जेके राजभवन उमर अब्दुल्ला, नागालैंड राज्य दिवस समारोह, अपडेट | उमर अब्दुल्ला बोले- ये कश्मीरियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है

नई दिल्ली24 मिनट पहले

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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है तो हम यूनियन टेरिटरी डे ले लेते हैं, क्योंकि अमेरिका का मान्यता प्राप्त है।  - दैनिक भास्कर

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है तो हम यूनियन टेरिटरी डे ले लेते हैं, क्योंकि अमेरिका का मान्यता प्राप्त है।

जम्मू-कश्मीर के विधान में 1 दिसंबर को नागालैंड स्थापना दिवस मनाया गया। सीमांत लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल मनोज सिन्हा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शनिवार (2 दिसंबर) को कहा- जम्मू-कश्मीर के गवर्नर निकोलस नागालैंड में स्थापना दिवस मना रहे हैं। लेकिन जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है तो हम यूनियन टेरिटरी डे बनाते हैं, क्योंकि अमेरिका का पता चल गया है। यह कश्मीर के लोगों पर नमक छिड़कने जैसा है।

उमर अब्दुल्ला ने 2 दिसंबर को एक्स (जो पहले ट्वीट किया था) पर दो तस्वीरें भी शेयर कीं। पहली तस्वीर में नागालैंड के लोगों से बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तस्वीरों में वो नागालैंड का पारंपरिक नृत्य देख रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के नागालैंड स्थापना दिवस की तस्वीरें…

नागा स्थापना दिवस समारोह में जम्मू कश्मीर अकादमी ऑफ आर्ट, कलचर एंड लैंगवेज के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया।

नागा स्थापना दिवस समारोह में जम्मू कश्मीर अकादमी ऑफ आर्ट, कलचर एंड लैंगवेज के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया।

1 दिसंबर 1963 को नागालैंड को एक अलग राज्य के रूप में मिला, कोहिमा को इसकी राजधानी बनाया गया।

1 दिसंबर 1963 को नागालैंड को एक अलग राज्य के रूप में मिला, कोहिमा को इसकी राजधानी बनाया गया।

4 साल पहले जम्मू-कश्मीर से 370 को गायब कर दिया गया था
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में दो केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया। तब से यहां 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी डे मनाया जाता है। इस साल 31 अक्टूबर को भी जम्मू-कश्मीर के स्टेडियम में यूनियन टेरिटरी डे मनाया गया था, जिसमें मनोज सिन्हा ने 67वें नेशनल स्कूल गेम्स का उद्घाटन किया था। इस दौरान कश्मीर के 15000 बच्चे भाग गये।

चुनाव टालने पर भी सवाल उठाये गए पूर्व सीएम
उमर अब्दुल्ला कई बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में हो रही देरी को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। कुछ ही दिन पहले पूर्व सीएम ने कहा था कि 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे, लेकिन जिन चुनावों का कश्मीर की जनता को इंतजार है, वो तो अभी नहीं हो रहे हैं।

केंद्र सरकार का बार-बार दावा है कि हालात सामान्य हो गए हैं तो फिर विधानसभा चुनाव में बिजली क्यों नहीं जा रही है। केंद्र सरकार के पास जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का साहस ही नहीं है और भाजपा हमसे डरती है, इसलिए घाटी में चुनाव नहीं करा रही है।

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