पीएम नरेंद्र मोदी संसद आतंकी हमले की श्रद्धांजलि तस्वीरें | अमित शाह मल्लिकार्जुन खड़गे सोनिया गांधी | मोदी-शाह, खड़गे और सोनिया मौजूद रहे, आतंकियों के परिवार से भी मिले

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नई दिल्ली2 मिनट पहले

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संसद पर हुए हमलों को आज 22 साल हो गए हैं।  पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि।  - दैनिक भास्कर

संसद पर हुए हमलों को आज 22 साल हो गए हैं। पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि।

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमलों को आज 22 साल हो गए। संसद के शीतकालीन सत्र के आज से 13 दिसंबर के बीच पहले ही कार्यवाही शुरू हो गई जिसमें पीएम मोदी समेत कई नेताओं और मंत्रियों ने हमलों में शहीद हुए दोषियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गरीबों के परिवार से मुलाकात की।

संसद भवन के बाहर आयोजित भाषण में पीएम मोदी के साथ अमित शाह, विपक्ष के नेता ओम बिरला, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता सोनिया गांधी समेत कई नेता मौजूद थे.

शहीद के परिवार से पीएम मोदी ने की मुलाकात।

शहीद के परिवार से पीएम मोदी ने की मुलाकात।

पार्टी के हमलों की पूरी कहानी
13 दिसंबर 2001 को संसद में विंटर सेशन चल रहा था। इस दिन भी महिला नेचुरल बिल पर चर्चा हो रही थी, लेकिन 11:02 बजे संसद में वोटिंग कर दी गई। करीब साढ़े पांच बजे के दिग्गजों ने अपने बाहरी आने का इंतजार कर रहे थे और इतने ही सफेद एम्बेसडर में सवार 5 कलाकार गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय वैज्ञानिक गार्ड निहत्थे हुए थे।

ये सब तस्वीरें साडिया गार्ड ने उस एम्बेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। इनमें से किसी एक की कार से अलग किया गया। इसके बाद सर्बिया ने अंडोधंध रॉकेट की शुरुआत की। साईट के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे।

यूनिवर्सल आयरन ने साढ़े चार घंटे तक साइंटिस्ट से लेकर सभी को मार डाला।

यूनिवर्सल आयरन ने साढ़े चार घंटे तक साइंटिस्ट से लेकर सभी को मार डाला।

इसके बाद संसद भवन में मौजूदा सीआरपीएफ की बटालियनें खाली हो गईं। उस वक्ता में देश के गृह मंत्री लालकृष्ण मठ, डोमिनिका समेत कई बड़े नेता और पत्रकार मौजूद थे। सभी को संसद के अंदर ही सुरक्षित रहने की बात कही गई। इस बीच एक साथी ने गेट नंबर-1 से घर में ही रहने की कोशिश की, लेकिन टीको फोर्सेस ने उसे कहीं और मार डाला। इसके बाद उनके शरीर पर लगे बम में भी विस्फोट हो गया।

रेस्ट के 4 प्लांटर्स ने गेट नंबर-4 से घर में रहने की कोशिश की थी, लेकिन इनमें से 3 प्लांटर्स की एक जगह पर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बचे हुए आखिरी कलाकारों को नंबर-5 की साइड रेस में सफलता मिली, लेकिन वो भी गोलियों का शिकार हो गए। रात 11:30 बजे से शुरू हुई ये सामान शाम को 4 बजे खत्म हो गई। इस पूरे हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, सीआरपीएफ की एक महिला सुरक्षा गार्ड, राज्यसभा के 2 कर्मचारी और एक माली की मौत हो गई।

मास्टरमाइंड अफजल गुरु को हुई फांसी

9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फाँसी दे दी गई।

9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फाँसी दे दी गई।

इस हमले के दो दिन बाद 15 दिसंबर 2001 को आतंकी अफजल गुरु, एस चौधरी गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी और अफशान को दफन कर दिया, लेकिन अफजल गुरु को मौत की सजा सुनाई गई। 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी दे दी गई।

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