न37 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

3 लड़के…किसी के पिता घर के लिए प्राइवेट रिपेयरिंग करते हैं, तो किसी बेटे को ड्राइवर बनाने के लिए हक नहीं दिया जाता। किसी के घर में पैसा नहीं इसलिए बांस की लकड़ी से हॉकी सिखाई, तो किसी ने धान बेचकर बेटों को प्रोफेशनल हॉकी प्लेयर बनाया।…ये कहानियां हैं उन युवा खिलाड़ियों की, जो 5 दिसंबर को मलेशिया में जूनियर हॉकी वर्ल्डकप खेलेंगे।
भारतीय टीम के 18 खिलाड़ी उत्तर प्रदेश के कुल 7