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- गोवा, मुंबई और बेंगलुरु में रात की पार्टियाँ; पहाड़ों और बर्फ को देखने के लिए लोग शिमला, मनाली और गुलमर्ग पहुंचे।
नई दिल्ली19 मिनट पहले
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नया साल 2024 शुरू हो गया है। 31 दिसंबर को 2023 की शुरुआत के साथ ही खत्म हो गई है। लोग अपने परिवार और करीबियों को कॉल और मैसेज के जरिए नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। पर्यटक और पर्यटन स्थलों के साथ धार्मिक स्थल भी नए साल की धूम में हैं।
मॉल, पब और क्लबों में भी जमकर पार्टियां हो रही हैं। इस बार 30 और 31 दिसंबर को वीकेंड के अलावा 1 जनवरी को नए साल की वजह से 3 दिन की छुट्टियां हैं। लोग बीच पार्टी के लिए गोवा का रुख कर रहे हैं।
मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, गुड़गांव और कोलकाता जैसे शहरों में नाइट पार्टी की तैयारी है। पहाड़, जंगल और बर्फ देखने के लिए लोग पर्यटक स्थल, मनाली और गुलमर्ग जैसे क्षेत्र में हैं। इसके चलते मनाली-शिमला में सभी होटल फुल हो गए हैं।
तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए नए साल में तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों में विशेष तैयारी की गई है।
नए साल के जश्न की 7 तस्वीरें…
केरल में 2023 के आखिरी दिन सबरीमाला मंदिर में बड़ी संख्या में पर्यटक आए। यहां लोग सिर पर पोटली ठेले पर आते हैं। पोटली में नैवेद्य (प्रसाद) भरा होता है। सिद्धांत यह है कि तुलसी/रुद्राक्ष की माला, व्रत और सिर पर पोटली लेकर आने वाले भक्तों की साड़ियां पूरी होती हैं।
नए साल की पूर्व संध्या पर अयोध्या के सरयू घाट पर विशेष आरती हुई। इसमें बड़ी संख्या में कलाकार भी शामिल हुए। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसलिए शिष्या में उत्साह है।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। राम रंग में अयोध्या से लेकर मध्य प्रदेश के जबलपुर तक लोग रंगे हुए हैं। जबलपुर के बेड़ा घाट पर कलाकारों ने भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के स्वरूप में नए साल का स्वागत किया।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के बाद श्रीनगर का लाल चौक भी नए साल का सेलिब्रेशन का केंद्र बन गया है। रविवार को यहां बड़ी संख्या में लोग नए साल के स्वागत के लिए आए।
जिस लाल चौक को धार्मिक और राजनीतिक संबंधों के लिए जाना जाता था, वहां सैलानियों ने नए साल का स्वागत करते हुए उग्र नृत्य किया।
नागपुर में नन्हें कलाकारों ने नए साल का स्वागत किया। पोस्टर में जय श्री राम भी लिखा नजर आया। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।
नए साल के मौके पर हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की बड़ी संख्या। इसका सच और मनाली के होटलों की ऑक्यूपेंसी 90-95% तक पहुंच गई।
भारत में हिंदू नववर्ष के अलावा अन्य धर्मों की अलग-अलग परंपराएं हैं
भारत में नया साल 5 बार मनाया जाता है। 1 जनवरी को ईसाई नव वर्ष के अलावा हिंदू, पंजाबी, जैन और पारसी समुदाय के अलग-अलग महीनों में नए साल का जश्न मनाया जाता है। चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) की शुक्ल प्रतिपदा से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। इसी दिन से नये संवत्सर की शुरुआत भी होती है। इसे गुड़ी पड़वा, ओलादी आदिवासियों द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है।
इसके अलावा पंजाब में नया साल वैशाखी (अप्रैल-मई) पर्व के रूप में मनाया जाता है। जैन समुदाय के लोग दीपावली के अगले दिन से नये साल मनाते हैं। इसे वीर निर्वाण संवत भी कहा जाता है। पारसी धर्म का नववर्ष अगस्त में नवरोज उत्सव के साथ प्रारंभ होता है। इसके अलावा इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है, जो जुलाई से शुरू होता है।
भारत में नए साल की अलग-अलग परंपरा, 13 ग्राफिक में…
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