नई दिल्ली25 मिनट पहले
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भारत उच्च निवेश वाले देश में शामिल हो चुका है। चिंता की बात यह है कि पिछले 20 वर्षों में पूर्वी एशिया में लोगों की आय और संपत्ति में भी काफी उछाल आया है। यूनाइटेड नेशन जापान जापान (यूएनडीपी) ने सोमवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल हो गया है, जहां लोगों की कमाई तो सभी देशों के समान रूप से अच्छी नहीं है। 10 प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की आधी संपत्ति है।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या 2015-16 में 25 प्रतिशत से 2019-21 के दौरान 15 प्रतिशत हो गई है।

देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या 2015-16 में 25 प्रतिशत से 2019-21 के दौरान 15 प्रतिशत हो गई है।
18.50 करोड़ लोग गरीबी में रहने को मजबूर हैं
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 18.50 करोड़ लोग गरीबी में रहने को मजबूर हैं, अनुपात आय 2.15 डॉलर यानी 180 रुपये से भी कम है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो गरीबी रेखा से ठीक ऊपर हैं। ऐसे लोगों के लिए फिर से गरीबी रेखा के नीचे जाने का खतरा बना हुआ है, जिसमें महिलाएं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, इंटर-स्टेट मजदूर शामिल हैं।
यूएनडीपी के रीजनल डायरेक्टर कन्नी विग्नराजा ने कहा- रिपोर्ट में यह बात जोर देकर कही गई है कि स्थिर नामांकन पर डेमोस्टिक्स पाने के लिए हमें मॉमोरोन डेमोक्रेसी में इनवेस्टमेंट को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही सभी देशों को ऐसा करने के लिए अपना रास्ता खुद तैयार करना होगा।
12 से 120 अमेरिकी डॉलर रोज़ वालो की जनसंख्या वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, 12 से 120 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन वाले मध्यम वर्ग की आबादी भारत में बढ़ी है। ग्लोबल मिडिल-क्लास ग्रोथ में 24 प्रतिशत योगदान भारत का रहने वाला है, जिसकी जनसंख्या 19.2 करोड़ के बराबर है।