केरल ब्लास्ट: सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सामग्री फैलाने के आरोप में 54 मामले दर्ज | पुलिस ने रॉकेट पोस्ट करने वाले रॉकेट्स की पहचान की, व्हाट्सएप-फेसबुक से डिटेल सुविधा निकाली

  • हिंदी समाचार
  • राष्ट्रीय
  • केरल ब्लास्ट: सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सामग्री फैलाने के आरोप में 54 मामले दर्ज

तिरुवनंतपुरम24 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
यह तस्वीर एर्नाकुलम के कन्वेंशन सेंटर में 29 अक्टूबर की सुबह हुए धमाकों के तुरंत बाद की है।  - दैनिक भास्कर

यह तस्वीर एर्नाकुलम के कन्वेंशन सेंटर में 29 अक्टूबर की सुबह हुए धमाकों के तुरंत बाद की है।

केरल के एर्नाकुलम में 29 अक्टूबर को ईसाई प्रार्थना सभा में हुए विस्फोट में 3 लोगों की जान चली गई थी। एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था के नेतृत्व में 20 कर्मचारियों की टीम इस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस ने शनिवार को कहा, इस मामले में 54 मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा 26 मामले मलप्पुरम जिले में दर्ज हुए, इसके बाद एर्नाकुलम में 15 और तिरुवनंतपुरम में पांच मामले दर्ज हुए।

पुलिस टीम ने सोशल मीडिया कंपनी जैसे-व्हॉट्सएप और फेसबुक से संबंधित डिजाइन की पहचान के लिए सर्जिकल पोस्ट करने वाले वीडियो जारी किए हैं।

पुलिस ने कहा- सोशल मीडिया कंपनी से आईपी एड्रेस चोरी हो गई
पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा- कई फर्जी प्रोफाइलों की पहचान के लिए इस्तेमाल किए गए पोस्ट को साझा किया गया है जो सांप्रदायिक हिंसा भड़का सकते हैं।

ऐसे फर्जी रिकॉल के आईपी एड्रेस की पहचान करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप से बात की गई है।

त्रिशूर शहर और कोट्टायम में दो-दो मामले सामने आए हैं, जबकि पथानामट्टी, अलप्पुझा, पलक्क और कोडोकोड ग्रामीण में एक-एक मामला सामने आया है।

अब जानिए क्या था पूरा मामला…

29 अक्टूबर को विटनेसेस इंस्टिट्यूट के एक हॉल में ईसाई धर्म के लोग प्रेयर करने लगे थे।  तभी हुआ।

29 अक्टूबर को विटनेसेस इंस्टिट्यूट के एक हॉल में ईसाई धर्म के लोग प्रेयर करने लगे थे। तभी हुआ।

एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी में 29 अक्टूबर को विटनेसेस इंस्टिट्यूट के एक हॉल में ईसाई धर्म के लोग प्रेयर करने की इजाज़त दी गई थी। संस्थान के स्थानीय प्रवक्ता टी.टी. श्रीकुमार के अनुसार, कन्वेंशन हॉल में सुबह लगातार तीन शोक व्यक्त किये गये। पहला धमाका 9:45 अपराह्न प्रेयर ख़त्म होने के बाद हॉल के बीचों-बीच हुआ। हॉल के दोनों पक्षों की कुछ टिप्पणी बाद में दो और अनोखे हुए। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए।

हमले वाले दिन ही डोमिनिक मार्टिन नाम के स्पेशलिस्ट ने कोडकारा पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया। उनका दावा था कि उन्होंने कन्वेंशन सेंटर में बम रखा था। उस पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। हमलों के अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को 14 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

बस्ती ने पुश्तैनी घर में बम बनाया, सुबह 7 बजे रखा गया
पुलिस पूछताछ में मार्टिन ने कई खुलासे किये। उन्होंने बताया कि, वह सोशल मीडिया से बम बनाना सीख रही थीं। थमन्न में जहां वो किराए पर रहता है, उस घर की छत पर बम का ट्रायल भी कर दिया गया था। बुनियादी ढांचे के दस्तावेज़ में बताया गया है कि वह बम कोच्चि से बाहर अलुवा स्थित अपने पुश्तैनी घर में बनाए गए थे। रविवार सुबह 7 बजे वो बम प्रार्थना स्थल पर रख आया था। उस वक्त वहां तीन लोग मौजूद थे।

