नई दिल्ली50 मिनट पहले
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केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अपराध और अपराधी भूगोलिक सीमाओं पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए, इसलिए लॉ एनफोर्समेंट एजुकेशन को भी इन सीमाओं पर अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। पिशाच को इन सीमाओं को अपराध का हल प्रवाह के लिए संगम बिंदु के लिए स्पष्ट रूप से देखना चाहिए।
शाह ने ये बात दिल्ली में कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन (सीएलईए)- कॉमनवेल्थ अटॉर्नीज एंड सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस (सीएएसजीसी) में कहीं आयोजित की। उन्होंने कहा कि जैसे ही तीन नए अपराधी न्याय कानून देश में लागू होंगे, तो हर व्यक्ति को एफआईआर दर्ज करने के लिए तीन साल के भीतर उच्च न्यायालय के स्तर तक न्याय मिलेगा।
आपदा से लड़ने के लिए सरकार को नया सिस्टम बनाना होगा
अमित शाह ने कहा कि वर्तमान समय में व्यापार और अपराध के मामले अब भूगोलिक प्रवृत्ति अप्रासंगिक हो गए हैं। ऐसे में हमें व्यापार में झगड़े और अपराध से छेड़छाड़ करने के लिए हमें कोई नई व्यवस्था और परंपरा शुरू करनी होगी।
उन्होंने कहा कि साइबर स्टोरेज को इस दिशा में काम करना चाहिए क्योंकि छोटे से फ्रॉड से लेकर ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन विधि क्राइम तक, स्थानीय झगड़ों से लेकर सीमा पार तक और स्थानीय अपराध से लेकर उग्रवाद तक सभी किसी न किसी तरह से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ।।
नया कानून लागू होगा ही भारत के पास सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली होगी
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय प्रतीक कानून के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि इन कानूनों का लागू होना भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली होगी। ये तीन कानून ब्रिटिश काल के इंडियन पीनल कोड, कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर और इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872 की जगह हैं। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐसे मॉडल पर काम किया है, जहां न्याय में ये तीन चीजें शामिल हैं- लिंक अनेबल, अफोर्ड अनेबल और अनएबल।