ट्रक ड्राइवरों का विरोध लाइव अपडेट; मारो और भागो कानून | मुंबई यूपी भोपाल जयपुर ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल | ट्रकों की हड़ताल से पेट्रोल-डीजलाने की दुकान, फल-सब्जी कंपनी: हिट एंड रन कानून में सजा-जुर्म का विरोध, राजस्थान-एमपी समेत 10 राज्यों में सबसे ज्यादा असर

25 मिनट पहले

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इस मामले में वो लड़कियां, जो आपको जानना जरूरी है

1. हिट एंड रन कानून में क्या बदलाव हुआ, किस बात का विरोध: संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में ‘लापरवाही से मौत’ में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार यदि चालक के तेज और चप्पे-चप्पे पर गाड़ी चलाने से मृत्यु हो जाती है और ड्राइवर-पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग लिया जाता है, तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपये की रकम।

2. अब तक क्या है कानून: लापरवाहिनी से वाहन चालन की धारा 279 (लापरवाहिनी से वाहन चालन), चालक की पहचान के बाद 304ए (लापरवाहिनी से मृत्यु) और 338 (जान जोखिम में वाहन चालन) के अंतर्गत दर्ज किया गया है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग गये थे।

3. कालों की चिंता: मशीन पर रह रहे हैं तो भीड़ के विध्वंस का सामना करना पड़ सकता है

ट्रकों की हड़ताल का आम आदमी पर असर: इस हमले का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रकों की हड़ताल से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और जिले पर सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल के प्लास्टर से जुड़े पहलू भी हैं, जिससे स्थानीय उद्योगों और आम लोगों को परेशानी हो सकती है।

भारत में हर साल 95 लाख किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की जाती है। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन की जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर में चलाते हैं। हड़ताल के कारण ट्रकों की संख्या में भारी संख्या में इज़ाफा से जरूरी बदलाव हो सकता है।

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