क्लाउड सीडिंग के परिणामस्वरूप बादलों में 18% अधिक वर्षा हुई | सोलापुर में प्रयोग हुआ, 100 किमी के इलाके में स्वतंत्रता संग्राम में केमिकल देखा गया था

पुणे15 मिनट पहले

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2017-19 के बीच 276 ब्लूम पर क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया गया।  (सांकेतिक फोटो) - दैनिक भास्कर

2017-19 के बीच 276 ब्लूम पर क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया गया। (सिंबॉलिक फोटो)

एक शोध में पाया गया कि क्लाउड सीडिंग (बाद में केमिकल बिल्डर) तकनीक के इस्तेमाल के कारण नॉर्म से 18% अधिक बारिश हुई। यह प्रयोग महाराष्ट्र के सोलापुर में किया गया। इस प्रयोग से मिले डेटा के आधार पर बिखराव ने कम बारिश वाले इंडोनेशिया में बारिश की लहरें भी देखीं।

अमेरिकन सीज़न साइंस सोसाइटी के सिद्धांत (BAMS) में एक भारत का सर्वेक्षण किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया कि सोलापुर के 100 वर्ग किमी क्षेत्र में हाईग्रोस्कोपिक क्लाउड सीडिंग ने बारिश को बढ़ा दिया है।

पानी और बर्फ के गुणों को बढ़ाने के लिए हाइग्रोस्कोपिक क्लाउड सीडिंग की जाती है।

पानी और बर्फ के गुणों को बढ़ाने के लिए हाइग्रोस्कोपिक क्लाउड सीडिंग की जाती है।

हाईग्रोस्कोपिंग सीडिंग कैसी होती है?
हाइग्रोस्कोपिक सीडिंग उन वर्षावनों में होती है, जिस पाइपलाइन पर शून्य डिग्री से अधिक ठंड होती है। इस प्लाजा पर बादलो में कैल्शियम क्लोराइड की फ़ुहार छोड़ी जाती है। इसके प्रोजेक्ट रेन प्रॉजेक्ट डायरेक्टरी डायरेक्टर थारा एमबीएन के अनुसार, इलेक्ट्रानिक ऑब्जर्वेशन में पाया गया कि जिस इलाके में रियोडेमा में हाइग्रोस्कोपिंग सीडिंग की गई थी, वहां सामान्य की तुलना में 18% ज्यादा बढ़ोतरी हुई।

पानी और बर्फ वाले का पुरालेख में प्रयोग किया गया
2017-19 के बीच वीडियो सीडिंग का प्रयोग किया गया था, जिसमें सेंटिस्ट ने 276 को देखने के लिए इसके प्रभाव को प्रदर्शित किया था। इस प्रयोग के लिए एक विशेष वायुयान का प्रयोग किया गया।

झील ने पानी और बर्फ वाले वर्षावन में ग्लेशियोजेनिक सीडिंग टेक्निक भी की। इसका उपयोग बर्फ के टुकड़े और बादल के ठंडे हिस्सों में पानी बढ़ाने के लिए किया जाता है। दीपावली में सिल्वर आयोडाइड के कण निकलते हैं।

स्पेशल एयरक्राफ्ट की मदद से क्लाउड सीडिंग की पेशकश की जाती है।

स्पेशल एयरक्राफ्ट की मदद से क्लाउड सीडिंग की पेशकश की जाती है।

क्या होती है क्लाउड सीडिंग?
क्लाउड सीडिंग आइस (सिल्वर आयोडाइड एरोसोल) के विभिन्न भागों में मिश्रण की प्रक्रिया होती है, ताकि बारिश की प्रक्रिया तेजी से हो सके। क्लाउड सीडिंग में एयरक्राफ्ट से केमिकल को दिवाली पर बेचा जाता है। छोटे-छोटे कण हवा से दवाएँ सीखते हैं। इससे पानी की भारी बौछारें बनती हैं। क्लाउड सीडिंग से बारिश दर करीब 10 से 30% तक बढ़ जाती है।

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