नई दिल्ली7 मिनट पहले
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![मीडिया एडिटोरियल के मुताबिक, डीजीसीए को एक व्हिसलब्लोअर ने 25 अक्टूबर को याचिका दायर की थी। इसमें अनिल पर एयरक्राफ्ट में रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/22/captgill1leadimagesp-f-f_1700672062.jpg)
मीडिया एडिटोरियल के मुताबिक, डीजीसीए को एक व्हिसलब्लोअर ने 25 अक्टूबर को याचिका दायर की थी। इसमें अनिल पर एयरक्राफ्ट में रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।
केंद्र सरकार ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन एसोसिएशन (डीजीसीए) में डायरेक्टरेट ऑफ एयरोबेट्स के डायरेक्टर कैप्टन अनिल गिल को बुधवार को ऑफिस भेजा। मीडिया सिद्धांत के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल से 3 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट लेने का आरोप है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल पर एक महीने पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद डीजीसीए ने मामले की जांच के लिए विजलेंस कमेटी का गठन किया था। समिति की प्रारंभिक जांच के बाद मंत्रालय ने यह निर्णय लिया। मामले की जांच अब सीबीआई और ईडी कर रही है।
अनिल इस पद से पहले डीजीसीए के फ्लाइंग एंड ट्रेनिंग डिवीजन के प्रभारी थे। उन्हें हाल ही में डायरेक्टोरेट ऑफ एयरोस्पोर्ट्स का निर्देशन बनाया गया था।
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बेरोज़गार फ़्लाइंग फ़्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल की कमियाँ बंद कर दी गईं
कुछ मीडिया वैज्ञानिक के अनुसार, डीजीसीए को एक व्हिसलब्लोअर ने 25 अक्टूबर को याचिका दायर की थी। अनिल पर फ्लाइंग ट्रेनिंग आर्गन क्लाइमेट (एफटीओ) से स्नातक में ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट लेने का आरोप है।
याचिका के मुताबिक, अनिल अपनी फैमिली से जुड़े हुए सहयोगियों के लिए मामूली कीमत पर ट्रेनिंग एयर प्लांट्स में थे। फिर इन डॉक्यूमेंट्री को कुछ अन्य FTO को किराए पर दे दिए गए। इस रिश्वत के बदले अनिल एक्सचेंज के दौरान एफटीओ की कमियों को बंद कर दिया गया, जिसमें सुरक्षा से जुड़ी खामियां भी शामिल हैं।
अनिल ने सभी सहयोगियों से मना कर दिया
याचिका में यह भी बताया गया है कि जो एफटीओ अनिल को एयरक्राफ्ट की रिश्वत नहीं दे रहे थे, वे मामूली कीमत पर उनसे जुड़े संस्थानों को अपने ट्रेनिंग विमान बेच देते थे। जिन कार्यालयों में एफटीओ हवाई जहाज की दुकानें थीं, उनमें अनिल की मां, भाई की पत्नी, चाची, एक चचेरा भाई और उनकी बहनोई उनकी संचालक हैं।
हालाँकि अनिल ने इन सभी सहयोगियों को अस्वीकार्य कर दिया है। उनका कहना है कि ये सभी आरोप ग़लत हैं।
2021 में भी रिश्वत लेने का आरोप लगा था
2021 में भी अनिल पर रिश्वत में एयरक्राफ्ट लेने का आरोप लगा था। उस वक्त डीजीसीए के मुख्य सहायक अधिकारी थे। हालांकि उस समय की जांच में कुछ खास पता नहीं चल पाया था।