डीवाई चंद्रचूड़ | सुप्रीम कोर्ट में मामलों के स्थगन पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ | रोज 154 केस टाले जाते हैं, वकील एडजर्नमेंट की मांग न करें

नई दिल्ली24 मिनट पहले

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CJI ने कोर्ट में 1993 की हिंदी फिल्म 'दामिनी' का 'तारीख पे तारीख' का रिकॉर्ड रखा।  - दैनिक भास्कर

CJI ने कोर्ट में 1993 की हिंदी फिल्म ‘दामिनी’ का ‘तारीख पे तारीख’ का रिकॉर्ड रखा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश दिवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में मामलों की सुनवाई और विस्तार पर चिंता जताई। सीजेआई ने वकीलों से कहा कि हम नहीं चाहते कि ये अदालत तारीख पर तारीख वाली बने।

उन्होंने कहा कि हर रोज औसत 154 मामले सामने आते हैं। अगर तीन सारे केस एडजर्नमेंट में बैठे तो इस कोर्ट की अच्छी छवि नहीं दिखी।

साथ ही सीजेआई ने वकीलों से जब तक सवाल न हो तब तक सुनवाई तलने की मांग न करने की अपील की।

दरअसल, सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकील की ओर से एडजर्नमेंट की मांग पर ओझा की पेशी के दौरान एक मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट कॉन्स्टेंटिस्ट लिस्टेड मामलों की सुनवाई कर रही है और सबसे बड़े एडजर्नमेंट की मांग बिजनेस मामलों की है।

सीजेआई बोले- दो महीने में 3 हजार बार संशोधन हुआ
सीजेआई ने कोर्ट में एडजर्नमेंट के मामलों के बारे में डेटा एक्था किया। इस डेटा का एनाल इलाज कर उन्होंने शुक्रवार को अदालत में कहा कि केवल सितंबर और अक्टूबर महीने में 3,688 बार अदालत में सुनवाई टालने की मांग की गई थी। आज ही यानी 3 नवंबर को 178 मामलों की सुनवाई टालने की मांग की गई। औसतन हर रोज 154 केस एडजर्न होते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं अदालत में केस के अंतिम चरण से लेकर पहली सुनवाई के लिए आने तक की प्रक्रिया की निगरानी कर रहा हूं, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि न्याय की बैठक में कम से कम समय लगे।

सूचीबद्ध मामलों से 3 गुना अधिक मामले एडजर्न
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि दो महीने की जांच में एडजर्नेड मामलों की संख्या सूचीबद्ध मामलों से तीन गुना अधिक थी। हम मामलों की सुनवाई जल्द ही कर रहे हैं, लेकिन फिर भी नाबालिग मामलों में एडजर्नमेंट की मांग की गई है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन रिकॉर्ड एसोसिएश के सदस्यों और वकीलों से अपील की कि जब तक जरूरी न हो सुनवाई तलने की मांग न करें।

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