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- पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल का खुलासा, उच्च शिक्षित आरोपी आतंकी साजिश में कोड वर्ड ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं
नई दिल्ली2 मिनट पहले
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![वैज्ञानिकों के अनुसार, एनएमईडी बनाने के लिए आसानी से बाजार में उपलब्ध वस्तुएं जैसे वॉशिंग मशीन टाइमर, स्पीकर, स्पीकर वायर, 12 वाट का बल्ब का भी इस्तेमाल किया जाता था। (फोटो) - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/12/nia-chargesheet-730_1699787807.jpg)
वैज्ञानिकों के अनुसार, एनएमईडी बनाने के लिए आसानी से बाजार में उपलब्ध वस्तुएं जैसे वॉशिंग मशीन टाइमर, स्पीकर, स्पीकर वायर, 12 वाट का बल्ब का भी इस्तेमाल किया जाता था। (फ़ॉलो फोटो)
पुणे आईएसआईएस मैप केस में नया खुलासा हुआ है। नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 6 नवंबर को 7 दिनों के लिए अज्ञात अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। 12 नवंबर को खुलासा हुआ कि सातों घर काफी पढ़े-लिखे थे।
ये लोग अच्छी कंपनी में काम करते थे और इम्प्रोव इंजीनियरिंग एक्सप्लोसिव इम्प्लीमेंट (IED) बनाने के लिए कोडवर्ड में बात करते थे। एनआईए ने कोर्ट में पेश किया 4 हजार पन्नों का पुतला।
सल्फ़्यूरिक एसिड को सिरका थे
अनइंस्टॉल में कहा गया है कि बुनियादी सल्फ्यूरिक एसिड के लिए सिरका (सिरका), इंडिपेंडेंट पेरोक्साइड के लिए शर्बत और एकटोन के लिए गुलाब जल जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। सल्फ्यूरिक एसिड, एसीटोन और परॉक्साइड का उपयोग IED बनाने में होता है।
इसके अलावा ऑर्गेनिक आईईडी बनाने के लिए आसानी से वॉशिंग मशीन टाइमर, ईस्टर, स्पीकर वायर, 12 वॉट की बैटरी, 9 वॉट की बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस की तीलियां और वैलिडिटी सोडा का भी इस्तेमाल किया जाता था।
चौथे ने मद्रास, गोआ, केरल और कर्नाटक में रेकी की थी के लिए मराठियों को अंजाम दिया। उन्होंने एक सूर्योदय के लिए फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का भी इस्तेमाल किया, जिसे एजेंसी ने जब्त कर लिया है।
![कोथरुड पुलिस स्टेशन में स्टेट कॉन्स्टेबल प्रदीप चव्हाण (बाएं) और अमोल नाजन (दाएं)। दोनों की वजह से ISIS का मॉडल पकड़ा जा सका।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/05/untitled-design-2023-08-21t2034009971692630413_1699183357.jpg)
कोथरुड पुलिस स्टेशन में स्टेट कॉन्स्टेबल प्रदीप चव्हाण (बाएं) और अमोल नाजन (दाएं)। दोनों की वजह से ISIS का मॉडल पकड़ा जा सका।
दिल्ली पुलिस ने 2 अक्टूबर को आतंकी शाहनवाज को पकड़ लिया
स्पेशल सीपी हरगोविंद सिंह धालीवाल ने बताया कि 2 अक्टूबर की सुबह शाहनवाज को जैतपुर से पकड़ा गया था। उसके पास से केमिकल और पदार्थ आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल मिला था। शाहनवाज की पत्नी पहले हिंदू थीं। उनका धर्म बदलवाकर इस्लाम कबूल किया गया, उन्होंने अपना नाम मरियम रखा रखा। वह भी पति का साथ दे रही थी। चौदह शाहनवाज की पत्नी और बहन दोनों अंडरग्राउंड हैं। उनकी तलाश जारी है।
पुणे आईएसआईएस मैप केसर क्या है?
