तिरुवनंतपुरम4 मिनट पहले
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![दिसंबर 2021 की एक सुबह कुछ रणजीत के घर घुसे और परिवार के सामने पीट-पिटकर ने उनकी हत्या कर दी। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/30/srinivas-1_1706600229.jpg)
दिसंबर 2021 की एक सुबह कुछ रणजीत के घर घुसे और परिवार के सामने पीट-पिटकर ने उनकी हत्या कर दी।
केरल की एक अदालत ने प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन कट्टर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 14 आतंकवादियों को भाजपा नेताओं की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। बीजेपी के ओबीसी विंग के नेता रणजीत सिंह की 19 दिसंबर 2021 को हत्या कर दी गई थी।
मवेलीक्कारा ऑटोमोबाइल स्टूडियो जज वीजी श्री्रेी ने निर्णय सुनाया। पीड़ित के वकील ने बताया कि सजा पाने वाले सभी बुनियादी रुझान किलर स्क्वाड का हिस्सा थे। जिस्स निर्मम तरीके से विक्टिम की मां, पत्नी और बच्चे के सामने हत्या कर दी गई थी, ये रे रीस्ट ऑफ रेयर क्राइम की श्रेणी में आता है।
![रंजीत रंजीत की अंतिम यात्रा के समय की तस्वीरें।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/30/srinivas-4_1706600160.jpg)
रंजीत रंजीत की अंतिम यात्रा के समय की तस्वीरें।
सुबह-सुबह घर में घुसा घुसेड़, पीट-पीटकर मार डाला
घटना के बाद पुलिस ने बताया कि 19 दिसंबर 2021 को जब रंजीत श्रीकांत अलाप्पुझा सिटी अपने घर पर मॉर्निंग वॉक के लिए तैयारी कर रहे थे, तभी हमलावर अपने घर में घुस गए। इस दौरान उनकी मां, पत्नी और बच्चा भी घर में मौजूद थे।
इन हमलावरों ने बीजेपी नेता के समर्थकों से की मुलाकात। गंभीर दृश्य की वजह से रणजीत ने मशीन पर ही दम तोड़ दिया। रंजीत रंजीत ने कुछ समय पहले ही अपने क्षेत्रीय चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ चुनावी लड़ाई लड़ी थी। वह दिवालियापन से वकील थे।
एक दिन पहले SDPI नेता की हत्या हुई थी
एक दिन पहले ही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता की हत्या हुई थी। एसडीपीआई की स्टेट्स काउंसिल के एस शान जब 18 दिसंबर की रात बाइक से घर लौट रहे थे, तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी। इसके बाद उन पर चाकू से कई वार किये गये। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका दम टूट गया।
![सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता एस शान की हत्या रंजीत श्रीकांत की हत्या एक दिन पहले हुई थी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/30/srinivas-3_1706598927.jpg)
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता एस शान की हत्या रंजीत श्रीकांत की हत्या एक दिन पहले हुई थी।
बीजेपी और एसडीपीआई ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप
बीजेपी और एसडीपीआई ने एक दूसरे पर हत्या का आरोप लगाया था. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने कहा कि सीपीएम के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने भगवान के देश को जिहादियों के स्वर्ग में बदल दिया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने भी निंदा की थी। उन्होंने केरल में गुंडाराज का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की हत्या को मैदान में बदला जा रहा है।
आरएसएस पर विचारधारा पर हमले की साजिश रचने का आरोप
एसडीपीआई ने आरएसएस पर हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया था। पार्टी प्रमुख एमके फैजी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ये घटनाएं राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पैदा हुई हैं और एकजुट होने के लिए संघ परिवार का हिस्सा हैं। हम आरएसएस के कट्टरपंथियों की निंदा करते हैं। ‘केरल पुलिस का गठबंधन आरएसएस के लिए शॉट के रूप में काम करता है।’
पीएफआई पर अगस्त 2022 में सरकार ने लगाया था प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने 27 अगस्त 2022 को पीएफआई पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने यूएपीए (अनलोफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) के तहत यह कार्रवाई की। पीएफआई के अलावा 8 और समर्थकों पर कार्रवाई की गई। सरकार ने कहा था कि पीएफआई और उससे जुड़े सहयोगी देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। इनमें सभी के ख़िलाफ़ टेरर लिंक के सबूत मिले थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/30/explainer-banned-community-051664387167_1706599181.jpg)
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6 राज्यों में पीएफआई की हिस्सेदारी पर एनआईए की निशानदेही:आतंकी संगठन में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने अक्टूबर 2023 में छह राज्यों यूपी, एमपी, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिल में तितली की खोज की। एजेंसी ने पिछले साल पीएम मोदी की बिहार यात्रा के दौरान गड़बड़ी पैदा होने से संबंधित एक मामले की जांच की थी। ये सर्च ऑपरेशन पीएफआई के 20 शॉट्स पर चला। पीएफआई को पिछले साल गैंगबैरियल पार्टनरशिप में शामिल होने पर बैन कर दिया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
45 फ़ेस्टिवल पीएफआई को खड़ा किया गया:इनमें प्रोफेसर, वकील और व्यापारी भी, एक साल तक की जांच
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/30/ground-report-cover-21664364756_1706599635.jpg)
दिग्गज फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर अगस्त 2022 में केंद्र सरकार ने 5 साल का प्रतिबंध लगाया था। देश भर में मिले दो सबूतों के आधार पर ये फैसला लिया गया. हालाँकि इसकी तैयारी 2021 से चल रही थी। इस दौरान रिसर्च जीन पीएफआई के टॉप लीडरशिप में 45 लोगों पर नजर रखी गई।
इनमें से अधिकतर संगठन के संस्थापक सदस्य थे। इनमें वकील, प्रोफेसर और व्यापारी शामिल हैं। संगठन के सहायक ओ एमए सलाम इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अपलोडेड कर्मचारी हैं, जबकि उपाध्यक्ष ईएम अब्दुल रहमान बिजनेसमैन, पी कोया नेशनल कॉलेज में लेक्चरर और शेख मोहम्मद वकील हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…