नई दिल्ली7 मिनट पहलेलेखक: अभिनंदन मिश्रा
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![दिल्ली पुलिस ने मंगलवार 3 अक्टूबर की रात न्यूज वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित मित्र को गिरफ्तार किया था। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/10/07/1816963114531696421531_1696658453.gif)
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार 3 अक्टूबर की रात न्यूज वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित मित्र को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज चैनल न्यूज पोर्टल के एसोसिएट प्रबीर पुरकायस्थ, एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और शंघाई में रहने वाले बिजनेसमैन नेविल रॉय सिंघम के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की धारा 120 बी और 153 ए के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि विशेषज्ञ का कहना है कि स्पेशल सेल ने बिना एफआईआर फाइल के पूरी तरह से दुकान में जांच कर ली, इसलिए बड़ी बातें छूट गईं।
हालांकि शुक्रवार को पाटील हाउस कोर्ट के एडीशनल सेशन जज हरदीप कौर ने आदेश दिया कि प्रबीर पुरकायस्थ और अमित मित्र के खिलाफ उनके खिलाफ एफआईआर की कॉपी दी जाए। दोनों ने कोर्ट में मुलाकात कर एफआईआर की कॉपी दाखिल की थी।
यह एफआईआर 17 अगस्त 2023 को दर्ज की गई थी, जबकि अक्टूबर में पूछताछ और अपराधी से पूछताछ की गई थी।
पढ़ें स्पेशल सेल की FIR में क्या-क्या है
- मामले में दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार स्पेशल सेल को खुफिया जानकारी मिली थी कि देश में शांति और अशांति पर प्रहार करने के लिए भारत और पड़ोसी देशों पर नियंत्रण हो रहा है और लोगों को करोड़ों रुपये मिले हैं।
- अप्रैल 2018 से न्यूज क्लिक करें कंपनी का नाम पिछले 5 वर्षों में अमेरिका की दुनिया में वाइड मीडिया होल्डिंग्स ने करोड़ों रुपये दिए हैं। पुलिस के अनुसार प्रबीर पुरकायस्थ के अलावा, अमित सेनगुप्ता, डोरास्वामी रघुनन्दन, बापपदित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीत हरिहरन, अमित मित्र और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्ड्स पीकेके के शेयर धारकों के नाम शामिल हैं।
- कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय कार्यकर्ता सिंघम ने अवैध तरीके से विदेशी धन का भारत में इस्तेमाल किया। इसके लिए उसने कई विदेशी कंपनियों का एक जाल बनाया ताकि उनका उपयोग करके वो भारत में अवैध तरीकों से निवेश कर सकें। इस काम के लिए अमेरिका में दो कंपनियां ट्राईकॉन्टिनेंटल लिमिटेड और जीस्पान बनीं।
एफआईआर में गौतम नवलखा भी मुख्य बाजार
एफआईआर में गौतम नवलखा पर लंबे समय से भारत विरोधी और आदिवासी लोगों के शामिल होने का आरोप है। इसमें यह भी कहा गया है कि वो सहयोगियों को सपोर्ट करता है। इतना ही नहीं उसका नाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा गुलाम नबी फाई भी है।
पुलिस की थ्योरी क्या कहती है
पुलिस की थ्योरी के मुताबिक नवलखा और पुरकायस्थ 1991 से एक दूसरे को जानते हैं, और उन्होंने उन दिनों सागरिक था रियोलॉजी के नाम से एक कंपनी असली बनाई थी। आरोप यह भी है कि विदेश से आया मलेशिया पैसा पुरकायस्थ ले गया, बल्कि उनके दोस्तों राज जोसेफ, यूपीए अध्यक्ष और बाप्पादित्य सिंह ने भी इसका इस्तेमाल किया।
इतना ही नहीं यह पैसा तीस्ता सीतलवाड़, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिल, अरात्रिका हलधर, परंजॉय गुला ठाकुरता, टीना शंकर, अभिसार शर्मा को भी दिया गया ताकि इस साजिश में भी शामिल हो सकें।
एफआईआर में लिखा गया है कि कंपनी सिंघम ने अपनी एक और स्टार बातचीत के जरिए सभी लोगों से कहा कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा न बनाया जाए ताकि वैश्विक स्तर पर उन्हें आम क्षेत्र की तरह देखा जाए ताकि उन पर देश की एकता बनी रहे। छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है।
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किसान आंदोलन में भी सक्रिय रही गैंग
स्पेशल सेल ने लिखा- किसानों ने भारत की सप्लायर चेन को भी रोकने की कोशिश की और किसान आंदोलन के समय लोगों को भड़काया। उन्हें उकसाने और बेचने के लिए प्रोत्साहित करें। जिसका मकसद भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना और देश में अशांति फैलाना था। कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार और कोविड के लिए देश में बन रही औषधियों का दुष्प्रचार भी किया।
पुरकायस्थ के बारे में एफआईआर में लिखा है कि उन्होंने पीपुल्स अलायंस डेमोक्रेसी और सेक समुदाय के साथ मिलकर देश के खिलाफ स्क्रैच रची। इसके लिए चीन से करोड़ रुपये भारत में पेड न्यूज के प्रसार की जांच की गई। इस पेड न्यूज में भारत सरकार की बुराई और चीन की महिमा बताई गई है। इस काम के लिए पीपुल डिस्पैच पोर्टल वेबसाइट बनाई गई।
चीनी मोबाइल इंजीनियरों की भी दुकान
एफआईआर में सोशल मीडिया कंपनी शाओमी और वीवो के भी इस साजिश में शामिल होने का आरोप है। इस काम के लिए इन दोनों कंपनियों ने हजारों शेल उद्यमियों को तैयार किया। इन दिग्गजों ने दिल्ली के वकीलों के साथ मिलकर लीगल कम्युनिटी नेटवर्क संस्था की शुरुआत की जिसका काम इन सोसाइटी की मदद करना था।
![स्पेशल सेल की थ्योरी के अनुसार, दशप्रचार के खिलाफ भारत की ओर से पेड न्यूज और चीनी कंपनियों को लोगों की एकजुटता में मदद करने के लिए कहा गया है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/10/07/11169637971216964618261696502561_1696658732.jpg)
स्पेशल सेल की थ्योरी के अनुसार, दशप्रचार के खिलाफ भारत की ओर से पेड न्यूज और चीनी कंपनियों को लोगों की एकजुटता में मदद करने के लिए कहा गया है।
दावा है कि 2020 में शाओमी ने पीएम कार फंड में 10 करोड़ दान किए थे। वीवंस ने भी कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वो भारत में 7500 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इससे पहले उन्होंने 2400 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। भारत सरकार के कई अधिकारी इन दोनों कंपनियों के बनाए फोन अभी भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
चारों को FIR की कॉपी क्यों नहीं दी गई
एफआईआर की कॉपी ऑनलाइन अपलोड नहीं की गई, क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एफआईआर की कॉपी ऑनलाइन अपलोड की जाए और चारों को भी दी जाए। लेकिन इस मामले में इन दोनों ही बातों पर कोई गौर नहीं किया गया है।
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