खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने के लिए 3 महीने में निर्णय लें; दिल्ली HC से केंद्र | दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 महीने का समय दिया, देसी कुत्ता पालने की सलाह दी

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नई दिल्ली25 मिनट पहले

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कोर्ट ने लोगों को देसी नस्ल के नमूने का पालन करने की सलाह दी।  कोर्ट ने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते मजबूत होते हैं, वे विदेशी नस्ल के कुत्ते कम बीमार दिखते हैं।  - दैनिक भास्कर

कोर्ट ने लोगों को देसी नस्ल के नमूने का पालन करने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते मजबूत होते हैं, वे विदेशी नस्ल के कुत्ते कम बीमार दिखते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार खतरनाक नस्ल के कुत्तों को रखने के लाइसेंस पर रोक लगाने के लिए 3 महीने में फैसला लेगी। असल में, एक ऑर्केस्ट्रा ने अक्टूबर महीने में कोर्ट में प्रतिवेदन (डॉफ्ट द्वारा तैयार किए गए जांच-पैडल) को हराया था। जिसमें पिटबुल, टेरियर्स, अमेरिकन बुलडॉग और रोटवेलर जैसी नस्ल के चित्रों को खतरनाक माना गया था।

बकरी ने ऐसे कई मामलों का खुलासा किया, जिसमें इन नस्लों के अवशेषों ने अपने सहयोगियों पर हमला किया। उन्होंने कोर्ट से अपील की थी कि इन दस्तावेजों को बरकरार रखने के लिए लाइसेंस पर प्रतिबंध लगाया जाए।

कार्यकारी प्रमुख न्यायाधीश ओबामा की बेंच ने केस की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्र को फैसला लेना चाहिए, क्योंकि वे बिल्डिंग और बिल्डिंग का ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लोगों को देसी नस्ल के चित्र रखने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते मजबूत होते हैं, वे विदेशी नस्ल के कुत्ते कम बीमार दिखते हैं।

केंद्र ने कहा- चर्चा के बाद निर्णय
अदालत में केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि प्रतिवेदन को पहले संबंधित विभाग को भेजकर भुगतान किया जाना है। सलाह-मशावरा के बाद इस विषय पर निर्णय लिया जाएगा।

पहले कोर्ट ने मामले की सुनवाई से मना कर दिया था
इससे पहले 5 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश श्रीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया था। बेंच ने इलेक्ट्रॉनिक्स से कहा था – अपनी याचिका लेकर सरकारी अधिकारियों के पास जाएं।

गुरुग्राम नगर निगम में 11 विदेशी नस्ल के सिक्कों पर प्रतिबंध लगाया गया था
नवंबर 2022 में गुरुग्राम म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को विदेशी नस्ल के 11 शेयरों पर रोक लगाने के आदेश दिए गए थे। डॉग बेबी के केस बढ़ने के बाद लिया गया ये फैसला. अपराधी के उल्लंघन पर 20 हजार से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना और 3 महीने से 2 साल तक जेल जाने की बात कही गई।

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