दिल्ली में बच्चे ने माता-पिता से मांगा तलाक | दिल्ली में बच्चे ने मां-बाप से मांगा तलाक: जज से कहा- ये साथ नहीं रह सकते तो मुझे भी तलाक दो, पति-पत्नी ने केस वापस ले लिया

नई दिल्ली2 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार

  • कॉपी लिंक

दिल्ली की कडकडूमा कोर्ट में पति-पत्नी में 9 साल से चल रहा था विवाद। दोनों ने एक-दूसरे पर कई केस किए थे। दोनों के बीच तलाक का केस भी आखिरी चरण में था।

11 साल के बच्चे ने कोर्ट में जाकर ऐसा कारनामा किया कि उसके माता-पिता ने तलाक का कोई फैसला नहीं लिया, बल्कि वे साथ रहने को भी तैयार हो गए।

अब जानिए क्या है पूरा मामला…

पति-पत्नी के बीच तलाक के मामले पर सुनवाई
यूं हुआ कि तलाक के एक मामले में अदालत की ओर से नियुक्त नियुक्ति केंद्र में पति-पत्नी के बीच अंतिम सुनवाई हुई थी। पति राजन (परिवर्तित नाम) और पत्नी गीता (परिवर्तित नाम) दोनों ही मौजूद थे।

गीता अपने साथ 11 साल के बेटे रोहन (परिवर्तित नाम) को भी लेकर आई थी। राजन व गीता से मध्यस्थ ने अंतिम बार पूछा कि आप क्या चाहते हैं। यदि नहीं तो तलाक के अंतिम निर्णय के लिए आपके मामले की फाइल पारिवारिक अदालत में भेज दी जाएगी।

जज ने बेटों से पूछा- आदिवासी साथ रहोगे
पति-पत्नी दोनों ने एक ही साथ रहने से मना कर दिया। इस पर मौजूद रोहन की आंखों में फूल आ गए। मौजूद जज ने पूछा कि बेटा वहां क्या हुआ? क्या आप दोनों में से किसी एक के साथ रहना चाहते हो?

रोहन ने मासूमियत से प्रश्न के उत्तर में प्रश्न ही पूछा कि जज अंकल मुझसे माँ-पापा दोनों के साथ रहते हैं। ये दोनों साथ क्यों नहीं रह सकते?

जज ने बच्चे को समझाते हुए कहा कि बेटा तुम्हारे मम्मी-पापा की बात में कोई समानता नहीं है। वे खुद ही साथ नहीं चाहते। इसलिए उनका तलाक हो रहा है। जिससे वे अलग-अलग और खुशमिज़ाज़ बने रहें।

बेटा बोला- जज अंकल, मुझे भी इन दोनों से तलाक दे दो
रोहन ने मासूमियत के टुकड़ों में टूटे हुए से कहा कि जज अंकल, अगर ये साथ नहीं रह सकते तो मुझे भी इन दोनों से तलाक दे दो। माँ-पापा मेरी खुशियों के लिए भी एक साथ नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं तो दोनों के साथ नहीं तो किसी के साथ भी नहीं। मुझे कहीं और भेजने वाले।

इसके बाद रोहन ने रोना शुरू कर दिया और उसे चुप कराने की कोशिश की, मां-बाप दोनों ने की, लेकिन वह दोनों के हाथ झिटक कर नीचे आ गए और बोल करने वाले जज के पास चले गए। बच्चे की इस बात और व्यवहार ने पति-पत्नी दोनों के ही मन को झकझोर कर रख दिया। पति-पत्नी दोनों ने की एक-दूसरे से अलग आधे घंटे की बातचीत।

इसके बाद दोनों ही कोर्ट के सामने आ गए और बोले कि वे दोनों अपने बच्चे से अलग नहीं हो सकते। वे अपनी लड़ाई में अपने मासूम बच्चे का भविष्य भूल गए थे। दोनों ने निर्णय लिया कि वे एक-दूसरे के खिलाफ़ सभी इकाइयां वापस ले लेंगे और 1 फरवरी से अपने-अपने कारोबार की नई शुरुआत करेंगे और साथ रहेंगे।

2015 से घरेलू हिंसा और गुजरात बोचा का मामला चल रहा था
वकील मनीष मिशेल ने डेली भास्कर को बताया कि दिल्ली के लक्ष्मी नगर के एक रिश्तेदार की शादी रोहिणी निवासी गीता (परिवर्तित नाम) से 21 जनवरी 2011 को हुई थी। इस शादी से 8 जनवरी 2013 को उनका लड़का हुआ।

इसके बाद पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातें पर विवाद होने लगा। 20 मार्च 2015 से दोनों अलग-अलग रहने लगे। लड़का अपनी माँ के पास रहा। गीता ने राजन की अदालत में घरेलू हिंसा और गुजरात बोचा केस के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वहीं राजन ने पत्नी से तलाक के लिए तलाक ले लिया।

ये खबर भी पढ़ें…

केरल उच्च न्यायालय का अनोखा निर्णय:शादी के बारे में जानते हैं संबंध रखना रेप नहीं, लव और पैशन है​​​​​​

केरल उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए निर्णय दिया कि यदि कोई महिला किसी विवाहित पुरुष के साथ है, उसकी शादी के संबंध में कोई संबंध नहीं है, तो उसे रेप के विवरण में नहीं रखा जा सकता है। बल्कि ये दोनों के बीच का ‘लव और प्यार’ है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे में शादी का झूठा वादा करके संबंध बनाने का आरोप नहीं बनता है।​पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *