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नई दिल्ली3 मिनट पहले
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![कोरोना से एक्टिव केसों की संख्या 3 हजार 742 हो गई है। कोरोना का असर दक्षिण भारत के राज्यों में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/24/_1703411969.gif)
कोरोना से एक्टिव केसों की संख्या 3 हजार 742 हो गई है। कोरोना का असर दक्षिण भारत के राज्यों में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।
केरल में कोरोना से एक और मौत हो गई है। राज्य में पिछले 4 दिनों के दौरान 7 लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 425 नए मामले सामने आए हैं।
मूल में पिछले 24 घंटे के दौरान 656 केस मिले हैं। सक्रिय केसों की संख्या 3 हजार 742 हो गई है। 24 घंटे में 333 लोग कोरोना से रिकवर हुए। केरल में 296 लोग ठीक हुए हैं।
केरल के बाद कर्नाटक में कोरोना का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। यहां 24 घंटे में 104 नए मामले सामने आए और 8 लोग ठीक हुए। सक्रिय केसों की संख्या 271 हो गई है।
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केरल में क्यों बढ़ रहे हैं मामले?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार 22 दिसंबर को कहा था कि नवंबर में राज्य में कोविड केसों को देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां उदाहरण के तौर पर शेष राज्यों से सबसे ज्यादा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के नए एसोसिएशन JN.1 को लेकर कहा गया है कि स्थिति नियंत्रण में है।
WHO का दावा- 1 महीने में 52% बढ़ा नुकसान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पिछले एक महीने में भारत में कोरोना के मामलों में 52% की गिरावट आई है। 19 नवंबर से 17 दिसंबर के बीच 8 लाख 50 हजार मामले सामने आए और 3 हजार कलाकार हुए। हालांकि इस एक महीने के दौरान मृत्यु दर 8% कम हो गई है। इसका मतलब पिछले महीने कोरोना से 8% अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया था।
41 देश में फैला हुआ जेएन.1 स्टैटिस्टिक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कोरोना का नया जेएन.1 संगठन अब तक 41 देशों में चुका है। फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और स्वीडन में JN.1 के मामले सबसे ज्यादा हैं। भारत में 22 दिसंबर से नए छात्रों के 23 मामले मिले हैं। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, सभी केस लक्षण के हैं।
WHO ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण यह है कि स्थाई वैक्सीन JN.1 पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इन लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।
हालाँकि WHO ने सावधानी के तौर पर एड डिज़ायरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंदा या सुपरमार्केट वाले पूर्वी एशिया के मुखौटों की रूपरेखा दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने का भी उल्लेख किया गया है।
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केंद्र का निर्देश- सभी जिलों का परीक्षण करें
केंद्र सरकार ने 18 दिसंबर को सभी राज्यों के लिए नए उद्यमियों को एड जारी करने की घोषणा की। इसमें सभी राज्यों में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने की बात कही गई है। केंद्र ने प्रयोगशाला प्रयोगशालाओं के लिए प्रयोगशालाओं का निर्देश दिया है।
केंद्र के अधिसूचित के अनुसार अभी सीमा (केरल, तमिलनाडु) पर अत्यधिक चिंता या तत्काल प्रतिबंध की निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि केरल और टेम्प्लेट से जुड़े सभी सुपरमार्केट को सामीप्य मित्र चाहिए। क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान लोगों को विशेष रूप से सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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भारत में कहाँ से आये JN.1 छात्र?
काउंसिल इंडियन ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डॉक्टर। राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में सबसे पहला जेएन.1 यूनिवर्सिटी सामने आई थी। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट आई थी। महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लक्षण थे। हालाँकि बाद में वह ठीक हो गया।
कोविड के सब-वैरियेंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्ज़मबर्ग में हुई। यहां से यह देशों में फेलना शुरू हुआ। यह सब-वैरिएंट पिरोलो स्टोइन्ट्स (बी.ई.2.86) से डूबा हुआ है। इसे इंसानियत के खिलाफ़ खतरनाक बताया जा रहा है। यही कारण है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर जारी किया गया है।
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अमेरिका में 8 दिसंबर को JN.1 का पहला रोगी मिला
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा था कि 8 दिसंबर तक अमेरिका में सब एसोसिएशन जेएन.1 पर 15% से 29% तक कोविड केसों की जिम्मेदारी है। सितंबर में पहली बार JN.1 का मरीज सामने आया था।
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