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- नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) अद्यतन; शांतनु ठाकुर | पश्चिम बंगाल बीजेपी टीएमसी
कोलकाता16 मिनट पहले
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![शांतनु ठाकुर ने दक्षिण 24 परगना के काकाद्वीप में रविवार को ये बयान दिया। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/29/comp-1-49_1706509280.gif)
शांतनु ठाकुर ने दक्षिण 24 परगना के काकाद्वीप में रविवार को ये बयान दिया।
मंत्री शांतनु ठाकुर ने रविवार को कहा कि मैं गारंटी देता हूं कि 7 दिनों के भीतर केंद्रीय नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होगा। ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक रैली को चित्रित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अगले 7 दिनों के अंदर भी सीएए लागू नहीं होगा. ठाकुर बन गाँव से भाजपा के अल्पसंख्यक हैं।
ठाकुर के दावे पर राज्य में CAA को किसी भी हाल में लागू नहीं किया जाएगा। थोक विक्रेताओं के प्रदेश के थोक व्यापारी राकेश घोष ने भाजपा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव से पहले लोगों को बेकार करने के लिए ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं।
इससे पहले कोलकाता में पिछले साल दिसंबर में एक रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई रोक नहीं सकता है। शाह ने आतंकवादी, गुलाम, राजनीतिक हिंसा और तुश्तकारी के कब्जे पर मोहम्मद इब्राहिम का कब्जा कर लिया था। उन्होंने लोगों से ममता सरकार को बंगाल से हटाने और 2026 विधानसभा चुनाव में भाजपा को बढ़ावा देने का आग्रह किया था।
शाह के बयान पर ममता ने कहा- वे लोग बंटवारा करना चाहते हैं। पहले, नागरिकता कार्ड जिला मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब केवल राजनीति के लिए छीन लिया गया है। वे लोगों को बांटना चाहते हैं। वे इसे किसी को देना चाहते हैं और शब्दों को इससे संबंधित बातचीत करना चाहते हैं। यदि किसी समुदाय को नागरिकता मिल रही है तो दूसरे को भी मिलनी चाहिए।
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2019 में लोकसभा-राज्यसभा से बिल पास हो गया
11 दिसंबर 2019 को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीएबी) के पक्ष में 125 और विपक्ष में 99 वोट पड़े थे। अगले दिन 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। मूल में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों के पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका था। इसे राइटर अमित शाह ने 9 दिसंबर को कॉम में पेश किया था।
1955 के कानून में किये गये बदलाव
2016 में सिकायत संशोधन फैक्ट्री 2016 (CAA) पेश किया गया था। 1955 के कानून में कुछ बदलाव किये गये। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम आबादी को नागरिकता देना। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय समिति का पास भेजा गया। समिति ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट दी थी।
विरोध में गाली-गलौज में 50 से ज्यादा बार देखा गया
लोकसभा में पहले भी ये बिल विवाद था, लेकिन जब ये कानून बना तो इसके बाद इसका विरोध और तेज हो गया। दिल्ली के कई इलाक़ों में प्रदर्शन हुए। 23 फरवरी 2020 की रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के जमावड़े के बाद भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों में दहशत हो गई।
![देश के कई सिद्धांतों में कोचिंग संशोधन कानून का जोरदार विरोध हुआ और आंदोलनकारियों ने केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/29/caa-2_1706509662.jpg)
देश के कई सिद्धांतों में कोचिंग संशोधन कानून का जोरदार विरोध हुआ और आंदोलनकारियों ने केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की।
चार राज्यों में CAA के विरोध में प्रस्ताव पारित हो चुका है
सीएए बिल संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद 4 राज्यों में इसका विरोध विधानसभा में प्रस्ताव रखा गया है। सबसे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिसंबर 2019 में सीएए के खिलाफ अपना प्रस्ताव पेश करते हुए कहा था कि यह सबसे पहले नजरिया और देश के खिलाफ बने हैं। इसमें नागरिकता शास्त्र से धर्म के आधार पर भेदभाव होगा।
इसके बाद पंजाब और राजस्थान सरकार ने विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। चौथा राज्य पश्चिम बंगाल था, जहां इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया था। पश्चिम बंगाल के सीएम ने कहा- बंगाल में हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी नहीं लाएंगे.