तमिलनाडु ईडी अधिकारी भ्रष्टाचार मामला; अंकित तिवारी | ईडी मदुरै कार्यालय | सरकारी डॉक्टर को धमाका, 51 लाख मैजिक, बोला- कार्रवाई के लिए पीएमऑफिस से आया ऑर्डर

डिंडीगुल3 मिनट पहले

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अंकित ने डॉक्टर को खरीदने से पहले 3 करोड़ रुपये की कमाई की थी।  बाद में 51 लाख के डिलिवरी फाइनल की।  - दैनिक भास्कर

अंकित ने डॉक्टर को खरीदने से पहले 3 करोड़ रुपये की कमाई की थी। बाद में 51 लाख के डिलिवरी फाइनल की।

तमिल की एंटी करप्शन एंड विजीलेंस टीम (डीवीएसी) ने शुक्रवार को ईडी (इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट) के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया।

एंटी करप्शन टीम के मुताबिक, डीएच अधिकारी ने एक सरकारी डॉक्टर को पुराने मामले में 51 लाख रुपए की रिश्वत की छूट दी है। डॉक्टर ने रिश्वत की पहली किश्त 20 लाख रुपये बताई।

बाद में अम्मान ने डॉक्टर को बताया कि, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से ऑर्डर मिले हैं। पकड़े गए ईडी अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई है।

मदुरै ईडी कार्यालय में अंकित तिवारी पोस्ट किया गया है
एंटी करप्शन एंड विजिलेंस टीम (डीवीएसी) के अनुसार, अंकित तिवारी मदुरै ईडी कार्यालय में पोस्ट किया गया है। 29 अक्टूबर को अंकित ने डिंडीगुल के एक सरकारी डॉक्टर से संपर्क किया और बताया कि उनके खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ है, जबकि वो मामला पहले ही चुकाया जा चुका है।

अंकित ने डॉक्टर को डराते हुए यह भी बोला था कि, इस मामले में ईडी को पीएम ऑफिस से जांच के आदेश मिले हैं। इसके बाद उस डॉक्टर ने 30 अक्टूबर को मदुरै स्थित ऑफिस में उपस्थित होने के लिए कहा।

पहले 3 करोड़ की कीमत, फिर 51 लाख की कीमत
स्मारक की बात से डॉक्टर काफी डर गए। वह अगले दिन ईडी कार्यालय में पहुंचे तो अंकित तिवारी डॉक्टर की कार के अंदर घुस गए और बातचीत की कि उस पर कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगे गए। जिसके बाद डॉक्टर वहां गया।

इसके बाद अंकित ने डॉक्टर को बताया कि उसने अपने सीनियर से रिश्वत के तौर पर 51 लाख रुपये लेने की बात कही है। एक नवंबर को डॉक्टर ने अंकित को रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 20 लाख रुपये दिए थे।

20 लाख रुपये लेने के बाद मिकेंस्टेंट डॉक्टर को फोन और संदेश देकर कहा कि, उसे पूरे 51 लाख रुपये जल्द ही दिए जाएंगे तो बड़ी कार्रवाई नहीं होगी।

एंटी करप्शन की टीम मदुरै ईडी ऑफिस में शनिवार को भी जांच कर रही है।

एंटी करप्शन की टीम मदुरै ईडी ऑफिस में शनिवार को भी जांच कर रही है।

डॉक्टर ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की, ईडी अधिकारी ने की गिरफ्तारी
इस बीच डॉक्टर को स्मारक की चोरी पर शक हुआ, उन्होंने 30 नवंबर को डिंडीगुल के एंटी करप्शन एंड विजिलेंस टीम (डीवीएसी) के कार्यालय में अपनी याचिका दायर की।

1 नवंबर की सुबह एंटी कार्पशन अधिकारियों ने स्मारकों से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद स्मारकों पर कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद उन्हें प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत सुबह 10.30 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। 15 दिसंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में प्रतिमा भेज दी गई।

एंटी करप्शन टीम कर रही वार्ड
अन्य एंटी करप्शन की टीम मदुरै में डीडी ऑफिस में जांच ले रही है। डीवीएसी ने बताया, हमें शक है कि अंकित ने इसी तरह से कई और अधिकारियों को धमाका रिश्वत ली होगी।

इसके लिए स्मारक के घर पर भी पाइपलाइन ली जा रही है। इस बीच, सीआरपीएफ की एक टीम शुक्रवार देर रात मदुरै में डीडी सब-जोनल कार्यालय के पास पहुंची, जहां डीवीएसी अधिकारी लोधी अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में जांच कर रहे हैं।

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