नीतीश की वापसी से पहले चिराग-मांझी ने रखी शर्तें | नेस्ट की वापसी से पहले चिराग-मांझी ने रेकी स्टॉक निकाला: स्टॉक का फ्रेम से कॉम्प्रोमाइज को रिजेक्ट किया गया; HAM ने 2 मंत्री पद की मांग की

नई/दिल्लीपटना21 मिनट पहले

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नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद सहयोगी दलों को साधने में शामिल किया गया है। शनिवार (27 जनवरी) को दिल्ली में अमित शाह और जापान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और चिराग पासवान से मुलाकात हुई। इस दौरान चिराग ने नीतीश को लेकर अपनी राय रखी।

एलजेपी (रामविलास) के बयान के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि बिहार में एनडीए एक गठबंधन मंत्री बने और उसी का आधार सरकार बने। चिराग़ सिर्फ नीतीश कुमार के सात दावों के आधार पर सरकार चलाये जाने के पक्ष में नहीं हैं।

चिराग ने हमेशा के लिए सात संपत्तियों में संपत्ति के आरोप लगाए हैं और उनका मानना ​​है कि ये एकमात्र अलगाव और समानता का अलगाव है। चिराग की मांग है कि उनका ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ राजग भी एनडीए सरकार में शामिल हो जाए।

बैठक में चिराग ने साफ किया कि उनके नीतीश कुमार से कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है, लेकिन उनके साथ कोई समझौता नहीं होगा। अगर नीतीश कुमार जिद पर नहीं आए तो एक नंबर पर आने में उन्हें दिक्कत नहीं है। इतना ही नहीं, चिराग ये भी चाहते हैं कि नामांकन के बाद भी उनके कोटे की योग्यता कम न हो।

राजद के साथ जाने की संभावना से सिद्धांत का विरोध
पार्टी के बयान में कहा गया है कि बीजेपी शामिल है, लेकिन एलजेपी (रामविलास) ने सहमति नहीं जताई है। अगर सिफारिश पर बात नहीं बनी तो पार्टी फिर 2020 विधानसभा चुनाव की तरह बीजेपी के साथ और जेडीयू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेगी।

यानी 17 नामांकन कोटे की सीट और 6 एलजेपी (रामविलास) की सीट यानी 23 नामांकन पर पार्टी चुनावी मैदान में है। हालांकि पार्टी के दस्तावेजों में किसी भी तरह की संभावना जताई गई है और कहा गया है कि वो पीएम मोदी को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।

सनातन के दो टुकड़े-चिराग नहीं, बीजेपी समझौता करे
चिराग का मानना ​​है कि वो बहुत धोखा खा चुके हैं, अब और नहीं खाएंगे। बड़ी बीजेपी बड़ी पार्टी है, इसलिए वो पार्टिसिपेट कर सकती है, लेकिन अगर वो एलजेपी (रामविलास) की पार्टिसिपेट करती है तो हमारे पास कोई जगह नहीं है। इसलिए अगर नीतीश कुमार आ रहे हैं तो बीजेपी कॉम्प्रोमाइज करे न कि चिराग पासवान।

उत्तर मध्य के मंत्री नित्यानंद राय और फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और उनके सहयोगी दल हम के नेता राम दीक्षित को भी कॉमिक्स-मनाने क्षेत्र। हालाँकि वसीयत ने साफ किया है कि वो पीएम मोदी के साथ ही रहेंगे। लेकिन उनकी पार्टी ने शनिवार को विधायक दल की बैठक के बाद नई सरकार में दो मंत्री पद की मांग कर अपनी कोठी याद दिला दी और बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश की है.

जीतन राम ने 2 मंत्री पद की मांग की
जीतन राम बुद्धि के घर के बाहर लगाए गए पोस्टर में लिखा है कि ‘बिहार में बहार है, बिन बुद्धि सब बेकार है’। हम पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने नई सरकार में पार्टी के लिए कम से कम 2 मंत्री पद की मांग की है।

उनका कहना है कि ‘हम पार्टी गरीब गुरबों की बात है।’ ऐसे में ‘हम’ को बेहतर सेवा देने के लिए कम से कम पार्टी की तरफ से 2 मंत्री पद से मुलाकात जरूर होनी चाहिए। यह हमारी शर्त नहीं है। वैसे हम किसी पद के भी उद्घाटन करते हैं, प्रधानमंत्री जी के साथ पति-पत्नी से मिलते हैं।’ गॉडफादर के कहे अनुसार जीतन राम आदर्श के 6 नामांकन पर दावे ठोकने की सोच रहे हैं।

3% की मांग
वहीं, राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजद नेता नीतीश कुमार की टीम ने नीतीश कुमार की टीम पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने गेंद बीजेपी के पाले में डाल दी. मान्यता प्राप्त कुशवाहा ने कहा कि सहयोगी संगठनों के मन में नीतीश कुमार को लेकर जो संशाय है, उसे दूर करने की जिम्मेदारी बीजेपी की है।

आरएलजेपी के अनुसार, त्रिशूल कुशवाहा नई सरकार में अपने लिए मंत्री पद और लोकसभा चुनाव में कम से कम 3 तिमाही पर चुनाव चाहते हैं। कुशवाहा की इस मांग पर प्लांट फॉल हो सकता है, लेकिन पॉलिटिकल ग्रेजुएट का मानना ​​है कि दशहरा को बीजेपी के लिए मनाना बहुत मुश्किल नहीं होगा।

हालांकि, चुनौती राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पार्स भी पेश कर जायेंगे, जहां कोटे से अभी 5 सदस्य हैं और पार्टी कम से कम इतनी आसानी पर तो दावा पेश करेगी। नई सरकार में सभी सहयोगी आश्रमों में उनके समर्थकों के आधार पर सीट बँटवारा के लिए मंच टेढ़ी खेड के दर्शन हो रहे हैं।

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