दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच की गुप्त रिपोर्ट | दिल्ली पुलिस का दावा-देश में उग्रवादियों की कोशिश: सोशल मीडिया से लेकर धार्मिक स्थलों तक पुलिस की गुहार

नई दिल्ली4 मिनट पहले

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दिल्ली में यूनिट का एक विश्वास संदेश सभी पुर्तगालियों के अस्पताल, अस्पताल पुलिस, मेडिकल यूनिट और साइबर को भेजा गया है।  - दैनिक भास्कर

दिल्ली में यूनिट का एक विश्वास संदेश सभी पुर्तगालियों के अस्पताल, अस्पताल पुलिस, मेडिकल यूनिट और साइबर को भेजा गया है।

बनारस में ज्ञानवापी मंदिर को लेकर कोर्ट के आदेश, मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सती शाही ईदगाह को लेकर विवाद और दिल्ली के महरौली में मस्जिद ढहाए जाने के बाद देश में विरोधी ताकतों ने तानाशाही करने की कोशिश की। इसका खुलासा दिल्ली पुलिस के स्पेशल ऑफिस की एक खुफिया रिपोर्ट में हुआ है।

इसी के समान दिल्ली में एक ट्रस्ट का दावा है कि सभी टॉयलेट्स के अवशेष, प्लास्टिक पुलिस, मेडिकल यूनिट और यूनिट को भेजा गया है और आपके स्टाफ पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस की यूनिटों के स्पेशल डीलर्स की ओर से हाल ही में जारी एक इंटरव्यू में एड इशरीरी ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों को भड़काने की कोशिश हो रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शैतानी तत्व धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए धार्मिक आस्थाओं से लेकर मिश्रित जनसंख्या वाले तेलंगाना में विशेष रूप से निगरानी की जाए। सोशल मीडिया पर सोशल मीडिया पर कमेंट करने वालों की नजरें टिकी हुई हैं। सादी में महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के बाहर मूर्तियाँ स्थापित करें। हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान सभी धार्मिक स्थलों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान सभी धार्मिक स्थलों के आस-पास के इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान सभी धार्मिक स्थलों के आस-पास के इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया।

सोशल मीडिया पर मोंटेनेग्रो की कोशिश
24 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ी एक रिपोर्ट सार्वजनिक हुई थी। कहा गया था कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल के दौरान हिंदू मंदिरों का अनादर किया गया था। 31 जनवरी को मठ में ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासों का तहखाना बनाकर कोर्ट के अंदर पूजा करने की अनुमति दी गई, जिसके बाद वहां पूजा भी शुरू हो गई।

30 जनवरी को दिल्ली के महरौली इलाके में डीडीए के अधीन पुरानी मस्जिद को नष्ट कर दिया गया था। इसके बाद से ही मामला गरमाया हुआ है और सोशल मीडिया पर धार्मिक और राजनीतिक अस्थिरता के बीच में मृतकों को धोखा देने की कोशिश हो रही है।

चित्तपुत विवाद की आध में फैलाई गई बड़ी गड़बड़ी हो सकती है
अंदेशा है कि आने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के नेता रिपब्लिकन इकट्ठा होकर इस मुद्दे को उठा सकते हैं। स्पेशल मॉल की ओर से अंदेशा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चटपट विवाद के आधार में डॉयचे तत्व बड़ी गड़बड़ी को उजागर कर सकता है, इसलिए पुलिस की सभी इकाइयों को विशेष रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा गया है। गुप्तचर विभाग ने यह निर्देश दिया है कि धार्मिक धार्मिक मूर्तियों और एशियाई जंगलों में विशेष नजर रखी जाए। किसी भी रोबोट घटना से बचने के लिए मॉड पर बने रहें।

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