जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद न्यूनतम स्तर पर | अयोग्य बोले- हमें यह नीचे दिया गया है, सुरक्षा मजबूत करने के प्रयास के अच्छे परिणाम मिलते हैं

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जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी दिलबाग सिंह ने गुरुवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मारकीय स्मृतियों के आंकड़ों की जानकारी दी।  - दैनिक भास्कर

जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी दिलबाग सिंह ने गुरुवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मारकीय स्मृतियों के आंकड़ों की जानकारी दी।

जम्मू-कश्मीर ने इस साल आतंकियों के खिलाफ लड़ाई में एक अहम उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश में पिछले तीस साल में सबसे कम नरसंहार और लोगों की मौत हुई है। अतुल ने कहा कि हमने इसे नीचे ला दिया है। आतंकवादी हमले को दर्शन वाला ग्राफ़ अब 2013 के स्तर और 2017 के चरम स्तर दोनों से नीचे है।

अतुल दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इससे पहले सुरक्षा स्थिति के मामले में सबसे अच्छा वर्ष 2013 था। आतंक से जुड़े मामलों की संख्या 2013 में 113 थी जो कि 2023 में 42 रह गई है।

पुलिस के अनुसार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या 2013 में 113 थी जो 2023 में 42 थी।

पुलिस के अनुसार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या 2013 में 113 थी जो 2023 में 42 थी।

हालाँकि, बाद में प्राचीन काल में चरम पंथी अतिक्रमण में तेजी से वृद्धि हुई। पाकिस्तान ने उग्रवादियों की कोशिशों को फिर से बढ़ाया और सफल रहे। उन्होंने अधिक लोगों को नाव में शामिल किया। उग्रवादियों से जुड़ी घटनाएं और समुद्र तट की भीड़ में भीड़ हुई, और यह 2017 में उग्रवादियों का चरम था।

घटना से पहले के एल्बम कमोबेश

2022 में जम्मू-कश्मीर में कानून और व्यवस्था की 26 घटनाएं कम दर्ज की गई थीं, और इस साल (आज तक) सिर्फ तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें से किसी से भी कोई संबंध नहीं था। 2012 में इस क्षेत्र में सबसे कम 25 लोग फंसे थे और 2023 में इस क्षेत्र में सिर्फ 12 लोग फंसे हैं।

सुरक्षा तंत्र प्रभावशाली साबित हुआ
कृप्या ने कहा कि पुलिस बल ने भी गद्दार का काम किया है। 2022 में 15 अधिकारियों ने शहादत दी थी, जबकि इस साल सिर्फ एक अधिकारी शहीद हुआ। साल 2012 में पुलिस कमिश्नरेट में सबसे कम संख्या में छह लोगों की मौत दर्ज की गई थी। इसके अलावा 2018 में 210 युवाओं को आकर्षित किया गया। हालाँकि, 2023 में यह पात्रा मोटर 10 है, जिसमें छह को मारा गया है।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास के अच्छे परिणाम मिले
राजौरी और पंच में हाल की कहानियों ने सुरक्षा के प्रयास के लिए कंपनी से विचार करने के लिए प्रेरित किया, जिससे विशाल विरोधी अभियान सफल हो रहा था। पाकिस्तान में स्थित मछुआरों के कब्जे वाले इस क्षेत्र में अब केवल सऊदी अरब का घर है। असफ़ल सुरक्षा अभियान जारी हैं।

कुणाल ने कहा कि 2023 में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ लड़ाई में लंबे समय से चली आ रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। सुरक्षा के प्रयास जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आशा की किरणें हैं, क्योंकि वे शांति और स्थिरता वाले भविष्य की ओर देख रहे हैं।

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