नारायण मूर्ति | स्कूल शिक्षक प्रशिक्षण निवेश पर इंफोसिस के संस्थापक | नारायण मूर्तिकार बोले- इसके लिए दुनिया से बेहद काबिल 10 हजार जिम्बाब्वे का घोड़ा होगा

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बैंगलोर13 मिनट पहले

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1946 में भगवान नारायणमूर्ति ने 1967 में मैसूर से बी और 1969 में कानपुर से मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की।  1981 में उन्होंने इंफेक्शन कंपनी की शुरुआत की।  - दैनिक भास्कर

1946 में भगवान नारायणमूर्ति ने 1967 में मैसूर से बी और 1969 में कानपुर से मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की। 1981 में उन्होंने इंफेक्शन कंपनी की शुरुआत की।

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण नारायण मूर्ति ने बुधवार 15 नवंबर को कहा कि भारत में स्कूल टीचर्स की ट्रेनिंग पर सालाना एक अरब डॉलर (लगभग 83 अरब रुपये) का खर्च आना चाहिए। इसके लिए सबसे उपयुक्त 10 हजार टीचर्स टीचर्स फिश होंगे, जो हमारे 2500 टीचर्स को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) में बेहतर तरीके से ट्रेंड कर सकते हैं।

नारायण मूर्ति ने यह भी कहा कि हालांकि यह कोर्स ही काफी नहीं होगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक वर्ष का होना चाहिए। इंफोसिस फाउंडर ने ये बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं।

सुझावों का स्वागत है- नारायण मूर्ति
भारत में तरह-तरह के सुझाव देने आते हैं और मुझे विश्वास है कि हमारे पास के शिक्षकों का एक समूह है जो अनायास सलाह देता है। यदि यह सत्यता पाई गई तो वे इसे आगे बढ़ा सकते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि इन सभी सुझावों का स्वागत किया जाना चाहिए, जब तक कि ये देश की भावना की भावना न दी गई हो।

इंफोसिस के एक अन्य संस्थापक और फाउंडेशन के ट्रस्टी बोर्ड के अध्यक्ष एस गोपालकृष्णन ने कहा, जैसे-जैसे हमारी जीडीपी बढ़ी है, हमें कुछ अलग करने की जरूरत है। हम एक ही रास्ते पर पैदल चलकर नहीं जा सकते।

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इंफोसिस के सह-संस्थापक नेपोलियन नारायण मूर्ति ने एक बयान में कहा कि युवाओं को कहना चाहिए कि “यह मेरा देश है। मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहता हूं, ताकि मेरा देश और अधिक ज्वालामुखी बना रहे।” निजी क्षेत्र के अन्य सदस्यों द्वारा इस बात का समर्थन किया जाता है कि किस प्रकार उद्योग स्थापित करने वाले व्यवसाय में लाभ के लिए अपने स्वामित्व को छिपाते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि, यह तर्क है कि तीन विश्वविद्यालय असफल होते हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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