इस साल 18 जुलाई को पुणे में दो लोगों- मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी को गिरफ्तार किया गया था। जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से जंपकर सामान ले जा रही थी।
पूछताछ के दौरान पुलिस को मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी से पता चला कि दोनों सूफा आतंकवादी गिरोह का हिस्सा हैं। अप्रैल 2022 में राजस्थान में एक कार में डकैती के मामले में वहां की पुलिस उन्हें ढूंढ रही है।
टैब पुलिस ने इस मामले में पुणे को आईएसआईएस मॉडल के नाम दिया। इस केस में पुलिस ने तीन और साइंटिस्ट को मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में रखा था। इनके नाम हैं- पुणे के तलहा लियाकत खान और दिल्ली के रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख।
![शाहनवाज पुणे पुलिस की कस्टडी से बंधक हो गए थे और दिल्ली में रह रहे थे। उनके ऊपर 3 लाख रुपये से अधिक की छूट थी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/05/1696292790_1699183131.jpg)
शाहनवाज पुणे पुलिस की कस्टडी से बंधक हो गए थे और दिल्ली में रह रहे थे। उनके ऊपर 3 लाख रुपये से अधिक की छूट थी।
यह है मास्टरमाइंड और फाइनेंसर आईटी इंजीनियर का मामला
एनआईए का कहना है कि इमरान, यूनुस और शाहनवाज के लिंक पुणे की आईटी फर्म में काम करने वाले इंजीनियर जुल्फिकार अली बोर्डवाले से हैं। जुल्फिकार को आईएसआईएस से जुड़े एक मामले में 3 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वो मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद है।
एनआईए के एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि जुल्फिकार ही इस केस का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर है। वह इमरान, यूनुस और शाहनवाज को ट्रेनिंग दिलवाई और पैसिफिक पेट्रोए थे। इमरान तक पैसिफिक दस्तावेज़ वाला कादिर दोस्त गिरफ़्तार को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया।
आईएसआईएस में शामिल गरीब युवाओं में डॉक्टर अदनान भी शामिल थे
एनआईए को डॉ. से हुई पूछताछ अदनान का नाम मिला। एनआईए ने अपने फ्लैट पर छापा मारा तो आईएसआईएस से जुड़े दस्तावेज मिले। एनआईए ने अदनान के सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त कर लिए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अदनान के पास मिले दस्तावेजों से पता चला कि उसका संबंध आईएसआईएस से है। इसमें गरीब आदिवासियों को मैट्रिस्ट संगठन से जोड़ने का विवरण भी है।
इसके अलावा 4 पादरी से यहूदी धर्म केंद्र की फोटो मिली है। इससे साफ हो गया कि आईएसआईएस की ताकत भारत पर नहीं, इजराइल के लोग भी हैं। इसके बाद मुंबई पुलिस ने कोलाबा में कैबर्ड हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आपत्तिजनक हमलों के दौरान कैब हाउस पर भी हमला हुआ था।
अदनान में पांचों चार से पूछताछ के बाद एनआईए आकिफ अतीक नाचन तक शामिल थे। वो आईईडी की जांच में माह है। उन्होंने ही इमरान और मोहम्मद यूनुस को छुपाया था। आकिफ को मुंबई के बोरीवली, ठाणे और भिवंडी में रेड के बाद बहाल किया गया।
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एरियल ब्लास्ट करना चाहते थे बम के जरिए…
महाराष्ट्र एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि जासूसों से 500 जीबी मेमोरी वाली पेन ड्राइव मिली है। इनके डेटा डेटा रिकवर कर रहे हैं। पूछताछ में पता चला कि उन्हें अलग-अलग स्कूलों में हमले की ट्रेनिंग दी गई थी। बम विस्फोट का ब्लास्ट पुणे, कोल्हापुर और सतारा के जंगल में किया गया था। जंगल में ये होटल रहते थे। ये बम के जरिए एरियल ब्लास्ट की तकनीक सीख रहे थे।
अधिकारी के अनुसार, गिरफ्तार चारों में से एक मोहम्मद इमरान गद्दावर है। एनआईए ने उस पर 5 लाख का कंप्लीटमेंट रखा था। ये केश राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में दर्ज है। इमरान और उसके दोनों साथियों के खिलाफ कोथरुड पुलिस स्टेशन में चोरी, जालसाजी, इंडियन आर्म्स एक्ट और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में सभी पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया कि दस्तावेजों से बरामद सामान और उनके प्रशिक्षण का वर्णन है कि ये जल्द ही बड़ा हमला करने की फिराक में थे।
कोंडवा के फ्लैट में ली आईईडी बनाने का प्रशिक्षण
एनआईए ने कोर्ट में दी प्लॉट प्लॉट में कहा गया है कि चार लोगों ने आईएसआईएस के आतंकी हमले को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी। इस देश में ISIS का महाराष्ट्र मॉडल तैयार कर रहे थे। एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि आकिफ अतीक नाचन ने आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदा था। वो इमरान और यूनुस के कोंडवा वाले फ्लैट में कई दिन रहे और उन्हें प्रशिक्षण दिया। उन्होंने 2022 में बम बनाने की ट्रेनिंग दी थी। इसमें डेमो आईईडी भी दिखाया गया।
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार चारों के अलावा इस ट्रेनिंग में कुछ और लोग शामिल थे। उनकी तलाश जारी है। ये सभी आईएसआईएस के ठिकानों पर काम कर रहे थे।
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नाचन के घर मिले दस्तावेज़ में मिले प्रशिक्षण के साक्ष्य
एनआईए के अधिकारी ने बताया कि आकिफ अतीक नाचन का घर थाने केगा में है। घर से कई मोबाइल फ़ोन, कुछ हार्ड डिस्क और हाथ से लिखे दस्तावेज़ मिले हैं। सभी की जाँच ढूँढने जा रही है। ये IED ट्रेनिंग के भी कुछ डॉक्यूमेंट हैं।
इन आतंकियों के वकील से साफ है कि आईएसआईएस भारत में दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सभी बुज़ुर्ग कोंडवा इलाके से हैं। 5 लाख की आबादी वाला कोंडवा 2008 से पहले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी और भारतीय मुजाहिदीन का गढ़ था। यहां 300 से अधिक वैज्ञानिकों के सक्रिय रहने की जानकारी मिली थी।
2010 में विदेशी बंधक संगठन एमबीएम-ए-तैयबा के 2 आतंकवादी कोंडवा से गिरफ़्तार किये गये थे। वे बेंगलुरु में भारतीय इंस्टीट्यूट साइंस पर हमला करने की साजिश रच रहे थे। 2014 में एनआईए ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था. 2022 में एनआईए ने 5 लोगों को बरामद किया, जिनसे आईएसआईएस का ढांचा जुड़ा हुआ था।
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