14 मिनट पहले
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COP28 क्लाईमेट समिति में शामिल होने वाले प्रधानमंत्री मोदी दुबई पहुंच गए हैं। वो आज वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समित को पेश करेंगे। इसके अलावा 3 अन्य प्रोग्राम का भी हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के सचिव विन्त मोहन क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी यूएई के साथ ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम से जुड़े एक कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे।
इसके बाद स्वीडन के साथ एनर्जी ट्रांज़िशन ग्रुप लीडआईटी 2.0 की लॉन्चिंग हुई। मोदी ट्रांसफॉर्मिंग क्लाइमेट फाइनेंस इनवेस्ट में भी शामिल होंगे। क्वात्रा ने कहा- पीएम मोदी वर्लिक नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे और कुछ नेताओं के साथ सामूहिक बैठक भी करेंगे।
वहीं, समित में क्लाइमेट फाइनेंस यानी क्लाइमेट चांगल से शेयरहोल्डिंग के लिए आर्थिक मदद देने पर भी चर्चा होगी। दरअसल, पिछले साल मिस्र में हुई COP27 समिति में 200 देशों ने एक समझौता किया था। इसमें क्लाइमेक्ट के लिए जिम्मेदार अमीर देशों को गरीब और पिछड़े देशों को फंड देने वाला फंड बनाने की बात कही गई थी।
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बैठक का रहस्य- कार्बन एमिशन कम करना
COP28 क्लाइमेट समित 12 दिसंबर तक। इसमें पीएम मोदी के अलावा किंग चार्ल्स, ऋषि सुनक, कमल हैरिस शामिल हैं, जिसमें 167वीं सदी के नेता क्लिमेट चांग (जलवायु परिवर्तन) और इसके समाधान के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। पिछले कुछ प्राचीन काल में क्लाईमेट चांग ने पूरी दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती का पीछा किया था। इस बैठक का फोकस फॉसिल फ्यूइल और कार्बन एमिशन (उत्सर्जन) पर लगाया गया है।
तीसरी बार क्लाईमेट समित का हिस्सा बने पीएम मोदी
पीएम मोदी तीसरी बार जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने 2021 में ग्लासगो में आयोजित COP26 सम्मेलन में हिस्सा लिया था. तब उन्होंने मंगल ग्रह से पंचामृत नीति और मिशन लाइफस्टाइल फॉर एन्वायर्नमेंट (LiFE) की घोषणा की थी।
पीएम मोदी 2015 पेरिस में हुए COP21 में भी शामिल हुए थे. इस दौरान 190 से अधिक देशों ने पेरिस पर एकाग्रचित्त होकर काम किया। इस एक्ट के तहत बढ़ते वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की बात हुई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक वॉर्मिंग कम करना था।
अब COP28 में तय किया जाएगा कि किस देश को किस आधार पर बनाया जाएगा। कौन-कौन से देश वैज्ञानिक बने, निर्णय भी होगा।
![COP28 में 8 साल पहले प्रदर्शित पेरिस का पहला रिव्यू भी होगा।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/29/2023-11-01t145758z277242522rc2d44aiqt7nrtrmadp3cli_1701272605.jpg)
COP28 में 8 साल पहले प्रदर्शित पेरिस का पहला रिव्यू भी होगा।
पीएम मोदी का छठा यूएई दौरा
पीएम बनने के बाद मोदी का ये छठा यूएई दौरा है। पहले साल अगस्त 2015 में यहां आए थे। उन्होंने 2018 और 2019 में भी यूएई का दौरा किया था। 2019 में यूएई सरकार ने मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘जाइद ऑफ जैद’ से नवाजा था। इसके बाद मोदी जून 2022 और जुलाई 2023 में दुबई चले गए।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर ग्रेट ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंघ को भी इस सम्मान से नवाजा जा चुका है। यूएई में करीब 33 लाख भारतीय रहते हैं। इस देश की कुल जनसंख्या का 30% और भारतीयों का दबदबा यहां किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। वहीं, रूस, सऊदी अरब और इराक के बाद यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल डीलर है।
![जुलाई 2023 में यूएई के राष्ट्रपति जायद अल नाहयान ने पीएम मोदी को मैत्री बैंड बांधा था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/29/comp-3211689414977_1701272837.gif)
जुलाई 2023 में यूएई के राष्ट्रपति जायद अल नाहयान ने पीएम मोदी को मैत्री बैंड बांधा था।
एक नज़र भारत-यूएई के रिश्ते पर
भारत के कश्मीर पर संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ लड़ाई
संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अरब अमीरात में से एक है जो पाकिस्तान के दुश्मन हैं। उनकी दोस्ती का दावा इस बात से भी हो सकता है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को संयुक्त अरब अमीरात ने 1 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद के लिए भंडार बढ़ाया है। यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी यूएई पाकिस्तान को कर्ज लेने में मदद कर चुका है।
हालांकि पाकिस्तान से अच्छे संबंध के बावजूद यूएई कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ कोई भी बयान देने से बचता है।
2019 में जब भारत ने कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया तो यूएई ने इसे भारत का आंतरिक मसला बताया था, जबकि पाकिस्तान भारत के इस कार्रवाई पर अरब देश से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहा था।
संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक समर्थक
संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक समर्थक है। दोनों देशों के बीच 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार है। यूएई ने भारत को 2 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है।
भारत का यूएई के साथ वित्तीय घाटा है। यानि भारत संयुक्त अरब अमीरात से अधिकता रखता है और सहयोगी कम। भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में यूएई से 4 लाख करोड़ रुपये का आयात किया है। भारत ने यूएई के साथ एक ट्रेड पैक्ट पर भी हस्ताक्षर किया था।
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बोले- फॉसल ईंधन का इस्तेमाल बंद हो गया, भारत ने कहा- कोयला भारत का मुख्य ऊर्जा स्रोत था और रहेगा
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दुबई में 12 दिसंबर तक चलने वाली COP28 समित शुरू हो गई है। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- ग्लोबल वॉर्मिंग कम करने के लिए क्लास और अन्य फॉसिल ईंधन (जीवाश्म ईंधन) पर उद्यम कम किया जाएगा और धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाएगा। क्योंकि इससे कार्बन ऑपरेट (एमिशन) बहुत ज्यादा हो रहा है। यही वजह है कि वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर…