डार्विनियन सिद्धांत | विकास के डार्विनियन सिद्धांत पर सुप्रीम कोर्ट | कोर्ट बोला- हम यहां किसी को गलत साबित करने के लिए नहीं बैठे, अपनी थ्योरी खुद बना लीं

नई दिल्ली31 मिनट पहले

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डार्विन के सिद्धांत में कहा गया है कि सभी जीवों में प्राकृतिक चयन का विकास हुआ है।  - दैनिक भास्कर

डार्विन के सिद्धांत में कहा गया है कि सभी जीवों में प्राकृतिक चयन का विकास हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक राष्ट्रपति डार्विन और आइंस्टीन के थ्योरी की चुनौती पहुंच गई। इस प्रोफेसर की याचिका में कहा गया था कि डार्विन का ‘थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन’ और आइंस्टीन का ‘थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी’ का सूत्र गलत है। सुधार के लिए कोर्ट को पास देना चाहिए। इस सुप्रीम कोर्ट ने उस विशेषज्ञ को इसमें कहा- हम यहां न्यूटन या आइंस्टीन को गलत साबित करने के लिए नहीं बैठे हैं। बेहतर होगा, आप अपनी थ्योरी खुद ही बना लें।

चॉकलेट की डिलीवरी थी- जो पढ़ा वो गलत था
भगवा पेंटिंग और कोर्ट में ग्रेट ब्रिटेन के राजकुमार ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज में डार्विन के सिद्धांत आइंस्टीन के बारे में पढ़ा है, लेकिन उन्होंने पाया कि उन्होंने जो भी पढ़ा वह गलत था। इस सर्वोच्च न्यायालय ने कहा- आप अपना सिद्धांत सुधारें। इस पर हमें क्या करना चाहिए?”

कोर्ट ने कहा- “आप कहते हैं कि आपने स्कूल में कुछ पढ़ा था, आप विज्ञान के छात्र थे। अब आप कहते हैं कि वे सिद्धांत गलत हैं। अगर आप मानते हैं कि वे सिद्धांत गलत थे, तो हमें इससे कोई लेना-देना नहीं है।” अनुदेश 32 के अंतर्गत आपके मूल अधिकार का उल्लंघन कहाँ है?”

भारतीय संविधान में ऐसा कोई नियम नहीं- SC
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु डोरसिया की बेंच ने कहा कि भारतीय संविधान के सिद्धांत 32 के तहत सेंटिफिक थ्योरी को चुनौती देने के लिए कोई रिट याचिका दायर नहीं की जा सकती है, जो फंडामेंटल राइट्स से जुड़े मामलों का सहारा लेता है। ।।

कोर्ट ने कहा- प्रोवोक यह साबित करना चाहता है कि विकास का डार्विन का सिद्धांत और आइंस्टीन का कॉप गलत है और वह इसके लिए एक मंच चाहता है। यदि यह उसका विश्वास है, तो वह अपने विश्वास का प्रचार कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक और अजीबोगरीब याचिका पर जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक और याचिका आई थी। इस याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की शपथ की मांग की गई थी। बताया गया कि शपथ लेने के बाद राज्यपाल ने ‘मैं’ शब्द नहीं बोला था। मुख्य न्यायाधीश ने बिक्री पर 25000 का जुर्माना लगाया, याचिका खारिज कर दी।

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