- हिंदी समाचार
- राष्ट्रीय
- दिल्ली में भूकंप के झटके | राजस्थान, हरियाणा, पंजाब भूकंप समाचार
नई दिल्ली26 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

4 नवंबर को नेपाल में भी भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर में महसूस किया गया था। लोग अपने घर से बाहर चले गये थे। (फ़ॉलो फोटो)
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार शाम 4 बजे 16 मिनट पर फिर एक बार भूकंप का झटका महसूस हुआ। भूकंप का केंद्र नेपाल था। इसका एट्रिब्यूशन 5.6 समर्थित है। इसकी वजह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से भी जुड़ी हुई है।
4 नवंबर को रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 इंच का भूकंप आया, जिसमें 157 लोगों की मौत हो गई। टैब में दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी शामिल किए गए थे। हालाँकि भारत में किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई थी।

नेशनल सेंटर फॉर सिसमोलॉजी ने सोशल मीडिया पर भूकंप की जानकारी दी।
2015 में आए भूकंप से काठमांडू 10 फीट तक खिसक गया था
नेपाल में साल 2015 में 7.8 भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान करीब 9 हजार लोग मारे गए। इस भूकंप ने देश के भूगोल को भी देखा था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के टैक्टोनिक विशेषज्ञ जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद काठमांडू की जमीन लगभग 10 फीट दक्षिण की ओर खिसक गई। हालाँकि दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत चोटी एवरेस्ट के भूगोल में किसी भी बदलाव के संकेत नहीं हैं। नेपाल में आया यह भूकंप 20 बड़े परमाणु बम शक्तिशाली थे।

भारत ने 5 नवंबर को नेपाल में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए राहत सामग्री जारी की।
भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह पर मुख्य रूप से 7 बड़े और कई छोटे-छोटे टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार इनमें कमाल दिखाई देती हैं। कई बार प्लेटों के कोने मुड़े हुए होते हैं और इन प्लेटों पर दबाव डाला जाता है। ऐसे में नीचे दिए गए सेलेक्ट एनर्जी के बाहर की ओर से डायनासोर के रास की खोज की गई है और भूकंप आने के बाद इस डायरबेंस का प्रदर्शन किया गया है।

बहस का दावा- अरवलिया पर्वतमाला की चिंगारी सक्रिय हुई, शामिल रहे भूकंप
भूगोल के विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह के अनुसार अरावली पर्वतमाला पूर्व में एक शाखा रेखा (दरार) है। यह भँवर रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से उत्पन्न होकर मन्दिरों तक जा कर स्थापित होती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, जूनागढ़ क्षेत्र शामिल हैं।
बहस का कहना है कि अरावली पर्वत में जो दिखते हैं, उनमें हलचल शुरू हो जाती है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर सहित साटे हुए अन्य एशिया में भी शामिल होंगे। जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के संकेत आते हैं।

467 साल पहले चीन में आए भूकंप में 8.30 लाख लोगों की मौत हो गई थी
सबसे घातक भूकंप चीन में 1556 में आया था, जिसमें 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी। अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। रिक्टर स्केल पर इसके क्लिप्स 9.5 थे। इसकी वजह आई सुनामी से दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भयंकर तबाही मची थी। 1655 इसमें लोगों की मौत हो गई, जबकि 3000 लोग घायल हो गए।
