न्यूज़क्लिक मामला, प्रबीर-अमित को 10 दिन की पुलिस रिमांड | विदेशी फंडिंग लेने और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है

नई दिल्ली2 मिनट पहले

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अपराधी के बाद प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस का विशेष सेल ऑफिस लाया गया था।  - दैनिक भास्कर

अपराधी के बाद प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस का विशेष सेल ऑफिस लाया गया था।

दिल्ली कोर्ट ने मंगलवार (10 अक्टूबर) को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और पार्टी प्रमुख अमित मित्रा को 10 दिन की राजधानी में भेज दिया। इसकी पहली अदालत ने 9 अक्टूबर को अपनी याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखा था।

दिल्ली पुलिस ने दोनों केसों को उग्र विरोधी कानूनी साइबेरियाई (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज कर गिरफ्तार किया है। इसमें चीन से पैसा लेने का आरोप है।

दोनों को दोपहर करीब 2:50 बजे मस्जिद से जज हरदीप कौर के सामने पेश किया गया। प्रोसिक्यूशन ने दोनों के लिए 10 दिनों की धार्मिक विरासत की मांग की, जिसका पुरकायस्थ के वकील ने विरोध किया। विशेष सार्वजनिक अभियोजक अतुल फोटोग्राफर ने कहा कि मामले में अभी साक्ष्य साक्ष्य जा रहे हैं। ड्यूक की मांग की गई है।

प्रबीर और अमित ने अपने अपराधी और 7 दिन की पुलिस को कोर्ट में चुनौती दे रखी है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित मित्र को गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित मित्र को गिरफ्तार किया था।

कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुरक्षित रखा था
सोमवार को अदालत में प्रबीर-अमित के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किलों के अपराधी और बदमाश को कई कानूनी आधारों पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अपराधियों के दौरान पुलिस ने उन्हें उचित नहीं बताया। ट्रायल कोर्ट में प्रबीर और अमित के वकील की अनुपस्थिति में गोली चलाने का आदेश जारी किया गया था।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गंभीर अपराध का मामला सामने आया है। यूएपीए के अपराधियों के तहत उनकी गिरफ़्तारी हुई। दोनों साउंडट्रैक के मॉडलों को सुनने के बाद जस्टिस तुषार राव गेडेला ने ऑर्डर सुरक्षित ले लिया।

3 अक्टूबर को प्रबीर-अमित की गिरफ़्तारी हुई थी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को प्रबीर पुरकायस्थ और अमित मित्र को गिरफ्तार किया था। 4 अक्टूबर को उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां ट्रायल कोर्ट ने दोनों को 7 दिन (11 अक्टूबर) को पुलिस के हवाले कर दिया। उधर, पुलिस ने न्यूज क्लिक ऑफिस को भी सील कर दिया।

प्रबीर पुरकायस्थ और अमित मित्र की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी। उन्होंने दोनों की गर्लफ्रेंड और 7 दिन की पुलिस कस्टडी को चुनौती दी। कोर्ट से प्रबीर और अमित को अंतरिम राहत के रूप में रिहाई की मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायाधीश संजीव नरूला की बेंच आज सुनवाई के लिए तैयार हो गई है। 6 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई हुई, तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

दिल्ली पुलिस की FIR क्या है?
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, न्यूज क्लिक पर चीन समर्थक प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर के अनुसार न्यूज वेबसाइट पर भारत की संप्रभुता को बढ़ावा देने और लोगों में देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से बड़ी मात्रा में फंडिंग मिली है।

वेबसाइट के संस्थापक पुरकायस्थ ने साल 2019 में डेमोक्रेसी और सेक डायनामिक्स (PADS) के साथ स्क्रैच रिची के लिए पीपुल्स अलायंस के लिए डेमोक्रेसी को बाधित करने के लिए डेमोक्रेसी की।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एफआईआर में लिखा है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनाव के दौरान एक ग्रुप- पीपल अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक यूनिवर्सलिज्म (PADS) के साथ मिलकर स्टूडियो राची के लिए तैयारी की थी।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उनके करीबी प्रबीर पुरकायस्थ और अमेरिकी टेक मुगल नेविल रॉय सिंघम के बीच के ईमेल ट्रेल्स हैं। इनमें चर्चा की गई है कि भारत का नक्शा कैसे बनाया जाए, जहां कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश ‘विवादित क्षेत्र’ के रूप में मौजूद हैं।

