नरेंद्र मोदी दैनिक कार्य घंटे सज्जन जिंदल नारायण मूर्ति | बोले- बोस्नियाई बॉस होंगे, हमारे प्रधानमंत्री भी प्रतिदिन 16 घंटे काम करते हैं

मुंबई3 मिनट पहले

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सज्जन जिंदल ने पीएम मोदी के साथ अपनी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी।  - दैनिक भास्कर

सज्जन जिंदल ने पीएम मोदी के साथ अपनी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी।

पिछले दिनों इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा था कि भारत के कारखाने की उत्पादकता दुनिया में सबसे कम है। इसलिए देश के युवाओं को 12-12 घंटे काम करना जरूरी है। वास्तुशास्त्र ‘डी रिकॉर्ड’ के लिए इंफेक्शन के लिए पूर्व सीएफओ मोहनदास पई से बात कर रहे थे।

अब मूर्ति के इस बयान को जेएसडब्ल्यू ग्रुप के संस्थापक सज्जन जिंदल का समर्थन मिल गया है। जिंदल ने कहा- मैं मूर्ति की बात से सहमत हूं, हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी भी हर रोज 16 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं। हमें अपने काम में और राष्ट्र निर्माण में जुनून की तलाश होगी।

जिंदल बोले- यह थकान की बात नहीं है
सज्जन जिंदल ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पहला ट्विटर) पर लिखा- हमें भारत को एक ऐसी आर्थिक महाशक्ति बनाना है जिस पर हम सभी को गर्व है। हमारे तेजी से विकसित हो रहे देश को फाइव डे वर्किंग कल्चर की जरूरत नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हर रोज 14-16 घंटे से ज्यादा काम करते हैं। मेरे पिता 12-14 घंटे काम करते थे। मैं खुद हर रोज 10-12 घंटे काम करता हूं।

एक और पोस्ट में वे फॉर्म हैं- हमें अपने काम में और राष्ट्र निर्माण में जुनून की तलाश होगी। विकसित राष्ट्रों की तुलना में भारत के किसान और सामने आने वाली मूर्तियाँ अलग-अलग हैं। वे सप्ताह में 4 या 5 दिन काम कर रहे हैं क्योंकि उनकी पिछली पीठें लंबे समय तक और अधिक उत्पाद घंटे बिताती रहीं। हम अपने वर्कशॉप कल्चर को अपने वर्कशॉप वीक का स्टैंडर्ड नहीं बना सकते।

जिंदल ने कहा- भारत की सबसे बड़ी ताकत हमारे युवा हैं। महाशक्ति बनने की हमारी यात्रा में, इस पीढ़ी को आराम से ज्यादा काम करना होगा। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, आराम के अवसर मिलेंगे और 2047 के युवाओं को हमारे बलिदान और परिश्रम का लाभ मिलेगा।

बहुराष्ट्रीय बिजनेस ग्रुप JSW है

तस्वीर मोदी की उत्तराखंड के मंदिरों की है, जहां पर पीएम मोदी के प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए नजर आ रहे हैं।  इसे जिंदल ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर साझा किया था।

तस्वीर मोदी की उत्तराखंड के मंदिरों की है, जहां पर पीएम मोदी के प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए नजर आ रहे हैं। इसे जिंदल ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर साझा किया था।

JSW ग्रुप भारत का बहुराष्ट्रीय समूह है। यह ओपीआरआइ जिंदल ग्रुप का हिस्सा है, सज्जन जिंदल इसके संस्थापक हैं। ग्रुप के बिजनेस वेंचर्स में स्टील, पावर, आर्किटेक्चर, आर्किटेक्चर और पेंट शामिल हैं। जो भारत के अलावा अमेरिका और अफ्रीका में भी मौजूद हैं।

जिंदल ग्रुप ने 2013 में बाढ़ में पुनर्वास और नवीनीकरण के काम के लिए उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।

पीएम मोदी के खास माने जाते हैं सज्जन जिंदल
सज्जन, कांग्रेसी सांसद रहे नवीन जिंदल के बड़े भाई। इन्हें मोदी का करीबी भी माना जाता है। 25 दिसंबर 2015 को जब पीएम मोदी ने अचानक बम विस्फोट से लाहौर जाने का फैसला लिया, तब ये खबरें आईं कि ये फैसला सज्जन जिंदल की वजह से लिया गया। साजन, पीएम मोदी से पहले ही लाहौर पहुंच गए थे और ऐसे में इस बात को और बल मिला था।

नारायण मूर्ति ने पॉडकास्ट ‘डी रिकॉर्ड’ में कही ये 5 बड़ी बातें

  • जब तक हम अपने वर्कशॉप में प्रोडक्टिविटी में सुधार नहीं करते, जब तक हम सरकार में कमी को कम नहीं करते, क्योंकि हम इसके बारे में बात कर रहे हैं, मुझे इसकी सच्चाई का पता नहीं चलता, जब तक हम आमीकी निर्णय लेने की देरी को कम नहीं करते। तब तक हम संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर शक्तिशाली आक्रामकता की वकालत नहीं कर सकते।
  • हमारे युवाओं को कहना चाहिए कि यह मेरा देश है, और मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहता हूं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनों और जापानियों ने इसे ठीक किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक जर्मन अतिरिक्त घंटे काम करे।
  • हर सरकार में इतना ही अच्छा है कि हमारी संस्कृति, और “हमारी संस्कृति अत्यंत दृढ़, अत्यंत दृढ़ संकल्प वाली संस्कृति में परिवर्तित होगी। हमें अनुशासित होना और अपनी कार्यशाला में उत्पादकता में सुधार करना आवश्यक है। मुझे लगता है कि जब तक हम ऐसा नहीं चलेगा, कागजी सरकार क्या कर सकती है?
  • जब उनकी आजादी के 75वें वर्ष में भारत के युवाओं से उनके संदेश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले 300 वें वर्ष में पहली बार भारत को राष्ट्रों की समितियों की नजरों में कुछ सम्मान मिला है। उस सम्मान को मजबूत करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है, खासकर युवाओं की।
  • दुनिया में खुद को साबित करने का एकमात्र तरीका प्रदर्शित होता है। मैं बार-बार कहता हूँ कि प्रदर्शनों से पहचान होती है, पहचान से सम्मान मिलता है, और सम्मान शक्ति की ओर जाता है। चीन इसका बड़ा उदाहरण है। इसलिए, इस देश के सभी युवाओं से मेरा पसंदीदा है कि इसे महसूस करें और अगले 20 से 50 साल तक 12 घंटे काम करें। ताकि भारत जीडीपी के मामले में नंबर एक या दो बन जाए।

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