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नई दिल्ली1 घंटा पहले
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![कोरोना के ज्यादातर दिव्यांग आश्रम आश्रम में हैं। प्रयोगशाला अस्पताल में लॉज नहीं हुआ है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/29/origkorona1605657130-1_1703832495.jpg)
कोरोना के ज्यादातर दिव्यांग आश्रम आश्रम में हैं। प्रयोगशाला अस्पताल में लॉज नहीं हुआ है।
24 घंटे में 797 लोगों की कोरोना रिपोर्ट आई, 798 मरीज ठीक और 5 की मौत। 7 महीने बाद कोरोना के तीन दर्ज मामले सामने आए। इससे पहले 19 मई 2023 को 865 की रिपोर्ट आई थी।
देश में कुल एक्टिव केस का नंबर 4091 हो गया है। यानि कि इन सोहेलियों का मादक द्रव्य इलाज चल रहा है। इनमें से केरल में सबसे ज्यादा 2522, कर्नाटक में 568 और महाराष्ट्र में 369 हाथी हैं।
वहीं, कोरोना के नए जेएन.1 में दिव्यांगों की संख्या 145 हो गई है। आदिवासियों का कहना है कि ज्यादातर मरीज होम वैजाइनल में हैं और हास्पिटल लाज़िट में रिजर्वेशन नहीं हुआ है।
फरवरी 2020 में देश में पहला कोरोना वायरस पाया गया था। तब से अब तक देश में 4.50 करोड़ लोग इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं। 4.44 करोड़ ठीक हुए। जबकि 5.33 लाख की मौत हुई है।
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नये विश्वविद्यालय को लेकर दिल्ली के अस्पताल रिजर्व बैंक
कोरोना के नए उभरते मामलों पर नजर डालते हुए दिल्ली के कर्मचारियों में बेड रिजर्व रखे जा रहे हैं। एम्स के बाद अब सफदरजंग अस्पताल ने गुरुवार (28 दिसंबर) को 50 बेड रिजर्व रखने का फैसला किया है। हॉस्पिटल की तरफ से बताया गया कि 50 बेड के अलावा 9 आईसीयू बेड भी रिजर्व रखे गए हैं। साथ ही ऑक्सीजन, पीपीई किट और कोविड स्क्रीनिंग किट भी एक्सिस में ली जाती है।
41 देश में फैला हुआ जेएन.1 स्टैटिस्टिक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कोरोना का नया जेएन.1 संगठन अब तक 41 देशों में चुका है। फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और स्वीडन में JN.1 के मामले सबसे ज्यादा हैं। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार सभी केसेज लक्षण के हैं।
WHO ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण यह है कि स्थाई वैक्सीन JN.1 पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इन लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।
हालाँकि WHO ने सावधानी के तौर पर एड डिज़ायरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंदा या सुपरमार्केट वाले पूर्वी एशिया के मुखौटों की रूपरेखा दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने का भी उल्लेख किया गया है।
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भारत में कहाँ से आये JN.1 छात्र?
काउंसिल इंडियन ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डॉक्टर। राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में जेएन.1 पर ऑक्सफोर्ड का पहला मामला सामने आया था। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट आई थी। महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लक्षण थे। हालाँकि बाद में वह ठीक हो गया।
कोविड के सब-वैरियेंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्ज़मबर्ग में हुई। यहां से यह देशों में फेलना शुरू हुआ। यह सब-वैरिएंट पिरोला स्टोइन्ट (बी.ई.2.86) से डूबा हुआ है। इसे इंसानियत के खिलाफ़ खतरनाक बताया जा रहा है। यही कारण है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर जारी किया गया है।
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अमेरिका में सितंबर में JN.1 का पहला रोगी मिला
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा था कि 8 दिसंबर तक अमेरिका में सब एसोसिएशन जेएन.1 पर 15% से 29% तक कोविड केसों की जिम्मेदारी है। सितंबर में पहली बार JN.1 का मरीज सामने आया था।
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