हालाँकि, उन्होंने पुलिस के टिफिन बॉक्स थ्योरी को गलत बताया। मार्टिन के कहने पर उसने छह प्लास्टिक बैग तैयार किये थे। पेट्रोल से भरी बोतलें और कोच से गए 50 बोतल भी बैग में रखे थे, ताकि तेज बोतलें और आग लगें।

बस्ती ने ब्लास्ट से पहले फेसबुक लाइव किया था

डॉमिनिक मार्टिन ने पुलिस स्टेशन सरेंडर से पहले यह वीडियो पोस्ट किया था।

डॉमिनिक मार्टिन ने पुलिस स्टेशन सरेंडर से पहले यह वीडियो पोस्ट किया था।

पुलिस ने बताया कि डॉमिनिक ने सरेंडर को सबसे पहले फेसबुक पर लाइव किया था। इसमें ब्लास्ट की बात भी शामिल है। डॉमिनिक ने ऐसा करने की वजह भी बताई है। उन्होंने फेसबुक पर लाइव ग्यान में कहा है कि वो भी ईसाई धर्म के साक्षात्कर्ता समूह से संबंधित हैं, लेकिन उनकी समानता पसंद नहीं है। उन्हें देश के लिए खतरा बताया गया है, क्योंकि वे लोग देश के बच्चों के दिमाग में जहर घोल रहे हैं। इसलिए उन्होंने अपनी प्रार्थना सभा के दौरान बम विस्फोट किया।

विटनेसेस कौन हैं?
विटनेसेस ईसाईयों का एक अल्पसंख्यक समुदाय है। इसकी स्थापना पिट्सबर्ग (अमेरिका) में 1872 में हुई थी। विटनेसेस को ईसाई धर्म वाले होली ट्रिनिटी पर विश्वास नहीं करते।

ये लोग जीसस को ईश्वर का बेटा मानते हैं, न कि खुद ईश्वर। ये लोग जीसस की शिक्षाओं और उनके उदाहरणों को ही आदर्श मानते हैं। इसलिए ये खुद को ईसाई मानते हैं। इस समुदाय में कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है और ये बाज़ार में उभरे हुए हैं।

धमाकों के समय केरल के सीएम दिल्ली में हड़ताल दे रहे थे

जिस वक्त एर्नाकुलम में विद्रोह हो रहे थे, वह वक्ता केरल के सीएम पिन्नाराय विजय दिल्ली में हमास पर इजराइली कार्रवाई के धरने दे रहे थे।

जिस वक्त एर्नाकुलम में विद्रोह हो रहे थे, वह वक्ता केरल के सीएम पिन्नाराय विजय दिल्ली में हमास पर इजराइली कार्रवाई के धरने दे रहे थे।

29 अक्टूबर को जब केरल में शोक हुआ, उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन दिल्ली में हड़ताल दे रहे थे। यह हमलावर कम्युनिस्ट पार्टी ने गाजा में इजराइल पर हमलों का विरोध किया था। धमाकों के बाद भी विजय कहीं न कहीं मौजूद रही। हालाँकि, उन्होंने धमाकों को बंधक बना लिया था और सोमवार को विजयन ने एक सर्वदलीय बैठक की।

ब्लास्ट से एक दिन पहले फिलीस्तीन के समर्थन वाली रैली में हमास नेता वर्चुअली शामिल हुए थे

केरल में पिछले कुछ दिनों से फिलिस्तीन के समर्थक मुस्लिम संगठन लगातार रैलियां कर रहे हैं। कुछ दिन पहले एर्नाकुलम में हमास के समर्थन में एक रैली भी हुई थी। 27 अक्टूबर को भी मल्लपुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में हुई एक रैली में हमास नेता अस्थिर मशालची शामिल हुए थे। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *