नई दिल्ली5 मिनट पहले
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भारत की थोक बिक्री दिसंबर में 0.73% पर पहुंच गई है। यह एसोसिएशन का 9 महीने का विशेषाधिकार स्तर है। मार्च में मंदी 1.34% रही थी। वहीं नवंबर में यह 0.26% और अक्टूबर में -0.52% रही थी। खाने-पीने के सामान की उत्पादकता से बढ़ती महंगाई।
दिसंबर में खाद्य सामान दार सामान
- खाद्य प्रतिस्पर्धा दर नवंबर के असेंबली 4.69% से बेरोजगारी 5.39% रही है।
- रोजमर्रा की जरूरतों के हिसाब से 4.76% से 5.78% तक बेरोजगारी जारी है।
- बिजली और बिजली की थोक बिजली दर -4.61 से उछाल -2.41 चल रही है।
- मेन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कलेक्शन दर -0.64% से कम -0.79% रही है।
2023 में ऐसा रहा थोक व्यापारी का हाल
महीना | बज़ाहिर |
जनवरी | 4.73% |
फ़रवरी | 3.85% |
मार्च | 1.34% |
अप्रैल | -0.92% |
मई | -3.48% |
जून | -4.12% |
जुलाई | -1.36% |
अगस्त | -0.52% |
सितम्बर | -0.26% |
अक्टूबर | -0.52% |
नवम्बर | 0.26% |
दिसंबर | 0.73% |
दिसंबर में बांसुरी 5.69% बढ़ी
इससे पहले 12 जनवरी को सरकार ने उत्पादकता के आंकड़े जारी किये थे। इसके अनुसार भारत की स्ट्रेंथ स्ट्रेंथ दिसंबर में 5.69% पर पहुंच गई। यह एसोसिएशन का 4 महीने का अधिकतम स्तर है। सिंतबर में 5.02% रही थी। वहीं नवंबर में यह 5.55% और अक्टूबर में 4.87% रही थी। खाने-पीने के सामान की उत्पादकता से बढ़ती महंगाई।
नवंबर की तरह दिसंबर में भी स्टॉक में बड़ी भीड़ देखने को मिली है। नवंबर में उथल-पुथल 17.7% से बढ़कर 27.64% हो गई। दूसरी ओर, बर्न और इलेक्ट्रिकल की मार्केट मार्केटिंग -0.99% हो गई, जो नवंबर में -0.77% थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
WPI का आम आदमी पर असर
थोक के लंबे समय तक भारी रहने से ज्यादातर उत्पाद क्षेत्र पर बुरा असर पड़ रहा है। अगर थोक कीमत बहुत ज्यादा समय तक स्टेरल लेवल पर रहती है, तो सलाह यह लोड कंजुमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के माध्यम से WPI को नियंत्रित कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बिजली की स्थिति में सरकार ने जंगल पर एक्साइज ड्यूटी की स्थिति बनाई थी। हालाँकि, सरकार कर कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है। WPI में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे घटकों से जुड़ा होता है।
गणना कैसे की जाती है?
भारत में दो तरह की कंपनियां हैं। एक स्ट्रेंथ, बिजनेस रिटेल और दूसरी थोक बिक्री मौजूद है। स्ट्रेंथ बिजनेस आम दर यूनिवर्सल की तरफ से दी जाने वाली डेमोक्रेट पर आधारित है। ऑस्ट्रियाई कंज्यूमर उत्पाद विक्रेता (सीपीआई) भी कहते हैं। वहीं, होलसेल रिटेलर (WPI) का अर्थ उन थोक विक्रेताओं से होता है, जो थोक बाजार में एक कारखाने से दूसरे कारखाने से वसूले जाते हैं।
अलग-अलग तरह के खिलौनों के लिए यहां शामिल किया गया है। जैसे थोक कारखाने में मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों की गोदाम 63.75%, प्राथमिक लेख जैसे खाद्य पदार्थ 20.02% और ईंधन और बिजली 14.23% है। वहीं, ऑर्केस्ट्रा में 45.86%, प्लांटर में 10.07% और फुली सहित अन्य वस्तुओं की भी भागीदारी है।
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