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- ट्रेन फायरिंग: जीआरपी की चार्जशीट में कहा गया है कि 4 लोगों की हत्या करने वाला आरपीएफ कांस्टेबल ‘मानसिक रूप से स्थिर’ था
मुंबई9 मिनट पहले
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यह तस्वीर अमूर्त युवा चेतन सिंह की है। घटना के बाद उसकी राइफल के साथ रेस्टोरेन्ट को कब्जे में ले लिया गया।
31 जुलाई को आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह ने अपनी सर्विस राइफल से एएसआई समेत तीन लोगों की हत्या कर दी थी। यह घटना जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में हुई थी। उस वक्त कहा जा रहा था कि बच्चे का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था, जो बना रहा।
मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने घटना से संबंध के आरोप पत्र को खारिज कर दिया। जिसमें बताया गया कि, वर्सेट के वक्ता चेतन सिंह मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ थे और उन्हें पता चला कि वह क्या कर रहे हैं।

राइफल में एएसआई टीका राम मीना की मौत हो गई थी।
1000 विध्वंस वाला अभियोग पत्र अदालत में खारिज कर दिया गया
जीआरपी ने मुंबई में एक स्थानीय अदालत के आधार पर 1000 विध्वंस वाला आरोप पत्र जारी किया। अविश्वास के अनुसार, यह आरोप पत्र 150 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद तैयार किया गया है।
कुलीन अधिकारियों के, उन्होंने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बोरीवली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के अनुसार तीन गवाहों के बयान दर्ज किए। इन्वेस्टिगेशन रिचुअल ने ट्रेन के अंदर के सीसीटीवी फुटेज पर भी भरोसा किया, जहां चेतन सिंह डिब्बों के बीच में दिखाई दे रहा है।
पहले कहा जा रहा था- बुनियादी गुसल और मानसिक रूप से अस्थिर
घटना के बाद शुरुआत में बुनियादी ढांचे के गुसल और मानसिक रूप से अस्थिर होने की बात कही जा रही थी। कॉन्स्टेबल ने मुसलमानों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की, इसका एएसआई ने विरोध किया। इसी बात पर सैमसंग ने उसे गोली मार दी।
इसके बाद तीन यात्रियों की भी हत्या कर दी गई। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मुस्लिमों और पाकिस्तान को लेकर कई अपशब्द कह रहे हैं।

इस तस्वीर में नवजात युवा अगली कतार में सबसे बाईं ओर दिखाई दे रही है।
घटना के समय ट्रेन गुजरात से महाराष्ट्र जा रही थी
जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस (12956) में सोमवार (31 जुलाई) सुबह रेलवे पब्लिकेशन फोर्स (आरपीएफ) के एक कॉन्स्टेबल ने अपनी स्ट्राइकर राइफल से साथी सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) को गोली मार दी। इसके बाद उन्होंने दूसरे नंबर पर और 3 यात्रियों को भी गोली मार दी।
घटना के समय ट्रेन गुजरात से महाराष्ट्र जा रही थी। राइफल पालघर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के कोच बी-5 में हुई। यंग को उसकी राइफल के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। चारों के शव अलग-अलग कोच से मिले थे। दो बॉडी बी5, एक पेंट्री कार और एक बी 1 कोच से मिलीं थी।
एस्कॉर्ट ड्यूटी एएसआई और कॉन्स्टेबल पर थे
आरपीएफ के मुताबिक, घटना 31 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे 23 मिनट पर हुई थी। इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्स्टेबल चेतन कुमार और चौधरी एएसआई टिप्पणी राम मीना एस्कॉर्ट ड्यूटी पर थे। चेतन ने 3 और यात्रियों को गोली मारी के बाद राम पर टिप्पणी की। इसके बाद वो दहिसर स्टेशन के पास ट्रेन से उतर गई।
6 महीने बाद ए.एस.आई. मारे गए
उत्तर प्रदेश के मध्यवर्ती जिलों का निवास स्थान है। वहीं, एएसआई राजस्थान के सवाई माधोपुर के थे। वे 6 महीने बाद निजीकरण होने वाले थे। पूरी खबर पढ़ें…

गोली चलाने वाला कॉन्स्टैंट केबल चेतन (बाएं) और मृत दोस्त टीकाराम मीनार (दाएं)।
घटना की तस्वीरें…

इस दौरान एक यात्री को बम से उड़ा दिया गया। रेलवे ने अभी तक इसकी पहचान नहीं बताई है।

जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस के बी-5 कोच में भर्ती हुई।

लीबिया के साथ ट्रेन की कहावत में छेद हो गया। ट्रेन के फ्लोर पर खून की नजर आई।

घटना के बाद ट्रेन के बाहरी प्रशिक्षक हैं। तालिबान वाले डिब्बों को बंद कर दिया गया है।
