पासपोर्ट | कर्नाटक उच्च न्यायालय; पुलिस और अदालतें पासपोर्ट जब्त नहीं कर सकतीं | कर्नाटक HC ने कहा- इन पास सिविल कोर्ट के पास शक्तियाँ; बिजनेसमैन का पासपोर्ट वापस करने का ऑर्डर दिया गया

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बैंगलोर43 मिनट पहले

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कैनर्न एचसी ने ट्रिब्यूनल कोमैनिटो कासलीवाल का पासपोर्ट वापसी का ऑर्डर दिया।  - दैनिक भास्कर

कैनर्न एचसी ने ट्रिब्यूनल कोमैनिटो कासलीवाल का पासपोर्ट वापसी का ऑर्डर दिया।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस और आपराधिक अदालत किसी का पासपोर्ट जब्त नहीं कर सकती। कैनाल हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के डेट बास्केटबॉल ट्रिब्यूनल की जजमेंट को रद्द कर दिया था, जिसे मुंबई के बिजनेसमैन नितिन शंभू कुमार कासलीवाल का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था।

कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नागाप्रसन्ना ने कासलीवाल की याचिका पर 6 दिसंबर को फैसला सुनाया। उन्होंने ट्रिब्यूनल को पासपोर्ट वापसी का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा- ट्रिब्यूनल के पास सिविल कोर्ट की शक्तियां हैं और जब सिविल कोर्ट खुद पासपोर्ट जब्त नहीं कर सकता, तो ट्रिब्यूनल ट्रिब्यूनल (डीआरटी) का कर्ज कैसे चुकाया जा सकता है।

असल में, कासलीवाल ने बैंकों के पक्ष में लोन समझौते का समझौता किया था। 2015 में कॉलेज के डेट चैंपियनशिप में लोन की रेजिडेंट के लिए उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। इसमें कासलीवाल और उनके डोमेन की कुर्की की मांग की थी। साथ ही बंधकों ने कासलीवाल का पासपोर्ट जब्त करने की भी याचिका दी थी। 16 अप्रैल, 2015 को ट्रिब्यूनल ने उनका पासपोर्ट जब्त करने का आदेश दिया था।

इसके बाद कासलीवाल ने दिसंबर 2016 में ट्रिब्यूनल में आरोप लगाकर पासपोर्ट की मांग की थी। उन्होंने कहा कि उनके पासपोर्ट की वैधता समाप्त हो रही है, जिसे नवीनीकृत किया गया है। ट्रिब्यूनल ने अपनी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद कासलीवाल ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद ये फैसला आया।

सीबीआई ने कासलीवाल के अभिलेख पर छापा मारा था
कैबिनेट मंत्री कासलीवाल केस में सीबीआई का पर्चा भी चुकाया गया है। 14 अप्रैल 2022 को सीबीआई ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। वह वक्ता एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड (एसकेएनएल) के प्रोमोटर कासलीवाल ही थे। एसकेएनएल पर 1245 करोड़ के बैंक फ्रॉड का आरोप था। सीबीआई ने कंपनी के पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात के 13 शेयरों पर सर्च ऑपरेशन ऑपरेशन किया था।

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