पश्चिम बंगाल सुंदरबन तस्करी; बीएसएफ समुद्री बटालियन तैनाती योजना | 1100 युवा बस्ती; 40 बसंत वाली बटालियन नजर रहेगी

नई/दिल्लीकोलकाता7 मिनट पहले

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भारत-बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाके में विदेशी घुसपैठियों और घुसपैठियों पर रोक के लिए सीमा कमांडा फोर्स (बीएसएफ) ने समुद्री बटालियन स्थापित करने की योजना बनाई है। कोलकाता स्थित बीएसएफ की पूर्वी कमान ने इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुंदरबन के संकेत इलाके में बीएसएफ के समुद्री बटालियन में 1100 मोर्टार को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये यंग 40 डूबे और 12-14 ऑल टेरेन बजर्स (एटीवी) के साथ सुंदरबन के जंगल में होंगे।

निगरानी के लिए जिन साम्राज्य का प्रयोग किया जाएगा, वह दुश्मनों पर नजर बनाए रखने के लिए लंबी दूरी तय करेगा। वहीं सभी टेरेन के सामान ऐसी स्थिति में हैं, जो पानी, जमीन, दलदल और पहाड़ पर स्थित हो सकते हैं। यह जमीन-पहाड़ पर दौड़ता है और पानी में तैरता है।

बीएसएफ की भारत-बांग्लादेश सीमा की 4,096 किमी की सुरक्षा का काम सौंपा गया है, जिसमें 2,217 किमी पश्चिम बंगाल में है। यह 2,217 किमी से 300 किमी सुंदरबन नदी की सीमा तक है।

वर्तमान बीएसएफ टीम में लगभग 50 छोटे-छोटे स्पीडबोट और जवानों के साथ सुंदरबन क्षेत्र में तैनाती होती है। ढलानों को फ्लोटिंग बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) कहा जाता है।

सुंदरबन के रास्ते अतिक्रमियों की सूचना
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सुंदरबन भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ एक नामकरण और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। ऐसे अपराधी पाए जाते हैं कि सुंदरबन के जंगल और नदी के रास्ते में घुसपैठिए की कोशिश की जा सकती है। इसलिए इसकी सुरक्षा समय की मांग है।

सुंदरबन बंगाल की खाड़ी में गंगा, ब्रह्मपुत्र मेघ औरना नदियों के डेल्टा स्थित हैं। ​यह भारत में 9,630 वर्गवर्ग क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसका बाकी हिस्सा बांग्लादेश में है। सुंदरबन दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव फ़ॉरेस्ट है। यहां हैं 100 से ज्यादा द्वीप। इनकी आबादी 54 द्वीपों पर है।

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पश्चिम बंगाल के 10 आदिवासियों के 260 लोगों को 76 साल बाद भी आजादी का एहसास नहीं हुआ है, क्योंकि ये गांव आदिवासियों के समुदाय के लिए पूरी तरह से बांग्लादेश पर निर्भर हैं।

यहां बीमार होने पर बांग्लादेशी इलाज पाया जाता है, क्योंकि भारत वाला स्वास्थ्य केंद्र 15 किमी दूर है। बांग्लादेश के सामानों की खरीदारी बाजार में नहीं है, क्योंकि हमारे हिस्से बाजार में नहीं हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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