पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों का गर्भावस्था मामला | वकील बोले-बंगाल की जेलों में गर्भवती हो जेल में बंद महिला कैदी: उच्च न्यायालय की रिपोर्ट; सलाह दी- महिला बराक में पुरुष कर्मचारी न

कोलकाता19 मिनट पहले

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जेल ट्रायल-2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की जेलों में 19 हजार 556 पुरुष और 1 हजार 920 महिलाएं कैद हैं।  - दैनिक भास्कर

जेल ट्रायल-2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की जेलों में 19 हजार 556 पुरुष और 1 हजार 920 महिलाएं कैद हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों को गंभीर चिंता की स्थिति में डाल दिया है। 2018 में कोर्ट ने एक न्याय मित्र (मिकस क्यूरी) एडवोकेट तापस कुमार भांजा को दोषी ठहराया, कि वे मामले की जांच कर रहे थे।

एमिकस क्यूरी ने गुरुवार (8 फरवरी) को उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिला कैदी आपत्तिजनक हैं। वहीं अलग-अलग जेलों में 196 बच्चे भी पल रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला बराक में पुरुष कर्मचारी के जाने पर रोक लग गई।

केस की तलाश में चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम की लोधी वाली बेंच ने इसे क्रिमिनल डिवीजन ट्रांसफर करने का ऑर्डर दिया है।

जेलों में रेस्तरां करने वाले रेस्तरां जज
तापस कुमार ने 25 जनवरी को दिए गए एक नोट में यह भी सुझाव दिया था कि सभी जिला न्यायाधीश अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सुधार गृहों में निरीक्षण करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुधार गृहों में रहने के दौरान कितनी महिला बंदी गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। ।।

उन्होंने महिलाओं का यौन शोषण रोकने के लिए उन्हें सुधार गृह कार्यस्थल से पहले उनकी गर्भावस्था परीक्षण की भी सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल की सभी पुलिस स्वतंत्रता से हो सकती है। इसके लिए न्यायालय द्वारा आवश्यक आदेश/निर्देश दिये जा सकते हैं।

न्याय मित्र ने किया नजरिया निरीक्षण
हाई कोर्ट की रिपोर्ट में पेशी के दौरान एमिकस क्यूरी ने एक गर्भवती महिला और एक सुधार गृह में जन्मे 15 बच्चों की आंखों देखी भी बताई। तापस कुमार भांजा ने कहा कि कुछ बच्चों का जन्म तो उनकी आंखों के सामने आ गया था।

पश्चिम बंगाल की जेलों में कैदियों की संख्या
पश्चिम बंगाल की जेलें संकट से जूझ रही हैं क्योंकि यहां भीड़भाड़ खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल की जेलों में उनकी क्षमता से 1.3 गुना ज्यादा कैदी हैं।

भारत में जेल शूट-2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की जेलों में 19 हजार 556 पुरुष और 1 हजार 920 महिलाएं बंद हैं।

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