नई दिल्ली10 मिनट पहले
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![डीपफेक में आर्टिफिशियल इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी (एआई) और मशीन लर्निंग की मदद से नकली को असली जैसा दिखाया गया है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/18/photo-2024-01-18t044432438_1705533276.jpg)
डीपफेक में आर्टिफिशियल इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी (एआई) और मशीन लर्निंग की मदद से नकली को असली जैसा दिखाया गया है।
डीपफेक निषेध के लिए केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने नए नियम तैयार किए हैं। नए दावे के मुताबिक जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उल्लंघन करेगा, उसके भारत में कारोबार पर रोक लगा दी जाएगी। एक अधिकारी ने रविवार (17 जनवरी) को बताया कि सोशल मीडिया पर प्लेटफर्म्स और अन्य स्टेक होल्डर्स के बीच दो बार जॉब्स हुई हैं। तय हुआ कि डीपफेक पेज को फिल्मांकन के माध्यम से मंचों पर फिल्माया जाएगा।
मंत्रालय का कहना है, इन नए वास्तुशिल्पियों को सभी को महसूस करना होगा, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। आईपीसी की धारा और आईटी अधिनियम के तहत डिपफेक सामग्री संग्रहकर्ताओं पर केस दर्ज होगा।
ऐसे होंगे नए नियम: फ़्रैंचाइज़ी पुस्तिका अपलोड होगी, उस प्लेटफ़ार्म को भी ज़िम्मेदारी मानेंगे…
- डीप एस्कॉर्ट असेंबल असेंबली में भी कोई भी स्टॉक जमा किया जा सकता है। पीड़ित और उसके पक्ष से नियुक्त व्यक्ति को भी केस दर्ज करने का अधिकार होगा।
- सोशल मीडिया वह सैलून स्टेज से यह शपथ लेगा कि डीपफेक सामान नहीं डालेगा। प्लेटफ़ॉर्म अपने ग्राहकों को इस संबंध में विज्ञापन देगा। सहमति के बाद ही शेयरधारकों की सूची तैयार की गई।
- डीप फ़्रैक्शन सामान को 24 घंटे में प्रस्थान करना होगा। जिस बिल्डर ने सारा सामान अपलोड कर दिया है, उसका खाता बंद कर दिया गया है, अन्य प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण नहीं कराया जाएगा।
पीएम मोदी और सचिन तेंदुलकर का डीप वीडियो बनाया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डीपफेक पर चिंता व्यक्त करते हैं। उनका एक डीपफेक वीडियो आया था. वहीं हाल ही में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का एक डीप पोस्ट वीडियो वायरल हुआ था। इसमें ‘स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट’ गेमिंग ऐप का प्रोमोट दिखाया गया था। सचिन ने कहा था- यह वीडियो फेक है और धोखा देने के लिए दिया गया है।
![सचिन ने इस वीडियो के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लोगों को आगाह किया है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/15/sachin-tendulkar_1705308743.jpg)
सचिन ने इस वीडियो के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लोगों को आगाह किया है।
नवंबर में रश्मीका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था
पिछले साल नवंबर में रश्मीका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एआई टेक्नोलॉजी से एक प्रभावशाली व्यक्ति के चेहरे पर सफाई से रशमिका का चेहरा मॉर्फ किया गया था। सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने रश्मिका के इस पोस्ट किए गए वीडियो को असल समझ लिया क्योंकि दिख रहे एक्सप्रेशन बिल्कुल रियल लग रहे थे।
![इस फ़ोकस वीडियो में एआई टेक्नोलॉजी से एक प्रभावशाली व्यक्ति के चेहरे पर रश्मीका का चेहरा मॉर्फ किया गया था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/15/141703072556_1705309449.gif)
इस फ़ोकस वीडियो में एआई टेक्नोलॉजी से एक प्रभावशाली व्यक्ति के चेहरे पर रश्मीका का चेहरा मॉर्फ किया गया था।
हालांकि यह महिला रश्मीका नहीं बल्कि जरा पटेल नाम की एक लड़की थी, जिसके चेहरे पर रश्मीका की शक्ल दी गई थी। एएलटी न्यूज के एक पत्रकार ने डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद इसे सार्वजनिक किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
डीपफेक क्या होता है और कैसे बनता है?
डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में इस्तेमाल किया गया था। तब अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर रेडिट पर डीपफेक पर कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे। इसमें एक्ट्रेस एमा वॉटसन, गैल गैडोट, स्कारलेट जोहानसन के कई अश्लील वीडियो थे।
किसी रियल वीडियो, फोटो या ऑडियंस में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट करने के लिए डीपफेक नाम दिया गया है। ये इतनी सफाई से होता है कि कोई भी यकीन कर ले. इसमें असली भी वैसा ही दिखता है।
इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल स्टाफ का सहारा लिया जाता है। इसमें वीडियो और ऑडियंस को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया जाता है।
एआई और साइबर परमाणु ऊर्जा उपकरण प्रयोगशाला में अब रेडी टू यूज़ टेक्नोलॉजी और परमाणु ऊर्जा उपकरण उपलब्ध हैं। अब इसका कोई भी उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान प्रौद्योगिकी में अब आवाज भी इम्प्रेशन की हो गई है। वॉइस क्लोनिंग में बेहद खतरनाक हो गया है।
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मोदी बोले- डीपफेक डिजिटल युग के लिए खतरनाक:एक वीडियो में मुझे गरबा गीत दिखाया गया है, ऐसे कई वीडियो मिलेंगे
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/15/modi-deepfake-video1700218128_1705310503.gif)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक टेक्नोलॉजी को खतरनाक बताया। उन्होंने 17 नवंबर को कहा था कि एक वीडियो में मुझे गरबा गीत दिखाया गया है, ऐसे कई वीडियो ऑनलाइन पड़े हैं। मोदी ने यह भी कहा कि डिपाफेक डिजिटल युग के लिए एक खतरा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
भास्कर प्लानर- डीपफेक क्या है, जिससे रश्मिका का वीडियो बना:एआई के लिए मैक्स एक्स कुछ का काम; यह शिकार लोग क्या करें
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डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद रश्मिका ने लिखा, ‘ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कुछ न सिर्फ मेरे लिए, लेकिन हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है। अगर मेरे साथ ऐसा हुआ, जब मैं स्कूल या कॉलेज में था, तो मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता था।’ डीप डाउनलोड क्या है, कैसे काम करता है और इसके लिए कौन-से कानून हैं, भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़ें…