डीवाई चंद्रचूड़ | सरकार बनाम न्यायपालिका में अंतर पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई | इलेक्टेड डेमोक्रेट और ज्यूडिशरी में यही अंतर; सरकार को कानून में कमी दूर करने की छूट

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नई दिल्ली27 मिनट पहले

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सीजेआई ने कहा कि एक सप्ताह में एक जज औसत 200 जजमेंट देते हैं।  - दैनिक भास्कर

सीजेआई ने कहा कि एक सप्ताह में एक जज औसत 200 जजमेंट देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार जजमेंट में कमी को दूर करने के लिए नए नियम बना सकती है, लेकिन उसे खारिज नहीं किया जा सकता है।

एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में शनिवार को सीजेआई ने कोर्ट और कानून से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जज जब भी किसी मामले में निर्णय देंगे तो वो ये नहीं सोचेंगे कि समाज और लोग कैसा आपस में जुड़ेंगे। एक इलेक्टेड डेमोक्रेट और ज्यूडिशरी में यही अंतर होता है।

साथ ही, सीजेआई ने ज्यूडीशरी सिस्टम में महिलाओं के समान माचिस दी और ज्यूडीशरी सिस्टम के प्रवेश स्तर पर चलने वाली समस्याओं के बारे में बात कही। उन्होंने कहा कि हमें इनक्लूसिव सेंस में फिर से योग्यता हासिल करनी है। अगर सभी को समान अवसर मिलेगा तो और भी महिलाएं जूडीशरी में रहेंगी।

जज संवैधानिक से पदाधिकारी, सामाजिक से नहीं: सीजेआई
सीजेआई ने कहा कि अगर कोई किसी कानून में कमी या कोई मुद्दा तय करने का आदेश देता है तो इसमें सरकार को छूट है कि उस कमी को दूर करने के लिए नया कानून बनाया जाए।

सरकार ये कभी नहीं कह सकती कि कोई निर्णय ग़लत है तो हम उसे ख़ारिज कर देते हैं। सरकार कभी भी किसी भी फैसले को खारिज नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में निर्णय लेने के दौरान जज संवैधानिक संविधान में शामिल होते हैं न कि सामाजिक संविधान में।

हमने इस साल लगभग 72 हजार मामलों में निर्णय दिए हैं और अभी स्थान महीने और हैं।

विश्व कप के लिए क्रिकेट टीम को शुभकामनाएँ
सीजेआई ने भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व कप के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारत की क्रिकेट टीम मुझे प्रेरणा देती है।

सीजेआई ने कहा कि क्रिकेट टीम की मेंटल और फिटनेस फिटनेस की कमी और इसे बनाए रखने के लिए मैं उनका स्टारडम हूं। सिर्फ मेल टीम ही नहीं, फिल्म टीम भी ऐसा करती है।

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