केरल-विस्फोट: पेट्रोल के साथ छह बैग में रखा था विस्फोटक. | बुज़ुर्ग ने सोशल मीडिया पर ट्यूटोरियल बम बनाना; बेटा लंदन में पढ़ रहा था

एर्नाकुलमएक घंटा पहले

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केरल के एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी में ईसाई धर्म की शाखा येहोवा की प्रार्थना सभा में 29 अक्टूबर को तीन अपवित्र करने वाले डोमिनिक मार्टिन ने ज़ास्टर वाले खुलासे किए हैं। इस ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 41 लोग घायल हो गए।

मार्टिन ने पुलिस को बताया कि वह सोशल मीडिया से बम बनाना सीख रही है। थमन्न में जहां वो किराए पर रहता है, उस घर की छत पर बम का ट्रायल भी कर दिया गया था। 45 वर्षीय मार्टिन को कोडाकारा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे अदालत में पेश किया जाएगा।

हालाँकि उन्होंने पुलिस के टिफिन बॉक्स थ्योरी को गलत बताया। मार्टिन के कहने पर उसने छह प्लास्टिक बैग तैयार किये थे। पेट्रोल से भरी बोतलें और कोच से गए 50 बोतल भी बैग में रखे थे, ताकि तेज बोतलें और आग लगें।

पुश्तैनी घर में बम बनाया, सुबह 7 बजे रखा गया

कन्वेंशन सेंटर में ब्लास्ट के बाद जमीन पर पैट्रिक के कांच के टुकड़े और लोगों का सामान बिखरा हुआ था।

कन्वेंशन सेंटर में ब्लास्ट के बाद जमीन पर पैट्रिक के कांच के टुकड़े और लोगों का सामान बिखरा हुआ था।

पुलिस ने सरेंडर करने के बाद 14 घंटे तक पूछताछ की। बुनियादी ढांचे के दस्तावेज़ में बताया गया है कि वह बम कोच्चि से बाहर अलुवा स्थित अपने पुश्तैनी घर में बनाए गए थे। रविवार सुबह 7 बजे वो बम प्रार्थना स्थल पर रख आया था। उस वक्त वहां तीन लोग मौजूद थे। उन्होंने बम देखा या नहीं, ये नहीं पता।

खुद 10वीं पास, बेटी आईटी प्रोफेशनल
सिर्फ 10वीं तक पढ़े मार्टिन के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। उनकी बेटी आईटी प्रोफेशनल है, जबकि बेटा लंदन में पढ़ाई कर रहा है। मार्टिन पत्नी के साथ थमन्नन पांच साल से किराए के घर में रहते हैं। उसके मकान मालिक जलील ने बताया कि इस घटना में मार्टिन का नाम फोटोग्राफर वाला है, क्योंकि वह न तो दोस्त है और न ही दुश्मन। वो साधारण जिंदगी जीने वाला इंसान है।

बस्ती ने ब्लास्ट से पहले फेसबुक लाइव किया था

डॉमिनिक मार्टिन ने पुलिस स्टेशन सरेंडर से पहले यह वीडियो पोस्ट किया था।

डॉमिनिक मार्टिन ने पुलिस स्टेशन सरेंडर से पहले यह वीडियो पोस्ट किया था।

पुलिस ने बताया कि डॉमिनिक ने सरेंडर को सबसे पहले फेसबुक पर लाइव किया था। इसमें ब्लास्ट की बात भी शामिल है। डॉमिनिक ने ऐसा करने की वजह भी बताई है। उन्होंने फेसबुक पर लाइव ग्यान में कहा है कि वो भी ईसाई धर्म के साक्षात्कर्ता समूह से संबंधित हैं, लेकिन उनकी समानता पसंद नहीं है। उन्हें देश के लिए खतरा बताया गया है, क्योंकि वे लोग देश के बच्चों के दिमाग में जहर घोल रहे हैं। इसलिए उन्होंने अपनी प्रार्थना सभा के दौरान बम विस्फोट किया।

अब देखिए ब्लास्ट वाले दिन की तस्वीरें…

ब्लास्ट के बाद कन्वेंशन सेंटर में आग लग गई।  वहां मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।

ब्लास्ट के बाद कन्वेंशन सेंटर में आग लग गई। वहां मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।

कन्वेंशन सेंटर के दरवाजे पर नजर आ रही है।  जमीन पर कांच के टुकड़े टुकड़े बने हुए हैं।

कन्वेंशन सेंटर के दरवाजे पर नजर आ रही है। जमीन पर कांच के टुकड़े टुकड़े बने हुए हैं।

धमाकों के समय केरल के सीएम दिल्ली में हड़ताल दे रहे थे
जिस समय केरल में अनोखे हुए, उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजय दिल्ली में हड़ताल दे रहे थे। यह हमलावर कम्युनिस्ट पार्टी ने गाजा में इजराइल पर हमलों का विरोध किया था। धमाकों के बाद भी विजय कहीं मौजूद रही। हालाँकि, उन्होंने धमाकों के बारे में बताया और कहा कि अनोखेपन के बाद के हालातों को लेकर उन्होंने राज्य के डीजीपी से बात की। सोमवार को विजयन ने एक सर्वदलीय बैठक की।

जिस वक्त एर्नाकुलम में विद्रोह हो रहे थे, वह वक्ता केरल के सीएम पिन्नाराय विजय दिल्ली में हमास पर इजराइली कार्रवाई के धरने दे रहे थे।

जिस वक्त एर्नाकुलम में विद्रोह हो रहे थे, वह वक्ता केरल के सीएम पिन्नाराय विजय दिल्ली में हमास पर इजराइली कार्रवाई के धरने दे रहे थे।

गृह मंत्रालय में हाई-लेवल मीटिंग, एनआईए, आईबी और एनएसजी को भेजा गया
रविवार को ब्लास्ट की खबर मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय और सुरक्षा योजनाओं के साथ हाई-लेवल की बैठक की। शाह ने बोल्ट से घटना की पूरी जानकारी ली। इसके अलावा ब्लास्ट की जांच के लिए एनआईए और आईबी की टीमों को निर्देशित करने के निर्देश दिए गए हैं। शाह 28 अक्टूबर से 3 दिन तक मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। वे वर्चुअल में वर्चुअली जुड़े हुए हैं।

विटनेसेस कौन हैं?
विटनेसेस ईसाईयों का एक अल्पसंख्यक समुदाय है। इसकी स्थापना पिट्सबर्ग (अमेरिका) में 1872 में हुई थी। विटनेसेस को ईसाई धर्म वाले होली ट्रिनिटी पर विश्वास नहीं करते।

ये लोग जीसस को ईश्वर का बेटा मानते हैं, न कि खुद ईश्वर। ये लोग जीसस की शिक्षाओं और उनके उदाहरणों को ही आदर्श मानते हैं। इसलिए ये खुद को ईसाई मानते हैं। इस समुदाय में कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है और ये बाज़ार में उभरे हुए हैं।

एक दिन पहले फिलीस्तीन के समर्थन वाली रैली में हमास नेता शामिल हुए थे

केरल में पिछले कुछ दिनों से फिलिस्तीन के समर्थक मुस्लिम संगठन लगातार रैलियां कर रहे हैं। दो दिन पहले एर्नाकुलम में हमास के समर्थन में भी एक रैली हुई थी. 27 अक्टूबर को भी मल्लपुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में हुई एक रैली में हमास नेता अस्थिर मशालची शामिल हुए थे। पूरी खबर पढ़ें…

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