दिल्ली द्वारका एक्सप्रेसवे भूमि घोटाला; अरविंद केजरीवाल बनाम मुख्य सचिव नरेश कुमार | एलजी से हटाए गए समर्थकों की, आतिशी बोले-सीबीआई और ईडी की भी रिपोर्ट

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नई दिल्ली14 मिनट पहले

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नरेश कुमार अप्रैल 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव बने।  - दैनिक भास्कर

नरेश कुमार अप्रैल 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव बने।

दिल्ली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश कुमार पर 897 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है। इसकी याचिका सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली थी। इसके बाद सीएम ने शनिवार 11 नवंबर को इस मामले की जांच के आदेश दिए। विजीलेंस मंत्री आतिशी ने 3 जुलाई को इस मामले की जांच पूरी कर ली और मंगलवार 14 नवंबर को रिपोर्ट फ्रांसिस्को को सौंपी गई थी।

इसके बाद रविवार को सीएम बिग बॉस ने एलजी वीके सक्सेना को एक लिट्रेसी लिखी और नरेश कुमार को प्रमुखता से पद से हटा दिया गया। सीएम ने एलजीबीटी के साथ मामले की जांच रिपोर्ट भी जारी की।

साथ ही स्ट्राइकर ने आतिशी से स्नातक और पीएचडी को इस मामले की जांच रिपोर्ट में कहा।

दिल्ली में बने द्वारका एक्सप्रेस के लिए जमीन अधिग्रहण की बात सामने आने पर आतिशी ने इस मामले की जांच की। आतिशी ने जांच में पाया कि नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनी पर 897 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने के लिए द्वारका एक्सप्रेस-वे बनाया गया है।

दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने के लिए द्वारका एक्सप्रेस-वे बनाया गया है।

अब पढ़ें आतिशी की रिपोर्ट क्या…

सीएम के आदेश के बाद विजीलेंस मंत्री आतिशी ने इस मामले की जांच की। 3 दिन की जांच में आतिशी को पता चला कि द्वारका एक्सप्रेस वे बामनौली गांव की जमीन का अधिग्रहण कर रही थी। 5 साल में इस जमीन का तय स्टॉकिस्ट 9 गुना तक बढ़ गया। इस जमीन की कंपनी में जिस व्यक्ति को फायदा हो रहा था, उसमें उसके दामाद का बेटा करण चौहान काम करता है।

साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बेटों से जुड़े कई सहयोगियों की सरकारी झलक और अब भी जांच होगी। वहीं, जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मामले में 897 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया गया है।

आतिशी ने इस मामले में 650 पेज की जांच रिपोर्ट में मंगलवार को सीएम स्पेक्ट्रा को बुलाया। आतिशी ने बामनोली भूमि अधिग्रहण में शामिल दस्तावेजों की जांच के लिए ईडी और सीबीआई से जांच की मांग की है।

जानिए क्या है मामला…
द्वारका एक्सप्रेस वे के लिए दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम में बसे बामनोली गांव की 19 ओकरा ग्राउंड का अधिग्रहण किया गया। 40 दिन बाद नरेश के प्रमुख अजित कुमार साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के इंजीनियर बने। 2018 में इस जमीन के लिए 41 करोड़ 50 लाख रुपये तय किए गए। 2023 में इस जमीन के लिए 353 करोड़ रुपये तय किए गए।

प्लांट की ब्याज वृद्धि के पीछे बिल्डर ने तर्क दिया- इस जमीन को पहले कृषि भूमि बताया गया था, जबकि यह रेसायशी भूमि है। जमीन की कीमत भी उसी हिसाब से मिलनी चाहिए।

उधर, जब नेशनल हाईवे अथॉरिटीज ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इसे प्रोजेक्ट किया तो पता चला कि 1 किमी सड़क बनाने में करीब 18 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली। बाद में एक किलोमीटर रोड को बनाने में 251 करोड़ रुपये की लागत आई।

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