कम से कम 4 विद्वानों की निगरानी का भार कम हुआ। अब मध्य प्रदेश ने 53,651 एक परिसर वाले जंगलों का 24,667 टुकड़ों में विलय करने की योजना बनाई है। नीति आयोग ने राज्यों से मिले इस तरह के सुझावों को अब राजस्थान में लागू करने की सलाह दी है।

रिपोर्ट के सुझाव…
देश में 10 लाख से ज्यादा बिजली की कमी है। इसे दूर करने के लिए 50 से कम छात्रों वाले स्कॉल का एकीकरण हो। कई राज्यों में 30-50% पद रिक्त हैं। ग्रामीण वास्तुशिल्प में अधिक कमी है। शिक्षक भर्ती को प्रयोगशाला होगी।

कम दूरी वाले स्केल को बड़े पैमाने पर स्केल के रूप में विकसित किया गया। परिवहन सुविधा से छात्रों की पहुंच बेहतर हो। ब्लॉक तक ऐसी प्रणाली निर्धारित करें, जहां परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के साथ बड़े पैमाने पर भी हर स्तर पर परत महसूस करें।

स्कूल शिक्षा में 4 साल में 12 रैंक ऊपर आया मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा 2017 में 17वीं रैंक थी। अब पांचवां है, चार साल में प्रदेश में 12 रैंक की नौकरियां। यह सब एक शाला-एक परिसर के अंतर्गत हुआ। शाला दर्शन के तहत वॉलंटियर्स से स्कूल के इंफ्रा और शिक्षा की झलकियां निकाली गईं। स्कूल से फोटो अनिवार्य किया गया। जिसका असर भी दिखा। इसके अलावा सीएम राइज स्कूल खोले गए। अन्य संस्कृतियों की तुलना में हर साल 4% प्रवेश वृद्धि हो रही है। 10वीं का रिजल्ट आम स्कूल से 5% अधिक रहा।

हमारा घर हमारा विद्यालय के अंतर्गत कोविड के तहत रेडियो-टीवी, इंटरनेट से पढ़ाई हुई। 2017 से 21 से 13 हजार शिक्षक भर्ती हुई। मध्य प्रदेश में 84,000 प्राथमिक चिकित्सकों से 39,000 में 40 से कम छात्र थे। 35,113 को एक शाला एक परिसर बनाया गया।

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