15 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी
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आज शरदीय उत्सव का तीसरा दिन है। पहले 2 दिन में आपने एक टीचर और आल्हा सिंगर की कहानियाँ पढ़ीं। आज बात तस्वीर की रहने वाली रामलली की। वह रामलली को जिस तरंग के अवतार में लोग किसी देवी से कम नहीं मानते। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी तस्वीरों के साथ घर-घर में सुनाए जाते हैं।
‘बंदूक वाली माँ’ के नाम से पहचाने जाने वाली रामलली ने कभी नहीं