न्यूज़ क्लिक का पूरा मामला पत्रिकाएँ…

5 अगस्त 2023: न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट छपी। बताया गया कि ब्रिटेन और अमेरिका में कुछ ग्रुप चाइना के प्रोपेगैंडा को प्रमोट करने में लगे हैं। इन मूर्तिकारों की जांच में सामने आया कि अमेरिकन मिलेयर नेविल रॉय सिंघम इसके फंडिंग कर रहे हैं। टाइम्स के मुताबिक नेविल रॉय उन सिद्धांतों के साथ जुड़े हुए हैं, जो दुनिया में चीन की आपूर्ति का बखान करते हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच में सामने आया कि सिंघम के साथ मैसाचुसेट्स में एक थिंक टैंक, मैनहट्टन की संस्था, दक्षिण अफ्रीका में एक राजनीतिक दल, भारत और ब्राजील में न्यूज ऑर्गनाइजेशन समूह सहित कई समूह जुड़े हुए हैं। इनके पास अरबों डॉलर के साधन हैं। सिंघम शिकागो में सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी कंपनी थॉटवर्क्स धूम मचा रही हैं। इससे एक भारतीय न्यूज़ वेबसाइट भी जुड़ी हुई है। 69 साल के सिंगम शंघाई में हैं। वहां उनका नेटवर्क यूट्यूब पर एक शो है। इसके लिए शंघाई का प्रोपेगंडा विभाग भी कुछ पैसे देता है।

7 अगस्त 2023: भाजपा सांसद निशिकांत पुतिन ने नोवोस्ती में न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यूज चैनल से मुलाकात करते हुए चीनी फंडिंग का लाभ उठाया था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कांग्रेस, चीन और कंसल्टेंसी न्यूज वेबसाइट न्यूज एक ही गर्भनाल से जुड़े हुए हैं। राहुल गांधी की ‘नकली मोहोब्बत की दुकान’ में पड़ोसी सामान साफ ​​देखा जा सकता है। चीन के प्रति उनकी प्रेम झलकियां आ रही हैं। वे भारत विरोधी अभियान चला रहे हैं।

17 अगस्त 2023: न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक के खिलाफ केस दर्ज किया। इनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न विचारधाराओं के बीच शत्रुओं को बढ़ावा देना) के साथ-साथ यूपीए की कई धाराएं (13, 16, 17, 18 और 22) भी जुड़ी हुई हैं। धारा 16- वैवाहिक संबंधों से जुड़ी, धारा 17- आपराधिक संबंधों के लिए अपराध की सजा, धारा 18- साजिश की सजा, धारा 22 सी- साजिश की सजा।

22 अगस्त 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूज लिंक के एसोसिएट-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस दिया था। यह नोटिस दिल्ली पुलिस की ऑनलाइन ऑफेंसेस विंग (ईओडब्ल्यू) की ओर से दाखिल किया गया था। पुलिस ने अदालत के अंतरिम आदेश को वापस लेने की अपील के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें न्यूज साइट के सख्त कार्रवाई को रोका गया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 जुलाई 2021 को प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि पुरकायस्थ को अधिकारियों के बयान के आधार पर जांच में सहयोग करना होगा। दिल्ली पुलिस की अर्जी के बाद कोर्ट ने पुरकायस्थ से इस मामले में जवाब तलब किया था।

3 अक्टूबर 2023: दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक से जुड़े 30 से ज्यादा लोकेशंस पर झूठ की थी जानकारी। पुलिस ने बताया कि 9 महिलाओं समेत 46 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें पत्रकार उर्मिलेश, औनिंद्यो मित्र, अभिसार शर्मा, प्रांजय गुला के अलावा इतिहासकार सोहेल हाशमी भी शामिल हैं। करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। प्रबीर पुरकायस्थ और अमित मित्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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