नवरात्र से श्री रामलला की पूजा, शृंगार और भोग में बदलाव | नवरात्र से श्रीरामलला के पूजन, शृंगार और भोग में बदलाव: 56 भोग में सात्विक जनाब भी होंगे, पुजारियों के लिए ड्रेस कोड में बदलाव

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अयोध्या/लखनऊ20 मिनट पहलेलेखक: विजया उपाध्याय

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अयोध्या के श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला का श्रृंगार, आरंभ, भोग, वस्त्राभूषण आदि बदलावों की तैयारी की जा रही है। भगवान राम को मूल कांड, बेर सहित कई तरह के युवा भोजन प्रिय थे। इसलिए, उनके 56 भोग में जंगल और पवित्र भोजन सामग्री शामिल होगी।

पुजारियों के लिए भी नया ड्रेस कोड होगा। वे नीली धोती, सफेद धोती और केसरिया पताका पहनेंगे। धर्मशास्त्रों के अनुसार, पुजारियों को ऐसे वस्त्रों का अध्ययन नहीं करना चाहिए, जिनमें शामिल या सिर होता है। अभी पुजारी केसरिया कुर्ता और धोती बनाते हैं।

नई पूजा- साझीदार, श्रंगार में उत्तर और दक्षिण भारत के पुजारी की साझीदारी का समन्वय प्रकट होता है। पूजा के लिए विशेष पुस्तक भी तैयार की गई है। इसमें उत्तर और दक्षिण भारतीय बौद्धों के अनुसार श्रीरामलला के आगमन की स्तुतियाँ लिखी हुई हैं।

नीतिगत रूप से दीक्षा का क्रम तय हो गया है। कुछ आश्रमों को मंदिर में पुजारियों के साथ रखा गया है। गर्भगृह में पूजा की जिम्मेदारी देने से पहले कई तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। श्रीरामलला की अष्टयाम सेवा के लिए पुजारियों का समूह अलग-अलग समय के पूजन की जिम्मेदारी देगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इन बदलावों को चैत्र राष्ट्र से जानें।

प्रतिदिन लाखों दर्शन कर रहे, उचित पुजारी की भर्ती पर भी विचार
प्रतिष्ठा के बाद से हर दिन लाखों अलौकिक मंदिर में दर्शन करते आ रहे हैं। आस्थावानों की भारी संख्या, श्रद्धालुओं और योग्य पुजारियों की भर्ती पर भी विचार किया जा रहा है। इस बीच प्रशिक्षण पा रहे 21 नए पुजारियों ने भी परीक्षा पास कर दी है।

ट्रस्ट पुजारियों को हर महीने 32 हजार रुपये वेतन मिलता है। अभी मंदिर में एक मुख्य पुजारी के साथ पांच पुजारी हैं। मंदिरों के परकोटे में छह और परिसर में सात नए मंदिर तैयार हो रहे हैं। इनके लिए भी पुजारियों की जरूरत होगी।

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