नई दिल्ली24 मिनट पहले
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![30 सितंबर 2008 को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/25/31698243840_1700908531.png)
30 सितंबर 2008 को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन प्रधानमंत्री केस में दिल्ली कोर्ट ने 15 साल बाद शनिवार (25 नवंबर) को दोषियों को सजा सुनाई। साकेत कोर्ट का कहना है कि रेयर केश के अपराध रेय स्टोर्स की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए मौत की सजा की अपील खारिज की जाती है।
ट्रायल जस्टिस क्रिस्टियन कुमार पांडे ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है, जबकि दोषी दोषी अजय सेठी को 3 साल की जेल की सजा दी गई है। इसके साथ ही उन पर 1.25 लाख रुपये की कीमत भी आंकी गई है।
इससे पहले 18 अक्टूबर को कोर्ट ने 5 चार लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार, अजय सेठी और बलजीत आमिर को दोषी ठहराया था और इन पर मकोका लगाया गया था।
ऑफिस से घर का सामान समय पर मारी गई थी गोली
25 साल की सौम्या विश्वनाथन हेडलाइंसेस की पत्रकार रहीं। 30 सितंबर 2008 की सुबह दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। वे ऑफिस से अपनी कार से घर आ रही थीं। पुलिस ने दावा किया कि हत्या के पीछे का मकसद था। हत्या के पांच दोषी मार्च 2009 से न्याय में हैं।
![तस्वीर 18 अक्टूबर की है, जब कोर्ट के बाहर दोष सिद्ध होने पर सौम्या की मां ने केस की जांच करने वाले को गले लगा लिया था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/25/1697631814_1700909757.jpg)
तस्वीर 18 अक्टूबर की है, जब कोर्ट के बाहर दोष सिद्ध होने पर सौम्या की मां ने केस की जांच करने वाले को गले लगा लिया था।
कोर्ट ने 18 अक्टूबर को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत आमिर और अजय कुमार को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और महाराष्ट्र अपराध अधिनियम (मकोका) के तहत दोषी ठहराया था। अजय सेठी को आईपीसी की धारा 411 (बेइमानी से चोरी की संपत्ति हासिल करना) और मकोका के तहत अपराध को बढ़ावा देने, मदद करने और साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था।
इन सभी पर मुख्य आरोप यह था कि रवि कपूर ने सौम्या की कार लूटने के लिए उनका पीछा किया था, और इसी दौरान देशी पिस्तौल से गोली मारी। कपूर के साथ अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत आमिर भी थे। पुलिस ने अधेड़ उम्र के नवजात सेठी नी चाचा से हत्या में प्रयुक्त कार भी बरामद की थी।
जिगिशा घोषा मासुक केसे से मिला था पुलिस को सुराग
28 साल की जिगिशा घोष एक लैब बी हैविट एसोसिएट में ऑपरेशनल मैनेजर थी। 18 मार्च 2009 को जिगिशा के ऑफिस से इंटरव्यू टाइम सुबह 4 बजे बसंत विहार एरिया में उनके घर के बाहर से ही अपहरण कर लिया गया था। ऑफिस कैब ने जिगिशा को वहां से हटा दिया था। इसके बाद चार ने जिगिशा के एटीएम और क्रेडिट कार्ड का बिजनेस करते हुए सरोजनी नगर मार्केट से खरीदारी की।
18 मार्च को किडनैप हुई जिगिशा घोष की बॉडी 21 मार्च को सनकुंड के पास रिकवर की थी। सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों का सुराग जिगिशा मैसाचुसेट्स केस की जांच के दौरान ही हाथ लगा था।
जांच के दौरान इन दोनों गठबंधन के पीछे एक छुपे हुए गिरोह का हाथ सामने आया। इस गैंग के मुखिया रवि कपूर थे।